हरियाणा में पहली बार कड़े ‘एग्रीगेटर नियम’ लागू, जानिए क्या है इसमें शर्तें... यात्रियों की सुरक्षा बड़ी प्राथमिकता

Edited By Isha, Updated: 13 Dec, 2025 01:17 PM

for the first time strict aggregator rules have been implemented in haryana

हरियाणा सरकार ने राज्य में टैक्सी, ऑटो, बाइक-टैक्सी सहित सभी एग्रीगेटर आधारित सेवाओं के लिए नए ‘हरियाणा मोटर व्हीकल (एग्रीगेटर) रूल्स-2025’ लागू करने का निर्णय लिया है। इन नियमों का उद्देश्य यात्रियों की सुरक्षा को मजबूत करना, ड्राइवरों की जवाबदेही...

चंडीगढ़: हरियाणा सरकार ने राज्य में टैक्सी, ऑटो, बाइक-टैक्सी सहित सभी एग्रीगेटर आधारित सेवाओं के लिए नए ‘हरियाणा मोटर व्हीकल (एग्रीगेटर) रूल्स-2025’ लागू करने का निर्णय लिया है। इन नियमों का उद्देश्य यात्रियों की सुरक्षा को मजबूत करना, ड्राइवरों की जवाबदेही तय करना और परिवहन व्यवस्था को एक समान ढंग से नियंत्रित करना है। इस संदर्भ में नोटिफिकेशन जारी किया गया है।

हालांकि यह अंतिम निर्णय नहीं है। इस ड्राफ्ट नोटिफिकेशन पर संबंधित व आम लोग एक सप्ताह के भीतर अपने सुझाव एवं आपत्ति दर्ज करवा सकेंगे। नई व्यवस्था के तहत कोई भी कंपनी जो सार्वजनिक परिवहन के लिए ड्राइवर और वाहन जोड़कर सेवा (उदाहरण के तौर पर एप आधारित टैक्सी) चलाना चाहती है तो उसे सरकार से अनिवार्य लाइसेंस लेना होगा। लाइसेंस फीस 5 लाख रुपये तय की है।

 

वहीं लाइसेंस रिन्यू के लिए 25 हजार देने होंगे। संबंधित कंपनी को अगर अपना पता बदलना है तो इसके लिए भी आवेदन करना होगा और 25 हजार की फीस देनी होगी। इसके अलावा, किसी भी बड़े एग्रीगेटर को फ्लीट साइज के अनुसार 10 लाख से 50 लाख रुपये तक सुरक्षा निधि (सिक्योरिटी डिपॉजिट) देनी होगी। 100 वाहन तक 10 लाख, 1,000 तक 25 लाख और उससे ऊपर 50 लाख जमा कराने होंगे।
 

दस्तावेज के अनुसार, कोई भी ड्राइवर तब तक एग्रीगेटर के लिए काम नहीं कर सकेगा जब तक वह पुलिस वेरिफिकेशन, मेडिकल फिटनेस, वैध ड्राइविंग लाइसेंस और पिछले 3 वर्षों में गंभीर अपराध का रिकॉर्ड न होने की शर्ते पूरी न कर दे। हर चालक को कम से कम 4 घंटे का प्रशिक्षिण कार्यक्रम, सड़क सुरक्षा, व्यवहार, आपात स्थिति में सहायता और वाहन संचालन संबंधी प्रशिक्षण लेना अनिवार्य होगा।

महिला और दिव्यांग यात्रियों के लिए विशेष प्रावधान

एग्रीगेटर को अपनी सेवाओं में ऐसे फीचर जोड़ना अनिवार्य किया गया है, जिससे महिलाओं, बच्चों और दिव्यांगों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी। ड्राइवर-यात्री के बीच पूर्व जानकारी और सुरक्षित रूट की पुष्टि हो सकेगी। इसके अलावा, एप में एसओएस फीचर, राइड-डिटेल शेयरिंग, और रियल-टाइम ट्रैकिंग जैसी सुविधाएं अनिवार्य होंगी।

 
24×7 कंट्रोल रूम और हेल्पडेस्क अनिवार्य

हर एग्रीगेटर को अब 24×7 कंट्रोल एंड मॉनिटरिंग रूम चलाना होगा। यह केंद्र ड्राइवरों और यात्रियों से लगातार संपर्क में रहेगा। शिकायतों का समाधान करेगा। दुर्घटना या विवाद की स्थिति में त्वरित हस्तक्षेप करेगा। इसके साथ ही, एक डेडिकेटेड कॉल सेंटर भी चलाना होगा जिसमें हिंदी और अंग्रेजी दोनों में सहायता उपलब्ध हो।

  

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