Edited By Yakeen Kumar, Updated: 22 Jan, 2025 08:35 PM
आज दुखःद कहानी पानीपत में देखने को मिली है। जहां एक बुजुर्ग के अंतिम संस्कार के लिए परिजनों के पास समय नहीं। कहानी जानकर रोने लगेंगे।
पानीपत (सचिन शर्मा) : इंसान अपनों को लिए सबकुछ त्याग देता है लेकिन बदले में कई बार उसे उनका प्यार मिलना भी मुश्किल हो जाता है। ऐसी ही दुखःद कहानी आज पानीपत में देखने को मिली है। जहां एक बुजुर्ग के अंतिम संस्कार के लिए परिजनों के पास समय नहीं। जिसका अंतिम संस्कार मंगलवार को श्याम सेवा दल की टीम ने किया।
पानीपत के मॉडल टाउन के अमरजीत ने 5 एकड़ जमीन व अपनी कोठी बेचकर बेटी, बहन व पत्नी को करोड़ों रुपये दे दिए। जब अमरजीत के पास देने को कुछ नहीं रहा तो परिवार के लोग उन्हें वृद्ध आश्रम में छोड़कर गया। वह वृद्ध आश्रम में बीमार पड़े तो आश्रम के प्रतिनिधियों ने उन्हें जन सेवा दल के अपना आशियाना में छोड़ दिया। दो साल बाद 15 जनवरी को उनकी मौत हो गई।
4 दिन पड़ा रहा शव
नागरिक अस्पताल के शवगृह में 4 दिन से उनका शव अंतिम संस्कार के इंतजार करता रहा। बेटी पत्नी और बहनों को उनकी मौत की सूचना दी तो उन्होंने अंतिम संस्कार में आने से मना कर दिया। जिसके बाद मंगलवार श्याम को जन सेवा दल के सदस्यों ने असंध रोड स्थित शिवपुरी में उनके शव का अंतिम संस्कार हिन्दू रीतिरिवाज से किया है।
कई एकड़ जमीन व कोढी भी बेची
मिली जानकारी के अनुसार 84 वर्षीय अमरजीत की अज्जीजुलापुर गांव में 5 से 8 एकड़ जमीन थी और मॉडल टाउन में उसकी एक कोठी भी थी। परिवार में उनकी पत्नी, एक बेटी व दो बहनें थी। अमरजीत ने अपनी जमीन बेचकर बेटी को पढ़ाया और उसे आत्मनिर्भर बनाया और अच्छे खानदान में शादी भी की। इसके बाद उनकी पत्नी अपनी बेटी के साथ उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले में रहने लगी।
आश्रम ने भी सेवा दल के पास छोड़ा
उनकी एक बहन अमेरिका व दूसरी दिल्ली में रहने लगी और अमरजीत को पानीपत के एक वृद्ध आश्रम में छोड़ दिया। 2022 में अमरजीत आश्रम में बीमार हो गए तो आश्रम के प्रतिनिधियों ने भी उन्हें जन सेवा दल के अपना आशियाना में छोड़ दिया। जन सेवा दल के सदस्यों ने उनका इलाज कराया और अपने पास रखा। 5 दिन पहले अमरजीत की तबीयत अचानक बिगड़ गई। जन सेवा दल के सचिव चमन गुलाटी ने उन्हें जिला नागरिक अस्पताल में दाखिल कराया, जहां उनकी मौत हो गई।
परिवार ने आने से किया मना
जन सेवा दल के महासचिव चमन गुलाटी ने बताया एक इंसान ने पूरा जीवन परिवार के लिए कुर्बान कर दिया। जमीन बेचकर उन्हें करोड़ों रुपये दिए। अब परिवार के लोग उनके अंतिम संस्कार में भी आने से इंकार कर रहे हैं। बेटी, पत्नी व बहनों को उन्होंने कॉल कर अमरजीत की मौत की सूचना दी। उन्होंने कहा कि अंतिम संस्कार में नहीं आ सकते। उन्हें अमरजीत का मृत्यु प्रमाणपत्र भेज देना। जिसके बाद मंगलवार को अमरजीत के शव का हिन्दू रीतिरिवाज से अंतिम संस्कार किया गया।
15 अगस्त को किया था डांस
चमन गुलाटी ने बताया कि अमरजीत ने 15 अगस्त को एक कार्यक्रम के दौरान पूरी खुशी के साथ डांस भी किया था और अपने परिवार की पूरी कहनी बताई थी। जिसके बाद एक बार तो उनका परिवार देखने के लिए जरूर आया था लेकिन उसके बाद कोई नही आया। इसको देखकर ये लगता है कि आज इसके पास रुपए होते तो परिजन विदेश से भी आ जाते लेकिन आज इसके पास कुछ नही है तो परिवार ने भी मुह मोड़ लिया है। लेकिन जन सेवा दल के अपना आशिया में उसकी परिवार की तरह सेवा की है।
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