Edited By Gourav Chouhan, Updated: 23 Feb, 2023 03:34 PM

कांग्रेसी नेता व पूर्व मंत्री सुभाष गोयल चरखी दादरी में हाथ से हाथ जोड़ो अभियान की सफलता को लेकर कार्यकर्ताओं की मीटिंग लेने पहुंचे थे...
चरखी दादरी (पुनीत श्योराण) : प्रदेश में विधानसभा चुनाव की तैयारियों में सभी पार्टियां जुट गई हैं। पार्टियां अपने संगठनात्मक ढ़ांचे को मजबूत करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रही हैं। लोकिन प्रदेश की मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस अपने संगठन को संजीवनी देने के लिए लगातार प्रयासरत है। कार्यकर्ताओं की शिकायत है कि हरियाणा में उनका संगठन ही नहीं बन पाया है। वहीं पार्टी की गुटबाजी के चलते कार्यकर्ता भी लगातार असमंजस में रहते हैं। ऐेसे में सवाल है कि कांग्रेस पार्टी का हाथ से हाथ जोड़ो अभियान कैसे सफल हो पाएगा? कुछ इस तरह का दर्द पार्टी कार्यकर्ताओं ने दादरी के रेस्ट हाउस में मीटिंग लेने पहुंचे पूर्व मंत्री सुभाष गोयल के सामने बंद कमरे में बयां किया। हालांकि पूर्व मंत्री ने कांग्रेसियों को एकजुट होकर पार्टी के लिए कार्य करने का आह्वान किया।
दरअसल, कांग्रेसी नेता व पूर्व मंत्री सुभाष गोयल चरखी दादरी में हाथ से हाथ जोड़ो अभियान की सफलता को लेकर कार्यकर्ताओं की मीटिंग लेने पहुंचे थे। बंद कमरे में करीब एक घंटे तक चली मीटिंग में मीडिया को दूर रखा गया था। हालांकि मीटिंग में कार्यकर्ताओं ने अपनी पूरी भड़ास निकाली और गुटबाजी को पार्टी की सबसे बड़ी कमी बताया। कुछ कार्यकर्ताओं ने तो यहां तक कहा कि अलग-अलग धड़ों में पार्टी द्वारा कार्यक्रम किए जाते हैं, ऐसे में वे असमंजस में रहते हैं कि पार्टी का सही मायनों को कौना सा कार्यक्रम है। मीटिंग में पूर्व मंत्री ने पार्टी कार्यकर्ताओं को गुटबाजी से उपर उठकर हाथ जोड़ो अभियान को सफल बनाने व अभियान की सफलता के लिए जिम्मेदारियां भी लगाई।
पूर्व मंत्री सुभाष गोयल ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी को हरियाणा में एकजुट करके जनता के सहयोग से सरकार बनाने पर मंथन जारी है। इसी कड़ी में जिला स्तर पर सभी कार्यकर्ताओं व नेताओं को एक मंच पर लाकर राहुल गांधी की हाथ से हाथ जोड़ो अभियान की चिट्ठी घर-घर पहुंचाने की जिम्मेदारियां लगाई जा रही हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा पर आने वाले समय में सरकार बनाने को लेकर खतरा मंडराया है। यहीं कारण है कि लोकसभा के साथ विधानसभा चुनाव करवाने की तैयारियां चल रही हैं। हरियाणा की गठबंधन सरकार खतरे में है और उनके कार्यकर्ता कमरों में बैठकर रोते हैं। अब हरियाणा के जनता के समक्ष सिर्फ कांग्रेस पार्टी ही विकल्प के रूप में बची है।
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