World Boxing Championship: दीपक भोरिया ने जीता कांस्य पदक, कहा- युवाओं को नशा ही करना है तो कामयाबी का करें(VIDEO)

Edited By Manisha rana, Updated: 17 May, 2023 02:41 PM

एक कहावत है कि मेहनत करने वालों की कभी हार नहीं होती। ऐसा ही कुछ कर दिखाया है देश के बेटे दीपक भोरिया ने। कभी घर-घर जाकर अखबार बांटने वाले...

बहादुरगढ़ (प्रवीण धनखड़) : एक कहावत है कि मेहनत करने वालों की कभी हार नहीं होती। ऐसा ही कुछ कर दिखाया है देश के बेटे दीपक भोरिया ने। कभी घर-घर जाकर अखबार बांटने वाले दीपक भोरिया ने सीनियर वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप में कांस्य पदक हासिल कर देश का नाम रोशन किया है। सीनियर वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीतकर लौटे खिलाड़ी दीपक भोरिया का बहादुरगढ़ में जोरदार स्वागत किया गया। शहर के सेक्टर-9 मोड़ पर खिलाड़ियों और खेल प्रेमियों ने फूल माला पहनाकर खिलाड़ी दीपक का जोरदार स्वागत किया।


दीपक ने 51 किलोग्राम भार वर्ग में कांस्य पदक हासिल कर देश का नाम किया रोशन 


बता दें कि हाल ही में ताशकंद में आयोजित हुई सीनियर वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप में मूल रूप से सोनीपत के धनाना गांव के रहने वाले अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी दीपक भोरिया ने 51 किलोग्राम भार वर्ग में कांस्य पदक हासिल कर देश का नाम रोशन किया है। इस प्रतियोगिता में दीपक का क्वार्टर फाइनल मुकाबला किर्गिस्तान के खिलाड़ी से हुआ था। जिसमें दीपक ने प्रतिद्वंद्वी खिलाड़ी को 5-2 के अंतर से मात दी। वहीं सेमीफाइनल मुकाबले में फ्रांस के खिलाड़ी से जबरदस्त मुकाबला हुआ। मगर दीपक 4-3 के अंतर से हार गए। जिसकी वजह से खिलाड़ी दीपक को ब्रॉज मेडल से संतोष करना पड़ा। इससे पहले दीपक कई राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में पदक हासिल कर हरियाणा और देश का नाम रोशन कर चुका है। दीपक ने अपनी इस जीत का श्रेय अपने कोच सीनियर खिलाड़ियों और अपने परिजनों को दिया है।


2019 में हुई एशियन चैंपियनशिप में भी पदक हासिल कर चुका है दीपक 

बताया जा रहा है कि दीपक इससे पहले 2019 में हुई एशियन चैंपियनशिप में भी पदक हासिल कर चुका है। इतना ही नहीं ओलंपिक मेडलिस्ट खिलाड़ियों को भी मात देकर पदक दीपक ने हासिल किए हैं। दीपक का अगला लक्ष्य आगे होने वाली एशियन चैंपियनशिप है। जिसके लिए वह पटियाला में आयोजित कैंप में हिस्सा लेगा। दीपक भारतीय सेना में बतौर सूबेदार कार्यरत है। वह फिलहाल पुणे स्पोर्ट्स कॉन्प्लेक्स में तैनात है। दीपक के पिता सुरेंद्र होमगार्ड हैं और माता सुमित्रा एक ग्रहणी है दीपक अपने शुरुआती दिनों में बॉक्सिंग की प्रैक्टिस करने के साथ-साथ घर घर जाकर अखबार बांटने का काम भी करता था। आज भी उसे उसे जानने वाले लोग अखबार वाला कहकर पुकारते हैं।


युवाओं को नशा ही करना है तो कामयाबी का करें- दीपक भोरिया


अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी दीपक ने साथी युवा खिलाड़ियों को मेहनत करने के लिए प्रेरित किया। उनका कहना है कि एक न एक दिन युवा खिलाड़ियों को उनकी मेहनत का फल अवश्य मिलेगा। इतना ही नहीं उन्होंने प्रदेश के युवाओं को नशे से दूर रहने की भी सलाह दी है। उनका कहना है कि अगर युवाओं को नशा ही करना है तो कामयाबी का करें। जिससे उन्हें नाम और शोहरत दोनों हासिल होंगे। 

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