Edited By Pawan Kumar Sethi, Updated: 18 Jun, 2025 09:43 PM

आधा दर्जन गांवों में बिजली की सप्लाई ठप्प होने से गुस्साए ग्रामीणों ने भौड़ाकलां पावर हाऊस में ताला जड़ दिया और चाबी अपने साथ ले गए। गुस्साए लोगों ने कुछ समय के लिए पटौदी बिलासपुर रोड भी जाम कर दिया।
गुड़गांव,(ब्यूरो): आधा दर्जन गांवों में बिजली की सप्लाई ठप्प होने से गुस्साए ग्रामीणों ने भौड़ाकलां पावर हाऊस में ताला जड़ दिया और चाबी अपने साथ ले गए। गुस्साए लोगों ने कुछ समय के लिए पटौदी बिलासपुर रोड भी जाम कर दिया। बाद में ग्रामीणों ने एसडीओ के आश्वासन पर जाम खोल चाबी वापस दे दी। दूसरी ओर ऊंचा माजरा गांव में बिजली कर्मचारी के खिलाफ पंचायत का आयोजन किया गया। मंगलवार को मौसम खराब होने से पहले भौड़ाकलां पावर हाऊस से बिलासपुर खर्द, लांगड़ा, बिलासपुर कलां, पथरेड़ी, ऊंचा माजरा सहित अन्य कई गांवों की सप्लाई बंद कर दी गई। शाम को तेज बरसात के कारण बिजली की सप्लाई वापस शुरू ही नहीं की गई। पूरी रात और दिन में बिजली नहीं आने के कारण लोग पीने के पानी तक के लिए तरस गए। वहीं इन्वर्टर का बैकअप भी समाप्त हो गया। सुबह नौकरी पेशा लोग अपने काम धंधे पर नहीं जा पाए। ऐसे में सभी गांवों के लोग एक होकर पावर हाऊस पहुंचे लेकिन गुस्सा और अधिक उस समय बढ़ गया जब मौके पर एक भी कर्मचारी नहीं मिला। इसी कारण पावर हाऊस में ताला जड़ दिया गया।
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भारी संख्या में महिलाएं भी पावर हाऊस पहुंची थी। महिलाओं ने अधिकारियों के नहीं मिलने के कारण तपती गर्मी में रोड जाम कर दिया। लगभग 15 मिनट के लिए रोड जाम किया गया। बाद में एसडीओ लियाकत अली से फोन पर बात कर समस्या के समाधान के आश्वासन पर जाम खोल दिया गया। कुछ ही मिनटों के जाम के कारण राज्य मार्ग पर दूर दूर तक वाहनों की कतार लग गई। बताया जाता है कि एसडीओ बिजली बोर्ड घरेलू कार्यों के कारण अवकाश पर थे। ग्रामीणों का कहना है कि बिजली की समस्या को लेकर बिलासपुर व अन्य गांवों की महिलाएं राजरानी, सुनीता देवी, कुसुम के अनुसार बिजली को लेकर पूरे क्षेत्र में हाहाकार मचा हुआ है। कोई अधिकारी कर्मचारी फोन नहीं उठाता। फोन उठाता है तो ढंग से बात ही नहीं करते। बिजली विभाग के कर्मचारियों से हर इंसान त्रस्त है।
वहीं खंड के गांव ऊंचा माजरा में मनीष नाम के बिजली कर्मचारी के खिलाफ ग्रामीणों का गुस्सा फुट पड़ा। मनीष लाइनमैन पर आरोप है कि वह अपना काम ठीक से नहीं करता है और फोन तक नहीं उठता। 24-24 घंटों तक बिजली ठीक नहीं करता और ज्यादा कहने पर उच्चाधिकारियों को शिकायत करने की धमकी देता है। वहीं ग्रामीणों का आरोप है कि गांव को जो व्यक्ति पैसे देता है उसकी बिजली ठीक करता है। एसडीओ ने इस कर्मचारी के तबादले को आश्वासन ग्रामीणों को दिया है।