जमीन अधिग्रहण मामले में हुड्डा व वाड्रा के खिलाफ मामला दर्ज(VIDEO)

Edited By Shivam, Updated: 01 Sep, 2018 08:57 PM

मानेसर लैंड डील स्कैम के बाद एक और जमीन अधिग्रहण मामले में पूर्व सीएम भूपिंदर सिंह हुड्डा सहित अन्य कई बड़े चेहरों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में दर्ज मामले में गुरूग्राम में खेड़कीदौला सेक्टर- 83 के जमीन अधिग्रहण...

चंडीगढ़(धरणी/सतीश): पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ड वाड्रा की मुश्किलें बढ़ती ही जा रही है। अब गुरुग्राम के खैड़की दौला जमीन मामले में हुड्डा और वाड्रा के खिलाफ बाय नेम मामला दर्ज किया गया है। यह मामला भूपेंद्र हुड्डा, रॉबर्ड वाड्रा के अलावा डीएलएफ और ओमकारेश्वर प्रॉपर्टीज के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है। इन सभी पर धारा 420 ,120 बी 467, 468 471 के तहत केस दर्ज किया गया है। इनके अलावा भ्रष्टाचार अधिनियम 1988 की धारा 13 के तहत भी मामला दर्ज किया गया है। वाड्रा की स्काई लाइट हॉस्पिटैलिटी ने गुडग़ांव के सेक्टर 83, शिकोहपुर, सिकंदरपुर, खेड़की दौला और सिही में 7.5 करोड़ रुपये में जमीन खरीदी, लेकिन लैंड यूज बदलने के बाद 55 करोड़ रुपये में जमीन बेच दी।

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साल 2007 में स्काई लाइट होस्पिटल्टी नाम से कंपनी पंजीकृत की गई थी और साल 2008 में इस कंपनी ने ओमकारेश्वर प्रॉपर्टीज से साढ़े तीन एकड़ जमीन खरीदी जिसकी कीमत साढ़े सात करोड़ दिखाई गई। इससे पहले ईडी भी इस मामले में छापे मारी कर चुकी है। गौरतलब है की सुप्रीम कोर्ट ने रॉबर्ड वाड्रा को पहले ही झटका देते हुए उनकी कंपनी द्वारा आयकर विभाग के नोटिस को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया था। बता दें कि आयकर विभाग ने 2010-11 में हरियाणा और राजस्थान में हुए वाड्रा के जमीन सौदे के पुनर्मूल्याकंन की मांग की थी और इसी के खिलाफ वाड्रा की कंपनी ने याचिका दायर की थी।

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उल्लेखनीय है कि हरियाणा सरकार वाड्रा लैंड डील मामले की जांच के लिए जस्टिस ढींगरा आयोग का गठन करने के बाद राबर्ट वाड्रा की स्काई लाइट कंपनी को नोटिस जारी कर पूछा था कि कंपनी पर हरियाणा वैट एक्ट के उल्लंघन को लेकर क्यों न कार्रवाई की जाए? राज्य के एक्साइज एंड टैक्सेशन विभाग ने स्काई लाइट कंपनी को गत 28 मार्च तक वैट असेसमेंट देने के आदेश जारी किए थे। विभाग ने कंपनी को नोटिस भेज कर कहा था कि स्काई लाइट कंपनी ने अपना लाइसेंस डीएलएफ को बेचा है, लिहाजा उसे वैट अदा करना होगा।   कंपनी इस बात पर अड़ी रही कि उसने अपने अधिकार वाली 3.53 एकड़ भूमि डीएलएफ को बेच दी है।

कंपनी ने याचिका में आरोप लगाया कि सरकार यह अंदाजा लगा रही है कि कंपनी ने जमीन के साथ अपना लाइसेंस भी डीएलएफ को बेच दिया है, जबकि कंपनी ने सरकार की अनुमति से लाइसेंस ट्रांसफर किया था, जिसके लिए पूरी फीस अदा की गई थी। ऐसे में कंपनी पर वैट की अदायगी नहीं बनती है। इसके बाद भी एक्साइज एंड टैक्सेशन विभाग कंपनी को वैट के लिए परेशान कर रहा है। कंपनी ने याचिका दायर कर हरियाणा के एक्साइज एंड टैक्सेशन विभाग की ओर से जारी उस नोटिस को चुनौती दी थी, जिसके तहत विभाग ने स्काई लाइट कंपनी को नोटिस भेजकर वेट असेसमेंट पर जवाब मांगा था। कंपनी ने याचिका में कहा कि कंपनी के पास जो 3.53 एकड़ जमीन थी, उसे उसने वर्ष 2012 में ही डीएलएफ को बेच दिया था।

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