weather : मार्च के प्रथम सप्ताह में बढ़ते तापमान से गर्मी के तेवर हो सकते हैं तीखे

Edited By Manisha rana, Updated: 27 Feb, 2021 08:26 AM

weather  rising temperature in the first week of march cause sharp heat

फरवरी के अंतिम सप्ताह में मौसम के तापमान ने लोगों को गर्मी का अहसास करवाना शुरू कर दिया है। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार दिन के अधिकतम तापमान में बढ़ौत्तरी होने लगी है। कृषि विश्वविद्यालय के मौसम विभाग के संकेतों के...

कुरुक्षेत्र : फरवरी के अंतिम सप्ताह में मौसम के तापमान ने लोगों को गर्मी का अहसास करवाना शुरू कर दिया है। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार दिन के अधिकतम तापमान में बढ़ौत्तरी होने लगी है। कृषि विश्वविद्यालय के मौसम विभाग के संकेतों के अनुसार हरियाणा के कुछ जिलों में तो तापमान के तेवर तीखे हो चुके हैं। तापमान के बढऩे से लोगों ने गर्म कपड़ों को भी पहनने में कटौती करनी शुरू की है।

मौसम विभाग के अनुसार कुरुक्षेत्र तथा आसपास के क्षेत्रों में फरवरी के अंतिम सप्ताह में अधिकतम तापमान 30 से 32 डिग्री के पार पहुंचा है। यह सामान्य से अधिक तेजी दिखा रहा है। डा. एस.एन. कपूर के अनुसार मार्च के प्रथम सप्ताह में और आने वाले दस दिनों में तापमान बढऩे से गर्मी तीखी हो सकती है। माना जा रहा है कि तापमान 35 से 36 डिग्री के पार भी जा सकता है। हालांकि मौसम विभाग के अनुसार 3 और 4 मार्च के बीच बादल छा सकते हैं और बूंदाबांदी हो सकती है। 27 फरवरी से दिन के तापमान में कुछ गिरावट होने की संभावना है। जबकि इस दौरान रात के तापमान सामान्य से कुछ ऊपर ही बने रहेंगे। 1 मार्च से रात के तापमान में भी 2 से 4 डिग्री की गिरावट हो सकती है। 

खाने पीने की आदतों में परिवर्तन 
तापमान के परिवर्तन के साथ लोगों की रोजाना खाने पीने की आदतों में परिवर्तन देखा जा रहा है। पिछले एक सप्ताह के दौरान लोगों ने गर्म चीजों के स्थान पर ठंडी चीजों की ओर रुख किया है लेकिन चिकित्सा विशेषज्ञों के अनुसार इस समय ठंडे पेय पदार्थ अथवा आइसक्रीम इत्यादि स्वास्थ्य को खतरे में डाल सकते हैं। डा. शालिनी छाबड़ा ने कहाकि तापमान जरूर बढ़ रहा है लेकिन बदलते मौसम में बर्फ से बनी चीजें बीमार कर सकती हैं। सावधानी जरूरी है।  

किसानों को परामर्श 
कृषि वैज्ञानिक डा. सी.बी. सिंह के अनुसार जिस तेजी से यह तापमान बढ़ रहा है, उन किसानों की गेहूं की फसल के लिए ठीक नहीं है जिन्होंने आलू उखाडऩे के बाद पछेती गेहूं की बिजाई की है। डा. सिंह ने कहा कि यह तापमान पछेती गेहूं के उत्पादन को सीधे प्रभावित करेगा। फसल कम होगी। उन्होंने किसानों को इसके लिए कृषि विशेषज्ञों से परामर्श का सुझाव दिया। 

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