नई शिक्षा नीति के तहत यूकेजी पास कर चुके बच्चों को नहीं मिल रहा पहली कक्षा में दखिला, अभिभावक हुए लामबंद

Edited By Mohammad Kumail, Updated: 30 Mar, 2023 12:53 PM

under new education policy ukg passed children not getting first class

नई शिक्षा नीति नन्हे-मुन्ने बच्चों के लिए परेशानी का सबब बन गई है। इस नीति के तहत साढ़े  5 वर्ष के बच्चे को ही पहली कक्षा में दाखिला मिल सकता है। जबकि बड़ी संख्या में ऐसे बच्चे हैं जो 1 अप्रैल की कट ऑफ डेट के मुताबिक साढ़े 5 वर्ष के नहीं हो रहे है।

यमुनानगर (सुरेंद्र मेहता) : केंद्र सरकार द्वारा घोषित नई शिक्षा नीति नन्हे-मुन्ने बच्चों के लिए परेशानी का सबब बन गई है। इस नीति के तहत साढ़े  5 वर्ष के बच्चे को ही पहली कक्षा में दाखिला मिल सकता है। जबकि बड़ी संख्या में ऐसे बच्चे हैं जो 1 अप्रैल की कट ऑफ डेट के मुताबिक साढ़े 5 वर्ष के नहीं हो रहे है। ऐसे बच्चों को दोबारा से यूकेजी में ही रहना पड़ेगा। अभिभावकों का कहना है कि शिक्षा नीति में परिवर्तन किया जाए। हरियाणा में लाखों की संख्या में ऐसे बच्चे हैं जो 1 अप्रैल की काट ऑफ डेट के मुताबिक साढ़े 5 वर्ष के नहें हो रहे है।  लेकिन वो यूकेजी की परीक्षा में पास हो चुके हैं। उन्हें पहली कक्षा में दाखिला मिलना चाहिए।

हम दोबारा खर्च वहन नहीं करेंगेः अभिभावक

नई शिक्षा नीति के तहत यदि बच्चे 1 अप्रैल को साढ़े पांच साल हो गए हैं तभी पहली कक्षा में दाखिला मिल पाएगा,  जबकि वह पहली कक्षा में दाखिले के हकदार हैं। लेकिन साढ़े 5 वर्ष उनकी आयु नहीं हुई है। कोई इससे एक महीना कम है, कोई 2 महीने, कोई 10 दिन कम है। जिसके चलते बच्चों एवं अभिभावकों को  परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।  अभिभावकों का कहना है कि उनके बच्चे ने यूकेजी कर ली है। इसके लिए वह पूरे साल किताबों, वर्दी, फीस सहित अन्य खर्चे कर चुके है। अब दोबारा से इन खर्चों को वहन करना पड़ेगा। वहीं बच्चों का समय बर्बाद होगा। इसलिए इस नीति में परिवर्तन होना चाहिए।

समस्या को लेकर जिला शिक्षा अधिकारी ने मुख्यालय को लिखा पत्र

जिला शिक्षा अधिकारी विनोद कुमार का कहना है कि केंद्र सरकार द्वारा घोषित नई शिक्षा नीति के तहत साढ़े 5 वर्ष के बच्चे को ही पहली कक्षा में दाखिला दिए जाने का प्रावधान है। अभिभावकों की तरफ से शिकायतें आ रहीं हैं। जिसके चलते मुख्यालय को मार्गदर्शन के लिए लिखा गया है, उम्मीद है जल्द समस्या का समाधान होगा।

अभिभावकों ने की शिक्षा नीति में परिवर्तन की मांग

हरियाणा में बड़ी संख्या में ऐसे बच्चे हैं जो 1 अप्रैल को साढ़े पांच वर्ष की उम्र पूरी नहीं करते, हालांकि उन्होंने यूकेजी की परीक्षा पास कर ली है। वह पहली कक्षा में दाखिले के हकदार हैं। लेकिन नई शिक्षा नीति के कारण उन्हें पहली कक्षा में दाखिला नहीं मिला पा रहा है। नई शिक्षा नीति में अभिभावक परिवर्तन व राहत की मांग कर रहे है। जिसको लेकर शिक्षा मंत्रालय जल्द ही कोई दिशानिर्देश जारी करेगा।

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