Edited By Gourav Chouhan, Updated: 30 Oct, 2022 10:46 PM

गुप्ता ने कहा कि उन्होंने पिछले वर्ष घग्गर नदी के तट पर छठ पूजा घाट के निर्माण के लिए अपने स्वैच्छिक कोष से 25 लाख रूपए की राशि दी थी और उन्हें प्रसन्नता है कि अब यह घाट बन कर तैयार हो चुका है।
पंचकूला(चंद्रशेखर धरणी): हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता ने पंचकूला के सेक्टर-21 में घग्गर किनारे छठ पूजा घाट पर आयोजित छठ पूजा पर्व समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की। इस अवसर पर हजारों की संख्या में उपस्थित लोगों के बीच उन्होंने घग्गर किनारे छठ मैया की पूजा की तथा भगवान सूर्य को अर्घ दिया। उनके साथ नगर निगम के महापौर कुलभूषण गोयल भी उपस्थित थे।
पूर्वांचल के लोगों को छठ पूजा पर्व की बधाई व शुभकामनायें देते हुये गुप्ता ने कहा कि आज छठ पूजा पर्व पंचकूला के साथ-साथ देश भर में धूम-धाम से मनाया जा रहा है। गुप्ता ने कहा कि उन्होंने पिछले वर्ष घग्गर नदी के तट पर छठ पूजा घाट के निर्माण के लिए अपने स्वैच्छिक कोष से 25 लाख रूपए की राशि दी थी और उन्हें प्रसन्नता है कि अब यह घाट बन कर तैयार हो चुका है और यहां माताओं व बहनों के लिए सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध करवाई गई हैं। उन्होंने कहा कि जब छठ पूजा समिति पंचकूला की ओर से उनके समक्ष घग्गर नदी पर छठ पूजा घाट बनाने का अनुरोध किया गया था, उस समय अनेक अड़चने आई। यह भी कहा गया था कि पानी के बहाव को देखते हुये घाट का निर्माण संभव नहीं हैं परंतु लोगों के आशीर्वाद व सहयोग से उन्होंने प्रयास किया और लगभग 4 करोड़ रुपये की लागत से यहां छठ पूजा घाट का निर्माण किया गया।
उन्होंने लोगों की सराहना करते हुए कहा कि पूर्वांचल के भाई-बहनों ने अपना जन्म स्थान छोड़कर पंचकूला व अन्य स्थानों पर आने के बावजूद भी अपनी पूर्वांचल की संस्कृति व सभ्यता को बनाये रखा और उसी जोश के साथ त्योहारों को मना रहे, जिस जोश से बिहार या उत्तर प्रदेश में मनाया करते थे। यह उनका अपनी संस्कृति व सभ्यता के प्रति प्रेम का ही परिणाम है कि आज इतनी बड़ी संख्या में लोग यहां छठ पूजा पर्व को मनाने के लिये एकत्रित हुये हैं। गुप्ता ने कहा कि छठ पूजा पर्व का एक अपना महत्व हैं, जिसमें मातायें-बहनें अपने बच्चों की दीर्घ आयु और परिवार की खुशहाली व समृद्धि के लिये बिना कुछ खाये पीये 36 घंटे का निर्जला व्रत रखती है। उन्होंने कहा कि यह त्योहार हमारी आने वाली पीढ़ियों को अपनी सभ्यता व संस्कृति को याद रखने की प्रेरणा देता है।
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