बहादुरगढ़: अगले 10 दिन में शहीद स्मारक पर वापस लगाए जाएंगे शहीदों के नाम वाले पत्थर- डीसी

Edited By Gourav Chouhan, Updated: 05 Aug, 2022 07:02 PM

stones in the names of martyr should be fixed again dc

नया टेंडर लगाएं बिना पुराने ठेकेदार से 10 दिन के भीतर शहीद स्मारक का काम पूरा करवाने के आदेश जारी किए गए हैं।

बहादुरगढ़(प्रवीण धनखड़): बहादुरगढ़ में शहीद स्मारक से शहीदों के नाम से लिखे हुए पत्थर हटाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। शहीद स्मारक के जीर्णोद्धार के लिए नगर परिषद तीन बार टेंडर लगा चुकी है। लेकिन इसके बावजूद भी इसका काम पूरा नहीं हुआ। ठेकेदारों को फायदा तो जरूर हुआ, लेकिन शहीदों के नाम के पत्थर अब तक यहां नहीं लगाए गए। इससे आम लोगों में काफी रोष है। वहीं इनेलो नेता अभय सिंह चौटाला भी इस मुद्दे को विधानसभा में उठाने की बात कर चुके हैं। अब झज्जर जिले के उपायुक्त ने इस मामले में संज्ञान लिया है और दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करने की बात कही है। इतना ही नहीं बिना नया टेंडर लगाएं पुराने ठेकेदार से 10 दिन के भीतर शहीद स्मारक का काम पूरा करवाने के आदेश जारी किए गए हैं।

 

दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई

 

मीडिया द्वारा मामला उठाने के बाद झज्जर जिले के डी.सी. शक्ति सिंह मौके पर पहुंचे और स्थिति का जायज़ा लिया। डी.सी. महोदय ने सख्ती दिखाते हुए 10 दिन के भीतर शहीद स्मारक से हटाए गए, शहीदों के नाम दोबारा अंकित करने के आदेश जारी किए हैं। जल्द से जल्द शहीद स्मारक का पूरा काम बिना नया टेंडर लगाए करवाने की हिदायत नगर परिषद को जारी की है। यहां लगाया, तिरंगा झंडा बदलने और इसे रीलोकेट करने के भी आदेश जारी किए गए। डी.सी. शक्ति सिंह ने कहा कि शहीद स्मारक के जीर्णोद्धार के लिए कहां-कहां कोताही बरती गई है। इसकी जांच की जाएगी और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की बात भी उनकी ओर से कही गई है।

 

तिरंगा झंडा पेड़ में उलझ कर फट गया

 

कारगिल की लड़ाई के बाद शहीदों के सम्मान में प्रदेश की तत्कालीन ओम प्रकाश चौटाला सरकार ने प्रदेश भर में शहीद स्मारक बनवाए थे। ताकि शहीदों को याद किया जा सके और उन्हें सम्मान मिल सके। उसी समय बहादुरगढ़ में भी शहीद स्मारक बनकर तैयार हुआ था। यहां पर प्रथम विश्वयुद्ध से लेकर अब तक देश के लिए अपनी जान देने वाले हर एक शहीद का नाम पत्थरों पर लिखा हुआ था। लेकिन नगर परिषद द्वारा कुछ समय पहले इस शहीद स्मारक के जीर्णोद्धार के लिए टेंडर लगाया था। इस टेंडर को 2 बार रिवाइज भी किया गया। लेकिन जीर्णोद्धार का काम अब तक पूरा नहीं हुआ। यहां न तो दरवाजा लगाया गया और न ही सुरक्षा के कोई इंतज़ाम किए गए। इतना ही नहीं साफ सफाई के लिए भी कर्मचारी नियुक्त नहीं किया गया। यहां तक कि लगाया गया तिरंगा झंडा भी पेड़ में उलझ कर फट गया है। इसकी सुध लेने वाला भी कोई नहीं है।

 

लोगों पर सख्त कार्रवाई करने की आवश्यकता

 

जिन नौजवानों ने देश की रक्षा के लिए अपने प्राण न्योछावर कर दिए। ऐसे शहीदों का सम्मान करना हमारा नैतिक कर्तव्य है। लेकिन चंद अधिकारी और ठेकेदार की मिलीभगत करके ऐसे स्थानों पर भी घोटाले बाजी करने से बाज नहीं आते। ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की आवश्यकता है।

 

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