Edited By Saurabh Pal, Updated: 26 Jul, 2024 06:15 PM
पेरिस ओलंपिक 2024 के लिए तुर्की के अंतालिया शहर में तीरांदाजी का क्वालीफायर मुकाबला चल रहा था। ओलंपिक में स्थान पक्का करने के लिए यह मुकाबला अंतिम पायदान था, यहां से एक हार सीधे घर वापसी करा सकती थी और एक जीत पेरिस ओलंपिक का कोटा दिलवा सकती...
डेस्क(सौरभ बघेल): पेरिस ओलंपिक 2024 के लिए तुर्की के अंतालिया शहर में तीरंदाजी का क्वालीफायर मुकाबला चल रहा था। ओलंपिक में स्थान पक्का करने के लिए ये मुकाबला अंतिम पायदान था, यहां से एक हार सीधे घर वापसी करा सकती थी और एक जीत पेरिस ओलंपिक का कोटा दिलवा सकती थी। माहौल में अजीब से कश्मकश थी। भारत की जानीमानी तीरंदाज दीपिका कुमारी के निराशाजनक प्रदर्शन के बाद हरियाणा के सिरसा की 18 वर्षीय भजन कौर ने मोर्चा संभाला। हरियाणा की बेटी भजन ने ईरान की टॉप तीरांदाज मोबिना फल्लाह को सीधे सेंटों में हराकर गोल्ड जीतने के साथ ही सब का ध्यान अपनी तरफ खींच लिया। इसके साथ ही पेरिस ओलंपिक 2024 में अपना कोटा पक्का कर लिया।
तीरांदाजी में अंकिता, भजन व दीपिका से उम्मीदें
फ्रांस के पेरिस में आयोजित ओलंपिक 2024 का श्रीगणेश तीरांदाजी के खेल से होगा। भारत की तरफ से तीरंदाजी में हरियाणा की भजन कौर और झारखंड की दीपिका कुमारी हैं। इनके अलावा पश्चिम बंगाल से संबंध रखने वाली अंकिता भकत इस प्रतियोगिता में प्रतिभाग करेंगी। इन तीन तीरांदाजों में सबसे कम उम्र भजन कौर की है, लेकिन मेडल की उम्मीद सबसे ज्यादा है। भजन महज 18 वर्ष की हैं और वह ओलंपिक में पहली बार मेडल के लिए निशाना लगाएंगी। इससे पहले भजन ने वर्ष 2022 में एशियन गेम्स में ब्रांज मेडल जीत चुकी हैं।
आत्मविश्वास से परिपूर्ण, लेकिन अनुभव की कमी
भजन कौर महज 18 वर्ष की उम्र में विश्वस्तरीय प्रतियोगिता में खुद को साबित करने के लिए पहली बार उतरेंगी। इस प्रतियोगिता में कम उम्र और अनुभव की कमी जरूर खलेगी। वहीं पिछले मुकाबलों में किए गए शानदार प्रदर्शनों का आत्मविश्वास भी उनके साथ होगा। इससे पहले उन्होंने एशियन गेम्स और ओलंपिक क्वालीफायर जैसे मल्टीनेशनल प्रतियोगिता में भाग लिया है। इन दोनों प्रतियोगिताओं में उन्होंने अपने नाम मेडल किया है।
भजन कौर का प्रदर्शन
- 2023: अगस्त में, वह पेरिस, फ्रांस में हुंडई तीरंदाजी विश्व कप में कांस्य जीतने वाली भारतीय रिकर्व टीम का हिस्सा थीं।
- 2023: जुलाई में, उन्होंने लिमरिक में यूथ वर्ल्ड चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता। उन्होंने अंडर-21 महिला रिकर्व व्यक्तिगत वर्ग में चीनी ताइपे की सु ह्सिन-यू को 7-1 (28-25, 27-27, 29-25, 30-26) से हराया।
- 2023: जून में, वह कोलंबिया के मेडेलिन में आयोजित तीरंदाजी विश्व कप स्टेज 3 में शीर्ष-10 में रहीं।
- 2023: अप्रैल में, वह तुर्की के अंताल्या में तीरंदाजी विश्व कप के सेमीफाइनल में पहुँची।
- 21 अप्रैल को क्वार्टर फाइनल में, भजन ने शीर्ष वरीयता प्राप्त अल्जेंद्रा वालेंसिया को 6-5 से हराया।
संघर्षों से भरा रहा ओलंपिक का सफर
भजन कौर ने बताया कि जब उसने पिता से इच्छा जाहिर की कि वह तीरंदाजी करना चाहती है तो एक बार पिता को बहुत अच्छा लगा, लेकिन घर की आर्थिक तंगी की परेशानी ने घेर लिया। तीरंदाजी की किट बहुत महंगी आती है। इसलिए उस समय पिता इतने सक्षम नहीं थे कि बेटी को किट लाकर दे सकें। बेटी की जिद्द और जज्बा देखकर पिता ने शहर के आढ़तियों से पैसे उधार लिए। वहीं आस-पास से पैसे जुटाकर बेटी के लिए पहला तीरंदाजी किट 25 हजार रुपये में खरीद लाए। इससे कुछ काम चला, लेकिन किट इतनी अच्छी नहीं थी। इसके बाद एक बार फिर से पैसे जुटाकर पिता ने साढ़े तीन लाख रुपये की किट बेटी को लाकर दी। इसके बाद फिर भजन कौर ने पीछे मुड़कर नहीं देखा।
ऐसे जगा तीरांदाजी का शौक
भजन कौर बताती है कि जब वह 8वीं कक्षा में थी, तो किसी सीनियर की आर्चरी की बौ (धनुष-बाण उपकरण) स्कूल में रह गई थी। इस दौरान स्कूल के एक शिक्षक ने उन्हें बौ चलाने के लिए कहा। ऐसे में उसने बहुत अच्छे से बौ की सहायता से तीरंदाजी की। इसे देखकर स्कूल के सभी शिक्षक प्रभावित हुए और यहीं से उसका तीरंदाजी का सफर शुरू हो गया।
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