लॉकडाउन में घर बैठे लोगों को जकड़ रहा ये गंभीर रोग, अगर आप में हैं लक्षण तो ऐसे करें बचाव

Edited By Shivam, Updated: 22 May, 2020 01:45 PM

this serious disease is holding people sitting in lockdown

लॉकडाउन के दौरान लगातार घर में रहने से एंग्जाइटी और डिप्रेशन की समस्या लोगों में बढ़ रही है। अस्पतालों में बीमारी से संबंधी रोजाना 10 से 15 इलाज के लिए पहुंच रहे हैं। फोर्टिस अस्पताल के न्यूरोलॉजी विभाग डायरेक्ट डॉ. रोहित गुप्ता के मुताबिक कोरोना से...

फरीदाबाद (सूरजमल): लॉकडाउन के दौरान लगातार घर में रहने से एंग्जाइटी और डिप्रेशन की समस्या लोगों में बढ़ रही है। अस्पतालों में बीमारी से संबंधी रोजाना 10 से 15 इलाज के लिए पहुंच रहे हैं। फोर्टिस अस्पताल के न्यूरोलॉजी विभाग डायरेक्ट डॉ. रोहित गुप्ता के मुताबिक कोरोना से पीड़ित होने का डर, किसी करीबी को खो देने की चिंता, बाहर न निकल पाने की बेचैनी और आने वाले दिनों में मंदी की मार जैसी बातें परेशानी की वजह बन रही हैं।



डॉ. रोहित गुप्ता ने बताया कि लॉकडाउन में सामान्य लोग भी मरीज बन रहे हैं, इसकी अनेक वजह हैं, लेकिन सबसे अहम रोल एंग्जाइटी का है। लोगों का डर, इसके अलावा लोगों का खानपान बदल गया है। धूप में निकलना कम हो गया है। एंग्जाइटी में लोगों को अपनी नौकरी की भी चिंता सता रही है। लोगों की सेविंग्स (बचत) खत्म हो रही है। रिश्तेदार दूसरे राज्यों में फंसे हुए हैं, उनकी चिंता है। कुछ लोग फोन पर न्यूज अलर्ट बहुत ज्यादा लगा लेते हैं। इन सभी फैक्टर की वजह से लोगों को रात में नींद नहीं आती है। उन्होंने बताया कि लोगों का सोना दो तरह से बाधित हो रहा है। एक वह लेटते जरूर हैं मगर नींद नहीं आती है। दूसरा सोने के दौरान बीच-बीच में उठ जाते हैं। इस कारण सुबह उठने पर सिर दर्द होता है, थकावट महसूस होती है। 

डॉ. रोहित बताते हैं कि खानपान भी एंग्जाइटी की एक वजह है। लोगों को सुबह काम पर नहीं जाना होता है, इसलिए रात में देर से खाना खाते हैं और देर से सोते हैं। इस वजह से एसिडिटी हो जाती है। इसके साथ ही लोगों का चलना फिरना खत्म हो गया है। पहले लोग काम पर जाते थे, चलते फिरते थे। इससे उन्हें थकावट नहीं होती है जो अब हो रही है। 

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डॉ. गुप्ता ने कहा कि दिन में हमें जो धूप मिलती है इससे रात के समय शरीर में मेलाटोनिन हार्मोन बनता है। ये हमारे नींद की क्षमता को मजबूत करता है। अब दिन में प्रोपर धूप न मिलने की वजह से व्यक्ति में मेलाटोनिन हार्मोन नहीं बन रहे। इससे लोगों की नींद प्रभावित हो रही है। 

ऐसे करें बचाव-
सबसे पहले नौकरी की चिंता, परिवार की चिंता को योगा, मेड‌िटेशन व पॉजिटिव सोच के साथ कम करने का प्रयास करें। जो लोग वर्क फ्रॉम होम कर रहे हैं, उनको पहले जैसा रूटीन घर पर भी बनाए रखना है। जैसे ऑ‌फिस के लिए उठते थे। वैसे ही करना है और काम के दौरान खुद को बीच-बीच में समय भी देना है। रात को जल्दी सोने के साथ सोने और खाने के बीच दो घंटे का अंतर रखना।



इस बीच बेड पर लेटना नहीं है। सुबह-शाम व्यायाम करें, सोने से पहले व्यायाम नहीं करना। फोन चलाना और टीवी देखने जैसे काम बेड पर लेट करने से बचें। इसके लिए टेबल और कुर्सी का इस्तेमाल करें। इससे एंग्जाइटी में बेहतर सुधार होगा और आप स्वस्थ हो जाएंगे।

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