Edited By Deepak Kumar, Updated: 06 Aug, 2025 04:46 PM

पहाड़ी इलाकों में हो रही वर्षा के चलते यमुना का जलस्तर बढ़ने लगा है। इसके चलते हथिनीकुंड बैराज पर आज सुबह 73000 क्यूसेक पानी दर्ज किया गया।
यमुनानगर (सुरेंद्र मेहता) : पहाड़ी इलाकों में हो रही वर्षा के चलते यमुना का जलस्तर बढ़ने लगा है। इसके चलते हथिनीकुंड बैराज पर आज सुबह 73000 क्यूसेक पानी दर्ज किया गया, जबकि 1 लाख क्यूसेक पानी आने पर उसे लो फ्लड माना जाता है और सायरन बजाकर बैराज के सभी 18 गेट खोले जाते हैं।
सिंचाई विभाग के कार्यकारी अभियंता विजय गर्ग ने बताया कि आज सुबह 6 बजे 73000 क्यूसेक पानी हथिनी कुंड बैराज पर दर्ज किया गया, जिसमें से 61000 क्यूसेक पानी यमुना में छोड़ गया। उन्होंने बताया कि फिलहाल 65000 क्यूसेक पानी यमुना में चल रहा है, जिसमें से 54000 क्यूसेक पानी यमुना में डिस्चार्ज हो रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि 1 लाख क्यूसेक पानी होने पर उसे लो फ्लड माना जाता है, जिसके बाद बैराज पर सायरन बजाकर लोगों को अलर्ट किया जाता है। इसकी सूचना प्रशासन को दी जाती है। और बैराज के सभी 18 गेट खोल दिए जाते हैं। लेकिन फिलहाल ऐसी स्थिति नहीं है ।
कार्यकारी अभियंता ने बताया कि इस समय दादूपुर हेड पर 10000 क्यूसेक पानी की डिमांड है। और इतना ही पानी उसमें छोड़ा जा रहा है। उन्होंने लोगों से अपील की की वर्षा के दिनों में ना तो स्वयं यमुना में जाएं या ना अपने पशुओं को लेकर जाएं। क्योंकि पानी कभी भी ज्यादा आ सकता है। इससे दिक्कत परेशानी बढ़ सकती है।
कार्यकारी अभियंता ने बताया कि उत्तराखंड के डाक पत्थर, पोंटा साहब आदि इलाकों में वर्षा के बाद यमुना का जलस्तर बढ़ता है ।जो हथिनी कुंड बैराज पर दर्ज किया जाता है। और एक लाख क्यूसेक पानी होने के बाद बैराज के सभी गेट खोले जाते हैं और उससे पहले तीन बार सायरन बजाया जाता है ताकि लोग इस सतर्क हो जाए।
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