ऩई पहल:  इस बार छुट्टियों में कई रोचक कार्य करेंगे बच्चे, कहानियों से सीखेंगे और स्कूल में आकर देंगे फीडबैक...

Edited By Isha, Updated: 26 Dec, 2025 03:20 PM

this time children will engage in many interesting activities during their holi

प्रदेश के सरकारी स्कूलों में इस बार शीतकालीन अवकाश बच्चों के लिए सिर्फ छुट्टियों का समय नहीं बल्कि सीखने और परिवार से जुड़ने का अवसर बनेगा। कक्षा 1 से 5 तक के विद्यार्थियों के लिए निपुण हरिया

चंडीगढ़ : प्रदेश के सरकारी स्कूलों में इस बार शीतकालीन अवकाश बच्चों के लिए सिर्फ छुट्टियों का समय नहीं बल्कि सीखने और परिवार से जुड़ने का अवसर बनेगा। कक्षा 1 से 5 तक के विद्यार्थियों के लिए निपुण हरियाणा मिशन और राष्ट्रीय शिक्षा नोति-2020 के तहतरोचक गृहकार्य तैयार किया गया है।

इसमें पढ़ाई के साथ संस्कार, संवाद और जीवन मूल्य भी जुड़ेंगे। इस संबंध में शिक्षा निदेशालय की ओर से सभी जिला मौलिक शिक्षा व सभी खंड शिक्षा अधिकारियों को पत्र जारी किया गया है।

1 जनवरी से 15 जनवरी 2026 तक के शीतकालीन अवकाश में बच्चे अपनी नानी-दादी, दादा-दादी और परिवार के बुजुर्गों से कहानियां सुनेंगे, उनके अनुभव जानेंगे और फिर स्कूल लौटकर उसका फीडबैक भी देंगे। बच्चों से कहा गया है कि वे बुजुर्गों से सुनी कहानियों को अपनी भाषा में लिखें या कक्षा में सुनाएं, ताकि सीखने के साथ भावनात्मक जुड़ाव भी मजबूत हो।

इस गृहकार्य में हिंदी और गणित से जुड़ी रोचक गतिविधियां शामिल हैं। बच्चे कहानियां सुनने के साथ-साथ गिनती, जोड़-घटाव, शब्द पहचान और छोटे वाक्य लिखने का अभ्यास करेंगे। परिवार के साथ बैठकर चर्चा, बातचीत और प्रस्तुति के माध्यम से उनका आत्मविश्वास भी बढ़ेगा।

कक्षा पहली से तीसरी तक के विद्यार्थी अपने पारिवारिक सदस्यों के साथ दाल, मटर, राजमा के दाने, तरबूज और खरबूजे के बीजों की साफ कर उन्हें जोड़कर गिनती तैयार करेंगे। बच्चों को हर रोज का तापमान, माता-पिता से पूछकर नीट करना होगा। बच्चों को सूर्योदय और सूर्यास्त का समय मोट करना होगा। उन्हें 3 से 5 पक्तियां में अपना परिचय लिखकर वीडियो बनाकर शिक्षक को भोजनी होगी।

खास बात यह है कि बच्चों को मोबाइल से दूर रखने पर जोर दिया गया है। उन्हें मिट्टी या आटे से खिलौने बनाना, पक्षियों के लिए दाना पानी रखना, सुबह योग करना, बिस्तर समेटना और प्रकृति से जुड़ने बाली छोटी-छोटी गतिविधियों करनी होंगी। बच्चों को रोज का तापमान नोट करने, सूर्योदय सूर्यास्त देखने और अपने अनुभव लिखने के लिए भी प्रेरित किया गया है।

शिक्षा विभाग का कहना है कि यह गृहकार्य बच्चों के मानसिक, शारीरिक और सामाजिक विकास को ध्यान में रखकर तैयार किया है। इसमें किसी तरह का अतिरिक्त खर्च नहीं है और सभी गतिविधियां घर के माहौल में सहज रूप से की जा सकती हैं। बच्चे जब स्कूल लौटेंगे तो शिक्षक उनके अनुभवों को समीक्षा करेंगे।

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