Edited By Pawan Kumar Sethi, Updated: 16 Dec, 2024 07:58 PM
गुड़गांव के सोहना चौक पर रेस्टोरेंट के बाहर बैठने को लेकर हुए विवाद में दो गुटों में जमकर विवाद हुआ। विवाद के दौरान न केवल जमकर मारपीट हुई बल्कि हथियार भी लहराए गए।
गुड़गांव, (ब्यूरो): गुड़गांव के सोहना चौक पर रेस्टोरेंट के बाहर बैठने को लेकर हुए विवाद में दो गुटों में जमकर विवाद हुआ। विवाद के दौरान न केवल जमकर मारपीट हुई बल्कि हथियार भी लहराए गए। वहीं, गाड़ियों में तोड़फोड़ करने के साथ ही एक गाड़ी को आग के हवाले कर दिया गया। पीड़ित का आरोप है कि वह मदद के लिए न केवल पुलिस कंट्रोल रूम से मदद मांगता रहा बल्कि शिवाजी नगर थाने भी गया, लेकिन पुलिसकर्मियों ने उसकी मदद करने की बजाय उसे मेडिकल कराकर आने के लिए कह दिया। पीड़ित का यह भी आरोप है कि पुलिस उसकी मदद करने की बजाय आरोपियों का साथ दे रही है। पूरा घटनाक्रम यहां लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गया। वहीं, मामले में पुलिस कुछ भी बोलने से इंकार कर रही है। हैरत की बात यह है कि जिस स्थान पर यह वारदात हुई वहां से चंद कदमों की दूरी पर पुलिस कमिश्नर कार्यालय है। इसके अलावा घटनास्थल पर ही रोजाना पुलिस की ईआरवी वैन भी खड़ी होती है, लेकिन वारदात के दौरान पुलिस नदारद रही। ऐसे में पुलिस की कार्यशैली पर सवालिया निशान लग रहे हैं।
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पीड़ित मोंटी की मानें तो रात को वह अपने दोस्तों के साथ जन्मदिन मनाने के लिए सोहना चौक पर जेल कॉम्लेक्स में बने जेल की रोटी-बोटी रेस्टोरेंट के बाहर बैठे केक काट रहे थे। यहां वह रेस्टोरेंट की कुर्सियों पर रेस्टोरेंट के बाहर ही बैठे थे। आरोप है कि रेस्टोरेंट संचालक ने इस पर ऐतराज जताया तो उन्होंने कुर्सियां रेस्टोरेंट को वापस कर दी और अपनी कुर्सियां मंगवाकर कॉम्पलेक्स के बाहर बैठ गए। यह बात रेस्टोरेंट संचालक को नागवार गुजरी और उसने अपने करीब दो दर्जन साथियों को बुला लिया और उनके साथ न केवल मारपीट की बल्कि हथियार लहराते हुए उन्हें धमकी भी दी।
मोंटी की मानें तो आरोपियों ने उनकी कई गाड़ी में भी तोड़फोड़ की। इसकी सूचना उन्होंने पुलिस कंट्रोल रूम को दी, लेकिन मदद नहीं मिली। इस पर मोंटी शिवाजी नगर थाने गया जहां से पुलिस ने उनकी मदद करने की बजाय मेडिकल कराने के लिए भेज दिया। आरोप है कि आरोपी भी उनके पीछे अस्पताल पहुंच गए जहां भी आरोपियों ने उन्हें धमकी दी। इसके बाद आज सुबह आरोपियों ने कॉम्पलेक्स की पार्किंग में खड़ी उनकी गाड़ी में शराब डालकर आग लगा दी। इसकी सूचना भी उन्होंने पुलिस को दी। आरोप है कि इतना होने के बाद भी पुलिस उनकी मदद करने की बजाय आरोपियों का साथ दे रही है।
वहीं मामले में जब शिवाजी नगर थाना प्रभारी से बात की गई तो उन्होंने यह कहकर अपना पल्ला झाड़ लिया कि उनके पास अभी तक कोई शिकायत ही नहीं आई। उन्हें घटना की सूचना तो मिली थी और थाने से एक पुलिसकर्मी को मौके पर भेजा भी गया था, लेकिन घटना की जानकारी नहीं मिली पाई और न ही उन्हें कोई शिकायतकर्ता मिला है। ऐसे में अभी वह जांच कर रहे हैं। हैरत की बात यह है कि जब पुलिस कमिश्नर कार्यालय से चंद कदमों पर हुई वारदात को लेकर थाना प्रभारी ही गंभीर नहीं हैं और पूरे मामले में बचते फिर रहे हैं तो साफ है कि क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर व्यवस्था कितनी चाक चौबंद की गई होगी इसका अंदाजा स्वत: ही लगाया जा सकता है। फिलहाल देखना यह होगा कि मामले में क्या कुछ निकलकर सामने आता है और पुलिस इस पर क्या कार्रवाई अमल में लाती है।