राइट टू सर्विस कमीशन जहां 7 सालों में आई मात्र 7 शिकायत, अब 7 माह में आई 72000 शिकायतें: टीसी गुप्ता

Edited By Manisha rana, Updated: 18 Apr, 2022 07:18 PM

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प्रदेश के लोगों को सरकारी सुविधाओं का लाभ समय पर मिले यह सुनिश्चित करने के लिए प्रदेश सरकार पहले दिन से प्रयासरत है...

चंडीगढ़ (धरणी) : प्रदेश के लोगों को सरकारी सुविधाओं का लाभ समय पर मिले यह सुनिश्चित करने के लिए प्रदेश सरकार पहले दिन से प्रयासरत है। इस कार्य में हरियाणा राइट टू सर्विस कमीशन 1 मील का पत्थर साबित हो रहा है और रिटायर्ड आईएएस अधिकारी टीसी गुप्ता को इस कार्यभार की जिम्मेदारी सौंपने के बाद कमीशन में बेहद सकारात्मक बदलाव देखने को मिले हैं। राइट टू सर्विस कमीशन जहां 2014 से 2021 तक आई मात्र 7 शिकायत,अब 7 माह में आई 72000 शिकायतें लगातार नए-नए प्रयोगों से कमीशन की कार्यशैली को और अधिक सुदृढ़ बनाया गया है। काफी कोशिशों के बाद उम्मीदजनक परिणाम ना आते देख चीफ कमिश्नर का कार्यभार इन्हें सौंपा गया था और गुप्ता के कुशल नेतृत्व, ईमानदार साख और वरिष्ठता का लाभ कमीशन की बड़े स्तर पर मिला है। जल्द ही इस दायरे में प्रदेश के विभिन्न विभागों की 572 सेवाएं लाने को लेकर प्रदेश सरकार ने सख्त निर्देश विभागों को दिए हुए हैं। इनके शामिल होने के बाद आमजन के लिए प्रदेश सरकार की सेवाओं का लाभ लेना बेहद आसान हो जाएगा। पंजाब केसरी ने राइट टू सर्विस कमीशन के चीफ कमिश्नर टीसी गुप्ता से कमीशन से संबंधित विभिन्न प्रकार की जानकारियां ली। जिसके कुछ अंश आपके सामने प्रस्तुत हैं:-

प्रश्न : राइट टू सर्विस कमिशन में आपके द्वारा किए गए बदलावों से काफी सकारात्मक रिजल्ट आए हैं, इसके बारे में कुछ बताएं ?
उत्तर :
"आस" का सही नाम ऑटो ऑब्लिक सिस्टम है। इसका शार्ट नाम "आस" रखा है। यानि लोगों की उम्मीद। इस सिस्टम में अगर किसी का वर्क समय पर नहीं होता तो सिस्टम ऑटोमेटिक अपील फाइल करेगा। 2014 से 2021 तक हरियाणा राइट टू सर्विस एक्ट के तहत मात्र 7 की फाइल अपील हुई। मुख्यमंत्री द्वारा 1 सितंबर 2021 को लॉन्च किया गया था। उस समय यह मात्र दो ही विभागों के साथ जोड़ा गया था। अब यह 20 विभागों में लागू हो चुका है और 184 सर्विस इसमें जोड़ी गई है। जोकि 38 विभागों की 572 योजनाएं जोड़ी जाएंगी। थोड़े ही समय में अभी तक 72000 से अधिक अपील ऑटोमेटिक इस पर फाइल हो चुकी है। लागू होने के बाद समय पर काम करने की एवरेज इन विभागों में 99 फ़ीसदी से भी ज्यादा जा चुकी है। जबकि इससे 8-10 महीने पहले मात्र 92 फ़ीसदी था।

प्रश्न : प्रदेश के मुख्यमंत्री समेत केंद्र सरकार भी इस सिस्टम की सराहना कर चुका है ?
उत्तर : 
प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा मुलाकात के वक्त प्रधानमंत्री के सामने इस सिस्टम का जिक्र भी किया था और इसके बारे में ट्वीट भी किया था। जिसके पश्चात दिसंबर में भारत सरकार द्वारा मेरे पास फोन आया। 20-21 दिसंबर को मैंने भारत सरकार के सचिव के सामने प्रेजेंटेशन की और सिस्टम के बारे में बताया तो उन्होंने प्रभावित होकर 7- 8 जनवरी को हैदराबाद में होने वाली नेशनल ई गवर्नेंस कॉन्फ्रेंस में इसकी प्रेजेंटेशन करने की बात कही। मैंने उनके निमंत्रण को स्वीकार करते हुए इसकी प्रेजेंटेशन की। जिसमें कई प्रदेशों ने इसकी सराहना की। यह राइट टू सर्विस सिस्टम लगभग 25 प्रदेशों में लागू है। लेकिन इसके बावजूद वहां इसकी गारंटी नहीं है कि समय-समय पर काम हो रहा है या नहीं। लेकिन हरियाणा एकमात्र ऐसा राज्य है जिसमें ऑटो अपील सिस्टम द्वारा हमारे यहां समय पर काम ना होने पर ऑटोमेटिक अपील फाइल होगी। जिसमें संबंधित कर्मचारी अधिकारी की जिम्मेदारी तय होगी और काम होगा।

प्रश्न : कुछ शिकायतें आपके पास पत्राचार के माध्यम से भी पहुंचती हैं, पिछले सात आठ महीने में ऐसी कितनी शिकायतें आपके पास पहुंची होंगी ?
उत्तर : 
हमारे पास लगभग 300 से अधिक शिकायतें आई हैं। मेल और डाक के द्वारा भी हमारे पास शिकायतें पहुंचती हैं और हम समाचार पत्र के द्वारा संज्ञान में आने वाली शिकायतों पर भी कार्यवाही करते हैं। रोहतक में हमने इसी प्रकार से पीजीआई द्वारा लगभग 200 डेथ सर्टिफिकेट ना देने की खबर देखी तो इस पर संज्ञान लेते हुए हमने निदेशक को तुरंत प्रभाव से नोटिस दिए। दोषी पाए गए कई चिकित्सकों को हमने चेतावनी भी दी और एक चिकित्सक को हमने जुर्माना भी लगाया। खानपुर कलां में भी पिछले 250 केसों में जन्म प्रमाण पत्र समय पर नहीं दिए गए थे। हमने उनमें से लगभग 150 केसों में सु मोटो नोटिस भी जारी किए। इस प्रकार की कार्यवाही हमारी वेबसाइट पर उपलब्ध है जोकि होम पेज पर आमजन भी उसे देख सकते हैं। कुछ लोग इस प्रकार के नोटिस और आर्डर पर रिसर्च भी करते हैं कि हरियाणा में राइट टू सर्विस कमीशन किस प्रकार की कार्यवाही कर रहा है।

प्रश्न : लापरवाह अधिकारी -कर्मचारियों और आपके नोटिस का जवाब ना देने वाले लोगों पर किस प्रकार के जुर्माने और कार्यवाही की पावर आपके पास है ?
उत्तर :
राइट टू सर्विस एक्ट प्रत्येक केस में ज्यादा से ज्यादा 20000 रुपए तक का जुर्माना लगाया जा सकता है और जिसका समय पर काम नहीं हुआ उसे 5000 तक की राशि कमीशन स्तर पर दी जा सकती है। लेकिन दूसरी अपील अथॉरिटी भी 5000 का जुर्माना और 1000 का कंपनसेशन दे सकता है। हमने अभी तक 18 केसों में 181500 रुपए का जुर्माना लगाया है और 4 केसों में 17500 का कंपनसेशन भी दिया है। इन बातों से जागरूकता बढ़ रही है। उदाहरण के तौर पर गुड़गांव में चीफ सेनेटरी अधिकारी जिसके पास 1700 स्वीपर है और सेनेटरी अधिकारी पर हमने जुर्माना लगाया। उसके बाद वहां की सफाई में हुए सुधार की लोगों ने बड़े स्तर पर सराहना हुई है। हमने एस्टेट ऑफिसर सोनीपत पर जुर्माना लगाया। लेकिन उसके बाद एस्टेट अधिकारी ने समय पर सभी के काम करना शुरू कर दिया यानि जुर्माना लगाने का जो इफेक्ट है वह बहुत अधिक देखने को मिला है।

प्रश्न : क्या इस सिस्टम में आपको और सुधार की कोई जरूरत अनुभव हुई है ?
उत्तर :
हमारी 572 अधिसूचित नोटिफाइड सर्विसेज में से मात्र अभी 200 सर्विसेज जोड़ी गई है। प्रदेश के मुख्यमंत्री ने सभी सभी विभागों को इस बारे में निर्देश सभी विभागों को दिए हुए हैं और मुख्य सचिव द्वारा इस बारे एक महत्वपूर्ण बैठक करते हुए सभी विभागों को ऑटोफिल पर लाने के निर्देश दिए थे। यह होने के बाद 7 से 800000 लोग विभिन्न सेवाओं के लिए अप्लाई करते हैं चाहे मृत्यु प्रमाण पत्र, जन्म प्रमाण पत्र, ड्राइविंग लाइसेंस, कन्वेंस डीड इत्यादि 572 सर्विस या तो समय पर होंगी या समय पर ना होने पर जिम्मेदारी सुनिश्चित होगी। साथ ही प्रोसेस को ठीक करने को लेकर आयोग खास ध्यान दिए हुए हैं। बहुत से कार्यों में गैर जरूरी कागज मांगे जाते हैं। जिसमें हमने कागजों को कम किए हैं। कई जगह बयान हल्फया मांगे जाते हैं। जबकि हरियाणा सरकार द्वारा एफिडेविट लेने की बजाए सेल्फ डिक्लेरेशन लेने के आदेश दिए हुए हैं। हमने बहुत से बदलाव करके लोगों को सहूलियत प्रदान करने की कोशिश की है।

प्रश्न : कौन से विभागों में आपको ज्यादा कमियां देखने को मिली है ?
उत्तर : 
सबसे अधिक शिकायतें बिजली विभाग से संबंधित आती हैं। लेकिन उसका कारण यह भी है कि लोगों की एप्लीकेशन भी उसमें अधिक आती हैं। लेकिन आज का कैलकुलेशन निकाले तो बिजली विभाग का कार्य बहुत अच्छा चल रहा है। बहुत से बिलिंग कंप्लेंट से संबंधित ऑटो अपील होती हैं। क्योंकि बिलिंग कंप्लेंट में वेरीफाई करवाना अति आवश्यक होता है और 14 दिन के इतने कम समय में ना होने के कारण ऑटोमेटिक ऑटो अपील हो जाती है। हमने इससे संबंधित लाइनमैन और जूनियर इंजीनियर तक को नोटिस जारी किए थे। उसके बाद अधिकारी कर्मचारियों की कार्यशैली काफी अच्छी हुई है और लोगों से मिल रही फीडबैक के अनुसार भी लोग काफी संतुष्ट हैं।

प्रश्न : राइट टू कमिशन को लेकर क्या आपने कोई कंट्रोल रूम इत्यादि भी स्थापित किया है ?
उत्तर : 
कमीशन को आने वाली मेल या पत्राचार का हम उसी दिन जवाब देते हैं। हमने इस कार्य के लिए तीन अधिकारियों को विभाजन किया हुआ है  इस कार्य के लिए छुट्टी या अन्य कोई कारण मायने नहीं रखता। किसी भी दिन मेल- शिकायत आने पर उसी दिन उसका जवाब भेजा जाता है। 34 साल के मेरे आईएएस के कार्यकाल के अंदर में मैंने कभी भी यह नहीं देखा कि उसी दिन जवाब भेजा जा रहा हो।लेकिन कमीशन में ऐसा हो रहा है। दूसरा हमने सरल हरियाणा हेल्पलाइन नंबर जो एक कॉल सेंटर के रूप में कार्य करता है। उसकी रेंडम बेसिस पर 5 कॉल्स रोज मंगवाकर सुनता हूं और मैं संतुष्ट हूं कि सरल हरियाणा पर कॉल करने वाले व्यक्ति को संतोषजनक जवाब मिलता है।

प्रश्न : परिवार पहचान पत्र के कारण काफी लोगों को योजनाओं का मिल रहे लाभ में रुकावट आई है, आपके पास इसके लिए क्या सुझाव है ?
उत्तर : 
परिवार पहचान पत्र की सुविधा अभी नोटिफाइड सर्विस में नहीं है। लेकिन हमने हरियाणा सरकार और विभाग को नोटिफाइड के लिए संतुति की है। नोटिफाइड के पश्चात हम इसमें भी संज्ञान लेंगे। शिकायतें हमारे पास अभी भी आ रही हैं। लेकिन हम केवल अभी विभाग के पास इसे भेजते हैं। क्योंकि हम इसका अभी संज्ञान नहीं ले सकते।

प्रश्न : ऐसे भी जानकारी है कि शिक्षा विभाग ने भी अपनी कई सर्विसेज नोटिफाइड के लिए अनुरोध किया है ?
उत्तर : 
एजुकेशन विभाग कि कुछ सर्विस छात्रों से संबंधित रखती है. उसके लिए हम संज्ञान लेते है जैसे मार्कशीट और डिग्री  इत्यादि से संबंधित। लेकिन एजुकेशन विभाग ने अपने अधिकारी कर्मचारियों के इंक्रीमेंट इत्यादि से जुड़ी सुविधा को भी रिक्वेस्ट कर दिया था। लेकिन आयोग और सरकार का यही मानना है कि फिलहाल जनता से संबंधित सुविधाओं को आयोग के दायरे में रखा जाए। कर्मचारियों से संबंधित शिकायतों को बाद में देखेंगे। कई यूनियनों द्वारा भी हमारे पास अनुरोध आया है कि कर्मचारियों से संबंधित शिकायतों को  इसमें शामिल किया जाए। लेकिन आयोग के पास सीमित समय और सीमित साधन है। इस समय हम केवल आम नागरिक से जुड़ी सुविधाओं पर खास ध्यान दे रहे हैं।

प्रश्न : राइट टू सर्विस कमिशन किन विभागों से अभी तक असंतुष्ट है ?
उत्तर : 
हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण, बिजली विभाग इत्यादि का रिस्पांस बहुत अच्छा मिल रहा है। कुछ विभागों में पत्र लिखने के बाद अब जाकर कुछ तेजी आई है जो शुरू में काफी ढीले नजर आ रहे थे। अब काफी ठीक हैं। हरियाणा कंस्ट्रक्शन बोर्ड में कुछ ढिलाई देखने को अवश्य मिली है। जिसे लेकर हम तीन बार लेबर कमिश्नर को बुला भी चुके हैं। लेकिन  उनकी भी कुछ परेशानियां हैं। जल्द समस्याओं का निदान किया जाएगा।

प्रश्न : क्या हरियाणा राइट टू सर्विस कमिशन के तहत प्रदेश में किसी प्रकार के दौरे का भी कोई कार्यक्रम आपका है ?
उत्तर : 
पहले हमने हर जिले के अंदर दौरा किया था और वहां के समाचार पत्रों ने भी इसे प्रमुखता से छापा था। सभी 22 जिलों में जाकर वहां के प्रबुद्ध नागरिकों और विभागाध्यक्ष को बुलाकर हमने रिव्यू भी किया था। अब हम इसका दूसरा चरण जल्द ही डिवीजन लेवल पर शुरू करेंगे। जनता काफी जागरूक हो चुकी है। क्योंकि ऑटोफिल का मैसेज भी उनके पास पहुंचता है। फिर भी दूसरी मुहिम उसकी जल्दी शुरू करेंगे।

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