Edited By Yakeen Kumar, Updated: 06 Jan, 2025 05:50 PM
सुहैब इलियासी कभी भारत के पहले क्राइम रियलिटी शो 'इंडियाज मोस्ट वांटेड' के चर्चित चेहरे थे तो आज अलग ही राह पर हैं। अपराधियों को पकड़वाने वाले इस नायक ने अब अपराध की दुनिया से हटकर श्रीमद्भगवद गीता के गहरे ज्ञान में अपना नया उद्देश्य पा लिया है।
चंडीगढ़ (चन्द्र शेखर धरणी) : सुहैब इलियासी कभी भारत के पहले क्राइम रियलिटी शो 'इंडियाज मोस्ट वांटेड' के चर्चित चेहरे थे तो आज अलग ही राह पर हैं। अपराधियों को पकड़वाने वाले इस नायक ने अब अपराध की दुनिया से हटकर श्रीमद्भगवद गीता के गहरे ज्ञान में अपना नया उद्देश्य पा लिया है। उनकी इस प्रेरणादायक यात्रा ने न केवल उनके प्रशंसकों को चौंकाया है, बल्कि एक नई चर्चा को भी जन्म दिया है।
चमक-धमक वाली जिंदगी से अध्यात्म की ओर
36 साल से ऊपर की उम्र वाले भारतीयों के लिए सुहैब इलियासी कोई अनजान नाम नहीं हैं। उनके शो ‘इंडियाज मोस्ट वांटेड’ ने ज़ी टीवी पर हर गुरुवार को लाखों दर्शकों के दिलों पर राज किया। यह शो 135 वांछित अपराधियों को पकड़ने में मददगार साबित हुआ और सुहैब को घर-घर में मशहूर कर दिया।
रामायण और महाभारत जैसे पौराणिक धारावाहिकों की तरह, उनके शो के समय सड़कें सूनी हो जाया करती थीं।
लेकिन प्रसिद्धि अपने साथ चुनौतियाँ भी लाती है। 2000 में उनकी पत्नी की आत्महत्या ने उनकी ज़िंदगी को हिला दिया। उन पर दहेज हत्या के आरोप लगे और लंबी कानूनी लड़ाई के बाद 2019 में उन्हें बरी कर दिया गया। इसी कठिन दौर में जेल के भीतर उन्होंने श्रीमद्भगवद गीता के चमत्कारी ज्ञान से अपनी ज़िंदगी को फिर से परिभाषित किया।
जेल से ज्ञान तक: गीता की चमत्कारी शक्ति
हाल के सार्वजनिक भाषणों में, सुहैब गीता के अपने अनुभवों को बड़े उत्साह से साझा करते हैं। उनके शब्दों में:
"श्रीमद्भगवद गीता एक चमत्कारी ग्रंथ है। यह एक दिव्य ग्रंथ है जिसने मेरी ज़िंदगी बदल दी। आज मैं आपके सामने खड़ा हूँ, ताकि मैं आपको इस किताब की जादुई ऊर्जा और इसकी जीवन बदलने वाली ताकत के बारे में बता सकूं।"
वे कहते हैं कि गीता जीवन की हर चुनौती का समाधान प्रस्तुत करती हैं, "यदि आप बीमार हैं, गीता आपको ठीक कर सकती है। यदि आप आर्थिक परेशानियों में हैं, यह आपके हालात को बदल सकती है। यदि आप हताश और उद्देश्यहीन महसूस कर रहे हैं, तो गीता का दिव्य ज्ञान आपके जीवन में खुशी और उद्देश्य ला सकता है। यह सिर्फ एक किताब नहीं, बल्कि एक जीवन-परिवर्तनकारी शक्ति है।"
लेखक और प्रेरक के रूप में नई भूमिका
अपने आध्यात्मिक सफर से प्रेरित होकर, सुहैब ने 'श्रीमद्भगवद गीता: जीने की राह' नामक किताब लिखी। इस किताब का विमोचन आरएसएस के वरिष्ठ नेता इंद्रेश कुमार ने नई दिल्ली में किया। इसे आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत का समर्थन भी मिला, जिन्होंने उनके प्रयासों की प्रशंसा की।
सुहैब ने बताया कि जेल में बिताए गए समय ने उन्हें आत्मचिंतन का अवसर दिया। उन्होंने कहा, "शायद यह भगवान की योजना थी कि मैं गीता के ज्ञान में डूब सकूं, जो शायद अन्यथा संभव नहीं होता।"
धर्मों की सीमाओं से परे एकता का संदेश
एक मुस्लिम होने के बावजूद, सुहैब का गीता के प्रति यह लगाव धर्मों की सीमाओं से परे जाता है। उनका मानना है कि गीता का ज्ञान सार्वभौमिक है और सभी धर्मों के लोगों के लिए उपयोगी है। वे कहते हैं:
"एक मुस्लिम के रूप में, मेरे लिए सभी पैगंबरों और धर्मग्रंथों का सम्मान करना महत्वपूर्ण है। गीता के चमत्कारिक ज्ञान को समझकर मैंने इसका अद्भुत प्रभाव महसूस किया।"
आधुनिक युग के लिए गीता का संदेश
गीता से मिले सबक साझा करते हुए, सुहैब आत्म-जागरूकता और सच्ची ज़िंदगी जीने की आवश्यकता पर ज़ोर देते हैं। वे कहते हैं:
"गीता हमें हमारे सामाजिक किरदारों और भौतिक संपत्तियों से परे देखने की शिक्षा देती है। यह हमें अपने भीतर झांकने और स्थायी शांति व संतोष खोजने की प्रेरणा देती है।"
एक नई विरासत की शुरुआत
आज, सुहैब इलियासी अपराधियों को पकड़वाने वाले नायक से एक आध्यात्मिक प्रेरक के रूप में उभरे हैं। गीता के चमत्कारों को दुनिया के साथ साझा करने की उनकी नई ज़िंदगी न केवल उनकी खुद की मुक्ति की कहानी है, बल्कि यह दर्शाती है कि कैसे जीवन की कठिनाइयों को एक उच्च उद्देश्य में बदला जा सकता है। जैसा कि वे खुद कहते हैं: "अब मेरी ज़िंदगी का मिशन है गीता के चमत्कारों को दुनिया के साथ साझा करना। इसमें मुझे असीम खुशी मिली है।"