कोविड मरीजों से अधिक चार्ज करने वाले अस्पतालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी: विज

Edited By Shivam, Updated: 04 May, 2021 11:42 AM

vij strict action will be taken against hospitals charging more

हरियाणा के स्वास्थ्य एवं गृहमंत्री अनिल विज ने कहा कि प्रदेश में कोविड मरीजों से अधिक चार्ज करने वाले अस्पतालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। विज ने बताया कि राज्य के निजी अस्पतालों में उपचार करवाने वाले कोरोना मरीजों के लिए बेड व अन्य सुविधाओं...

चंडीगढ़ (धरणी): हरियाणा के स्वास्थ्य एवं गृहमंत्री अनिल विज ने कहा कि प्रदेश में कोविड मरीजों से अधिक चार्ज करने वाले अस्पतालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। विज ने बताया कि राज्य के निजी अस्पतालों में उपचार करवाने वाले कोरोना मरीजों के लिए बेड व अन्य सुविधाओं के रेट फिक्स किए गए हैं। राज्य में इस समय 42 निजी अस्पताल कोविड मरीजों का उपचार कर रहे हैं। 

सरकार ने एनएबीएच व जेसीआई मान्यता प्राप्त अस्पतालों में आइसोलेशन बेड का 10000 रुपए, बिना वेंटीलेटर के आईसीयू बेड का 15000 रुपए तथा वेंटिलेटर युक्त आईसीयू बेड का 18000 रुपये प्रतिदिन की दर से रेट तय किए हैं। इसी प्रकार बिना एनएबीएच मान्यता प्राप्त अस्पतालों में आइसोलेशन बेड का 8000 रुपए, बिना वेंटीलेटर के आईसीयू बेड का 13000 रुपए तथा वेंटिलेटर युक्त आईसीयू बेड का 15000 रुपये प्रतिदिन की दर से रेट तय किए हैं।

स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि प्राइवेट लैब में भी कोविड टेस्ट करवाने की रेट तय किए हैं, जिसके तहत आरटीपीसीआर के लिए 450 रुपए, रैपिड एंटीजन के लिए 500 रुपए तथा एलिसा टेस्ट के लिए 250 फिक्स किए हैं। इन तय रेट्स से अधिक यदि कोई भी अस्पताल मरीज से पैसे लेता पाया जाता है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी। 

उन्होंने बताया कि सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में दाखिल मरीज के लिए टॉसिलिजूमैब टीके के आवश्यकता अनुसार वितरण के लिए तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया है। इसमें कोविड-19 के राज्य नोडल अधिकारी डॉ. ध्रुव चौधरी को कमेटी का चेयरमैन बनाया है। इसके अलावा वरिष्ठ कंसलटेंट डॉ. राजीव बडेरा तथा मेदांता की वरिष्ठ चिकित्सक डॉक्टर सुशीला कटारिया को कमेटी का सदस्य नियुक्त किया गया है। यह समिति टीके के वितरण व अन्य संबंधित मामलों को लेकर मानदंड तय करेगी। यह टीके स्थानीय सिविल सर्जन के माध्यम से निजी अस्पतालों को खरीद मूल्य पर उपलब्ध करवाए जाएंगे तथा सरकारी अस्पतालों व मेडिकल कॉलेजों को ये इंजेक्शन निशुल्क दिए जाएंगे।

विज ने कहा कि हरियाणा के अस्पतालों में  करीब 70 फीसदी मरीज दिल्ली व अन्य आसपास के प्रदेशों के दाखिल हैं, जिनका उपचार भी उसी प्रकार से किया जा रहा है। सरकार प्रदेश में चिकित्सकों व पैरामेडिकल स्टाफ की कमी को पूरा करने के लिए शीघ्र ही नई भर्ती करने की प्रक्रिया शुरू करेगी। प्रदेश के विभिन्न मेडिकल कॉलेजों में पढ़ रहे पीजी व एमबीबीएस फाइनल के करीब 1400 विद्यार्थियों को राज्य के अस्पतालों में सेवा देने के आदेश दे दिए गए हैं। इसके साथ ही राज्य के सभी अस्पतालों में ऑक्सिजन की आपूर्ति करवाने में उच्च स्तरीय अधिकारियो की टीम 24 घंटे काम कर रही हैं।
 

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