विश्व हिंदू परिषद ने ममता बनर्जी को लेकर किया कटाक्ष, बोले-  चल रही है अंग्रेजों की नीति पर

Edited By Isha, Updated: 24 Jan, 2021 03:28 PM

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पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती कार्यक्रम में अपना अपमान होने की बात कहकर भाषण देने से मना कर गई थी, उसे लेकर विश्व हिंदू परिषद ने ममता बनर्जी पर ही सवाल खड़ा

रोहतक(दीपक): पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती कार्यक्रम में अपना अपमान होने की बात कहकर भाषण देने से मना कर गई थी, उसे लेकर विश्व हिंदू परिषद ने ममता बनर्जी पर ही सवाल खड़ा कर दिया और विश्व हिंदू परिषद के संयुक्त महासचिव सुरेंद्र जैन ने तो यहां तक कह दिया कि जब उनके कार्यक्रम में अल्लाह हू अकबर के नारे गूंजते हैं तो जय श्री राम के नारों से परेशानी क्यों। सुरेंद्र जैन ने कहा कि ममता को बंगाल के चुनाव में अपनी हार साफ दिख रही है इसलिए वे इस तरह का व्यवहार करके जनता को बांटने में जुटी हुई है।

विश्व हिंदू परिषद के संयुक्त महासचिव सुरेंद्र जैन ने ममता बनर्जी द्वारा नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर हुए कार्यक्रम में प्रधानमंत्री पर उठाए सवाल को लेकर कटाक्ष करते हुए कहा कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर जय श्रीराम के नारे को जिस प्रकार से ममता बनर्जी ने रेस्पॉन्ड किया है, वह बहुत दुर्भाग्य पूर्ण है। केवल उनके नहीं प्रधानमंत्री के निमंत्रण पर भी क्या जय श्री राम का नारा नहीं लगा था। बाकी तो नहीं चिढे, केवल यही क्यों चिढ़ी, यह बहुत बड़ा प्रश्न चिन्ह पूरे देश के सामने है।  राम  किसी धर्म के नहीं, किसी प्रदेश के नहीं हैं।

राम महापुरुष हैं और इसीलिए डॉक्टर भीमराव अंबेडकर ने संविधान की पहली प्रति के पहले पृष्ठ पर भगवान राम का चित्र लगाया था। क्योंकि राम पूरे देश को जोड़ता है, राम को कम्युनलाइज  करके उन्होंने बहुत बड़ा अपराध किया है। ममता जी के कार्यक्रम में अल्लाह हू अकबर के नारे लगते हैं तो प्रसन्न होती हैं। राम से लड़ाई लेना आसान नहीं है, जो भी राम से लड़ा है उसका क्या हश्र हुआ है। उनको मालूम है कि हार होने वाली है। बंगाल की जनता इसे बर्दास्त नही करेगी।बंगाल का हिंदू भी उतना ही राम प्रेमी है, जितना उत्तर प्रदेश का है या पूरे भारत का।  ममता को भरपूर जवाब जनता देगी।

राम जोड़ता है तोड़ता नहीं। हम राम के माध्यम से पूरे देश को जोड़ रहे हैं, ममता बंगाल के अंदर मां काली और राम के बीच में भी भेद पैदा करना चाहती है, ऐसा लगता है कि वह अंग्रेजों की विरासत को लेकर आगे बढ़ रही है और बंगाल की जनता को विभाजित करना चाहती है। पहले उन्होंने बंगाल की जनता को हिंदू मुस्लिम में बांटा कभी रमजान के कारण से उन्होंने हमारे त्यौहारों पर दुर्गा पूजा पर रोक लगाई और अब हिंदुओं के अंदर भी विभाजन करना चाहती हैं, यह काली पूजक है यह राम पूजक है। लेकिन वे सफल नहीं होंगी। उनको ध्यान रख लेना चाहिए कि सोनार बांग्ला को वे बांग्लादेश नहीं बना सकती। वोटों के लालच में वह यह बहुत बड़ा पाप कर रही हैं। बंगाल की जनता इसको स्वीकार नहीं करेगी।

 

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