देश के टॉप थ्री डैंटल कालेज में इस साल नहीं बढ़ेंगी PG की सीटें, निरीक्षण में फेल

Edited By Isha, Updated: 05 Sep, 2019 10:57 AM

top three dental college in the country will not increase pg seats

देश के टॉप थ्री व रोहतक पी.जी.आई.एम.एस. के डैंटल कालेज में करीब दो साल पहले निजी स्वार्थ के कारण एक सीनियर अधिकारी ने केaवल अपने और अपनी पत्नी के विभाग में दो अलग -अलग  यूनिट बनवा दी

रोहतक (हरीश कोचर): देश के टॉप थ्री व रोहतक पी.जी.आई.एम.एस. के डैंटल कालेज में करीब दो साल पहले निजी स्वार्थ के कारण एक सीनियर अधिकारी ने केaवल अपने और अपनी पत्नी के विभाग में दो अलग -अलग  यूनिट बनवा दी। अलग  बनाई गई यूनिटों में अब पी.जी. कोर्स की सीटें बढ़वाने की बात आई तो डैंटल काउंसिल आफ इंडिया द्वारा कालेज में निरीक्षण करवाया गया लेकिन अधिकारियों द्वारा काउंसिल के नियमों को पूरा नहीं किया गया और आधी-अधूरी के साथ निरीक्षण हुआ तो काउंसिल की टीम ने रिपोर्ट में उसे फेल कर दिया। ऐसे में अब इस साल सीनियर अधिकारी के कन्जर्वेटिव और पत्नी के पीरियोडांटोलॉजी विभाग में पी.जी. कोर्स की सीटें नहीं बढ़ पाएंगी। 

दरअसल पी.जी.आई.एम.एस. के डैंटल कालेज को करीब तीन माह पूर्व देशभर के कालेजों में टॉप थ्री चुना गया था। लेकिन जमीनी स्तर पर यहां हालात कुछ अलग है। सरकारी रिकॉर्ड के मुताबिक ही डैंटल कालेज में एक सीनियर अधिकारी ने करीब दो साल पहले अपने कन्जर्वेटिव और अपनी प्रो. पत्नी के पीरियोडांटोलॉजी विभाग में एग्जीक्यूटिव मीटिंग में 2-2 यूनिट बढ़वाई थी। उस दौरान एग्जीक्यूटिव मीटिंग में अन्य विभागों में भी अतिरिक्त यूनिट बढ़ाने का मामला उठा था। लेकिन प्रोस्थो, ओरल सर्जरी और आर्थो में भी जरूरत होने के बावजूद यूनिट बढ़वाना जरूरी नहीं समझा गया। 
सूत्रों के मुताबिक पीरियोडांटोलॉजी विभाग में मौजूद एच.ओ.डी. अगले साल रिटायर होने वाला है और उनकी जगह तुरंत प्रभाव से यूनिट हैड को एचओडी बना दिया जाएगा। वहीं सीनियर अधिकारी की प्रो. पत्नी को यूनिट हैड बनने का मौका मिल जाएगा जिससे उनके वेतन में भी बढ़ोतरी होगी और उन्हें अन्य कई प्रशासनिक फायदे भी मिलेंगे। 

निरीक्षण में पूरे नहीं मिले नियम 
वहीं बीती 6 व 7 अगस्त को कन्जर्वेटिव विभाग में काउंसिल इंस्पेक्टर डा. हरखचंद बरनवाल वाराणसी उत्तर प्रदेश से और डा. रतनाकर गलबर्ग से निरीक्षण करने के लिए पहुंचे। टीम को यहां पर न तो स्टाफ और न ही पूरे संसाधन मिले। नियमों के मुताबिक निरीक्षण से पूर्व यहां पर एक रीडर, दो लैक्चरर और संसाधनों में एक चेयर साइड माइक्रो और एक लेजर मशीन नहीं लगाई गई थी। वहीं पीरियोडांटीलॉजी विभाग में एक रीडर और साफ्ट टिसू लेजर (8-वॉट) एक नहीं मिले। वहीं ओरल मेडिसिन एंड रेडियोलॉजी विभाग में डा. अजय परीहर इंदौर और डा. अन्ना ए.जी. बंगलेरु ने निरीक्षण किया तो यहां भी लाईब्रेरी संबंधित खामिया मिलने के कारण रिपोर्ट में टीम ने आपत्तियां लगा दी।  

ऐसे  में अब इन तीनों में विभागों में सीटें बढ़वाने के लिए डैंटल काउंसिल आफ इंडिया में दोबारा आवेदन करना पड़ेगा और इसके लिए पहले नियम पूरे करने होंगे। इस बारे में डैंटल कालेज के संबंधित अधिकारी और पी.जी.आई.एम.एस. के पीआरओ से संपर्क करने का प्रयास किया गया लेकिन उनसे बात नहीं हो पाई। 

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