Edited By Yakeen Kumar, Updated: 17 Jun, 2025 09:22 PM
हरियाणा के उचाना विधानसभा क्षेत्र से 2024 के विधानसभा चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में तीसरे स्थान पर रहे वीरेंद्र घोघड़िया ने जेजेपी नेता दुष्यंत चौटाला और कांग्रेस उम्मीदवार बृजेंद्र सिंह द्वारा लगाए गए फंडिंग के आरोपों का जोरदार खंडन किया...
जींद (अमनदीप पिलानिया) : हरियाणा के उचाना विधानसभा क्षेत्र से 2024 के विधानसभा चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में तीसरे स्थान पर रहे वीरेंद्र घोघड़िया ने जेजेपी नेता दुष्यंत चौटाला और कांग्रेस उम्मीदवार बृजेंद्र सिंह द्वारा लगाए गए फंडिंग के आरोपों का जोरदार खंडन किया है। घोघड़िया ने न केवल इन आरोपों को निराधार बताया, बल्कि दोनों नेताओं को उनके दावों को साबित करने की खुली चुनौती भी दी। उन्होंने यह भी कहा कि अगर आरोप साबित नहीं हुए तो वह मानहानि का मुकदमा दायर कर सकते हैं।
वीरेंद्र घोघड़िया ने स्पष्ट किया कि उनके चुनाव अभियान के लिए किसी भी बड़े नेता या राजनीतिक दल से कोई फंडिंग नहीं मिली। उन्होंने कहा कि मुझे उचाना की जनता ने 1.5 करोड़ रुपये का चंदा दिया। यह पैसा ताई, चाची, ताऊ और आम लोगों की एक-एक पेंशन से जमा हुआ। सभी 36 बिरादरियों ने मेरा साथ दिया। दुष्यंत चौटाला और बृजेंद्र सिंह के फंडिंग के आरोप उन लोगों का अपमान हैं, जिन्होंने मेरे लिए अपनी मेहनत की कमाई दी।
घोघड़िया ने यह भी खुलासा किया कि उनके चुनावी खर्चों का हिसाब अभी बाकी है। उन्होंने मजाकिया लहजे में कहा कि मैंने तो अभी तक पेट्रोल पंप वालों का हिसाब भी नहीं चुकाया। जो लोग फंडिंग की बात कर रहे हैं, वे पहले अपने दावों को साबित करें।
मुझे बदनाम करने की साजिश- घोघड़िया
घोघड़िया ने दुष्यंत चौटाला और बृजेंद्र सिंह पर हार से बौखलाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि मैंने इन दोनों को धूल चटाई और उचाना की जनता के दिलों में जगह बनाकर इनकी औकात दिखाई। ये लोग अब मेरे नाम का फोबिया लिए घूम रहे हैं। सोते-जागते उन्हें वीरेंद्र घोघड़िया ही दिखाई देता है। उन्होंने यह भी कहा कि दोनों नेता उचाना की भोली-भाली जनता को बरगलाकर वोट लेते थे, लेकिन इस बार जनता ने उन्हें सबक सिखाया। घोघड़िया ने दावा किया कि मैंने बिना किसी सेटिंग के, सिर्फ जनता की ताकत पर चुनाव लड़ा और इन दोनों को खुड़े लाइन लगा दिया।
बीरेंद्र सिंह के परिवार का बोझ ढोया- घोघड़िया
घोघड़िया ने कांग्रेस नेता चौधरी बीरेंद्र सिंह और उनके परिवार पर भी जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा, "मैंने सालों तक गधे की तरह बीरेंद्र सिंह के परिवार के लिए बोझ ढोया। लेकिन आज जब एक आम परिवार का लड़का उनके सामने खड़ा हो गया और उनकी बराबरी कर ली, तो उन्हें यह बर्दाश्त नहीं हो रहा।"
बिना किसी सेटिंग के आया हूं- घोघड़िया
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पहले बीरेंद्र सिंह और ओम प्रकाश चौटाला मिलकर अपनी मर्जी का तीसरा उम्मीदवार उतारते थे ताकि वोट बंट जाए। लेकिन इस बार घोघड़िया के मैदान में उतरने से उनकी सारी सेटिंग धरी रह गई। उन्होंने कहा, "मैं बिना किसी सेटिंग के आया और उचाना की जनता ने मुझे इतनी ताकत दी कि इन दोनों को सबक सिखा दिया।"
मैं न होता तो बृजेंद्र सिंह जीतते, चौटाला जमानत बचा पाते- घोघड़िया
घोघड़िया ने दावा किया कि अगर वह चुनाव नहीं लड़ते तो उचाना विधानसभा का चुनाव बृजेंद्र सिंह जीत जाते और दुष्यंत चौटाला अपनी जमानत बचा लेते। उन्होंने कहा, "मेरे मैदान में आने से इन दोनों की हार हुई। इसलिए इन्हें मेरे नाम का दर्द है।" घोघड़िया ने दोनों नेताओं को सख्त चेतावनी दी। उन्होंने कहा, "जो भी कहना है, नाम लेकर कहो। बिना नाम लिए आरोप लगाने की आदत छोड़ दो। अगर फंडिंग के आरोप साबित नहीं कर सकते हैं तो मैं आप पर मानहानि का केस कर सकता हूं।"
यह विवाद तब शुरू हुआ जब दुष्यंत चौटाला ने मीडिया से बातचीत में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर गंभीर आरोप लगाए। चौटाला ने बिना घोघड़िया का नाम लिए कहा था कि हुड्डा ने अपने "मामा के लड़के के छोरे" को, जो चुनाव में तीसरे नंबर पर रहा, फंडिंग दी थी। उनका इशारा साफ तौर पर वीरेंद्र घोघड़िया की ओर था। चौटाला ने दावा किया कि यह फंडिंग कांग्रेस उम्मीदवार बृजेंद्र सिंह को हराने के लिए दी गई थी।
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