Edited By Yakeen Kumar, Updated: 23 Mar, 2025 08:50 PM

राज्य गीत पर दो अलग-अलग लेखकों की आपत्तियां आने के बाद तीन आपत्तियां सीधे विधानसभा सचिवालय भी पहुंच चुकी हैं। इस गीत को विधानसभा के इसी बजट सत्र में सुनाया जाना था, लेकिन रेवाड़ी विधायक लक्ष्मण यादव के नेतृत्व वाली कमेटी को गीत पर आई
चंडीगढ़ (चंद्र शेखर धरणी) : राज्य गीत पर दो अलग-अलग लेखकों की आपत्तियां आने के बाद तीन आपत्तियां सीधे विधानसभा सचिवालय भी पहुंच चुकी हैं। इस गीत को विधानसभा के इसी बजट सत्र में सुनाया जाना था, लेकिन रेवाड़ी विधायक लक्ष्मण यादव के नेतृत्व वाली कमेटी को गीत पर आई सभी आपत्तियों का निस्तारण करने के बाद ही सर्वमान्य राज्य गीत को मंजूरी देकर विधानसभा में पेश करना होगा।
26 से 28 मार्च तक तीन दिन विधानसभा की कार्यवाही चलनी है। बजट सत्र में राज्य गीत पर विधानसभा की मुहर लगने की कोई संभावना नजर नहीं आ रही है। विधानसभा की कमेटी ने इन आपत्तियों के निस्तारण के लिए 20 मार्च को बजट सत्र की कार्यवाही के बाद भी बैठक की थी, लेकिन उस बैठक में भी कोई सहमति नहीं बनी। कांग्रेस विधायक दिल्ली लौटने की तैयारी कर रहे पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा से मिलने चले गए, जिस कारण बैठक में राज्य गीत पर आई आपत्तियों पर समुचित चर्चा नहीं हो पाई। पांच विधायकों की राज्य गीत चयन कमेटी ने गीत को फाइनल कर लिया था, मगर सोनीपत और फतेहाबाद के दो कलाकारों ने लिरिक्स (गीत के बोल) कापी करने के आरोप लगा दिए थे, जिसके बाद विवाद बढ़ गया।
पहले लिखा जा चुका है गीत- लेखक
राज्य गीत पानीपत के डॉ. बालकिशन शर्मा ने लिखा है। तीन मिनट के इस गीत में 21 लाइनें हैं, जिनमें कुरुक्षेत्र की धरती, किसानों, खिलाड़ियों, सैनिकों और दूध-दही के खाने का जिक्र किया गया है। डॉ. बालकिशन शर्मा का दावा है कि जिन कलाकारों ने इस गीत पर आपत्ति जताते हुए लिरिक्स चुराने के आरोप लगाए हैं, उनके सबूत देखकर दावा किया जा सकता है कि इससे कई साल पहले गीत लिखा जा चुका था। इसलिए उनकी आपत्तियों में कोई दम नहीं है। इस गीत के गायर कुरुक्षेत्र के डा. श्याम शर्मा और कंपोजर पारस चोपड़ा हैं। रोहतक की मालविका पंडित ने गीत को निर्देशित किया है। पहले इसे बालीवुड सिंगर कैलाश खैर ने गाना था, लेकिन उनकी आवाज में हरियाणवी टच नहीं होने पर डा. श्याम शर्मा ने गीत को अपनी आवाज दी है।
दूसरे को दिया गया क्रेडिट- दावाकर्ता
सोनीपत की रहने वाली हरियाणवी अभिनेत्री और लेखिका गीतू परी का दावा है कि उन्होंने यह गीत 29 जनवरी 2024 को लिखा था, जिसमें अधिकतर लाइनें ज्यों की त्यों उठाई गई हैं। फतेहाबाद के कृष्ण कुमार का कहना है कि राज्य गीत उन्होंने लिखा है, लेकिन क्रेडिट किसी दूसरे को दिया जा रहा है। इसकी शिकायत उन्होंने सीएम को पत्र लिखकर भी की है। हरियाणा विधानसभा की राज्य गीत चयन कमेटी के अध्यक्ष भाजपा विधायक लक्ष्मण सिंह यादव ने कहा कि जितनी भी आपत्तियां आई हैं, उन्हें दूर करने के बाद ही राज्य गीत फाइनल होगा। इसके लिए एक बार फिर से बैठक कर समीक्षा की जाएगी।
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