इनेलो के कमजोर होने पर JJP की दिल्ली चुनावों में BJP से गठबंधन के प्रयास तेज

Edited By Shivam, Updated: 12 Jan, 2020 09:14 PM

jjp s efforts to tie up with bjp in delhi elections

जेजेपी हरियाणा की तर्ज पर दिल्ली विधानसभा चुनावों में भाजपा से गठबंधन की जमीन तलाशने के प्रयास में हैं। इन्हीं संभावनाओं की तलाश में उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने भारतीय जनता पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष जय प्रकाश नड्डा से नई दिल्ली में मुलाकात की...

चंडीगढ़ (चंद्र शेखर धरणी): जेजेपी हरियाणा की तर्ज पर दिल्ली विधानसभा चुनावों में भाजपा से गठबंधन की जमीन तलाशने के प्रयास में हैं। इन्हीं संभावनाओं की तलाश में उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने भारतीय जनता पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष जय प्रकाश नड्डा से नई दिल्ली में मुलाकात की और दिल्ली विधानसभा चुनाव समेत विभिन्न राजनीतिक विषयों पर चर्चा की।

दिल्ली विधानसभा चुनावों में हरियाणा के राजनैतिक नेतायों विशेष कर जाट नेताओं की पूछ सभी राजनैतिक दलों में इसलिए भी रहती है क्योंकि दिल्ली के तीन तरफ हरियाणा है। हरियाणा के बहुत से लोग दिल्ली की अनेकों विधानसभाओं में रहते हैं। अतीत में इनेलो दिल्ली के चुनावों में सदैव भाग लेती रही है। वर्तमान में हरियाणा में इनेलो प्रमुख विपक्षी दल से मात्र एक सीट पर आश्रित रह गई है, इसलिए दिल्ली में विधानसभा चुनावों में इनेलो की इस बार कोई सक्रियता न रहते देख जेजेपी ने अभी से दिल्ली की 15-20 सीटों पर चुनाव लडऩे की रणनीति बना शुरुआत कर दी है।

दिल्ली में पिछले विधानसभा चुनावों में 2015 के अंदर अरविंद केजरीवाल की पार्टी आप ने भाजपा व कांग्रेस को धरातल पर ला खड़ा किया व 67 सीटें जीत गई थी। केजरीवाल की पार्टी आप से अतीत में जेजेपी का भी गठबंधन रहा है, मगर जल्दी टूट गया। जेजेपी ने हरियाणा में 10 सीटें चुनावों में जीत कर चुनाव परिणाम आने के बाद भाजपा से गठबंधन करके सत्ता में भागीदार है व उपमुख्यमंत्री का पद दुष्यंत चौटाला के पास है।

जेजेपी नेता भी भली भांति जानतें हैं कि दिल्ली के क्षेत्रीय व जातीय समीकरणों के आधार पर भजपा को दिल्ली में प्रचार के लिए प्रमुख जाट नेताओं के चेहरों की जरूरत है। भाजपा द्वारा दिल्ली चुनावों में पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह, ओपी धनखड़ व कैप्टन अभिमन्यु जैसे चेहरों का भी इस्तेमाल करेगी। यह तीनों नेता या इनके परिवार के कोई सदस्य हरियाणा विधानसभा चुनावों में हार चुके हैं, इसलिए भजपा को भी ऐसे जाट चेहरों जिनकी जनता में मान्यता व लोकप्रियता हो कि जरूरत रहेगी।

हरियाणा में भाजपा के गठबंधन की सरकार में दो ऐसे चेहरे हैं, जिनपर भाजपा आवश्यकता अनुसार चुनाव प्रचार की जिम्मेदारी डाल सकती है। उनमें बिजली मंत्री रणजीत सिंह जो निर्दलीय जीते व जेजेपी के दुष्यन्त चौटाला हो सकते हैं। अब जब जेजेपी ने दिल्ली चुनावों में चुनाव लडऩे का खुद एलान कर रखा है। जेजेपी के प्रयास होंगे कि 70 सीटों में से 8-10 सीटें जेजीपी को मिल जाएं व गठबन्धन में चुनाव लड़े जाएं। हरियाणा भाजपा ने अपने तीन दर्जन नेताओं की ड्यूटी दिल्ली में पहले ही लगा रखी है।

दिल्ली चुनावों में भाजपा ने गठबंधन में चुनाव लडऩे हैं या अकेले इसका फैसला तो भजपा हाईकमान करेगी। दिल्ली देश की राजधानी है तथा केंद की सरकार भी वहीं से चलती है तो भाजपा हर हाल में दिल्ली चुनावों में अपनी सरकार बनाना चाहेगी। जेजेपी हरियाणा में भाजपा का सहयोगी व सत्ता में गठबंधन का प्रमुख दल है। अब क्या दिल्ली में भजपा का गठबंधन दल बन पाता है या नहीं, इस पर सबकी निगाहें हैं।

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