Edited By Manisha rana, Updated: 22 Dec, 2024 03:08 PM
जमीन के लिए अपने ही अपनों के खिलाफ कोर्ट में लड़ाई लड़ते मिलेंगे, लेकिन इन सब से हटकर चरखी दादरी जिले के बिलावल निवासी रिटायर्ड सूबेदार सुमेर सिंह अपनी कष्ट कमाई से खरीदी गई 8 एकड़ जमीन को जनसेवा व गौसेवा के लिए दान करना चाहते हैं।
चरखी दादरी (पुनीत श्योराण) : मौजूदा समय में देखने को मिलता है जमीन के छोटे से टूकड़े के लिए अपनों का खून कर दिया जाता है। यहीं नहीं जमीन के लिए अपने ही अपनों के खिलाफ कोर्ट में लड़ाई लड़ते मिलेंगे, लेकिन इन सब से हटकर चरखी दादरी जिले के बिलावल निवासी रिटायर्ड सूबेदार सुमेर सिंह अपनी कष्ट कमाई से खरीदी गई 8 एकड़ जमीन को जनसेवा व गौसेवा के लिए दान करना चाहते हैं। इसके लिए बकायदा उन्होंने हरियाणा सरकार को रजिस्टर्ड पत्र व ई-मेल भेजा है। बस अब उन्हें वहां से उत्तर का इंतजार है उसके बाद आगामी प्रक्रिया अपनाई जाएगी।
रिटायर्ड सूबेदार सुमेर सिंह ने दस्तावेज दिखाते हुए बताया कि वह 25 साल सेना में सेवाएं देने के बाद 1999 में सूबेदार के पद से रिटायर्ड हुए थे। उसके बाद से वे जयपुर में रहते हैं और समाज सेवा को अपनाया। बाद में ग्रामीणों के आह्वान पर गांव बिलावल में भी समाज हित में अपना योगदान शुरू किया। वे अपने स्वर्गीय माता-पिता के नाम से गांव में अस्पताल व गौशाला बनाकर सरकार को दान करना चाहते हैं। जिसके लिए उन्होंने पीएम व सीएम के नाम रजिस्टर्ड पत्र भेजा है। उन्होंने बताया कि 24 सितंबर 2024 को पत्र रजिस्टर्ड डाक से सीएम को भेजा था उसके बाद से सीएमओ कार्यालय से उनके पास फोन भी आ चुका है। जल्द ही सीएम से मिलकर इस पर विचार-विमर्श कर प्रक्रिया को आगे बढ़ाने का कार्य करेंगे।
सीएम से मिलकर करेंगे एग्रीमेंट: सुमेर सिंह
सुमेर सिंह ने बताया कि वे सीएम से मिलकर अपनी शर्तें उनके समक्ष रखेंगे और उनका एग्रीमेंट करवाना चाहता हैं। उन्होंने कहा कि उनकी शर्त है कि वे अपनी जमीन पर अस्पताल का भवन बनाकर सरकार को सौंप देंगे लेकिन उस अस्पताल की आगे की देखरेख सरकार करे। सरकार उसमें स्टाफ उपलब्ध कराएं और उपचार में लिए आने वाले लोगों से पांच रुपये पंजीकरण फीस से अधिक ना ली जाये। इसके अलावा अस्पताल का नाम उनके पिता देशराम व माता अणचाई के नाम पर हो।
बेटी बचाने के लिए भी गांव में चलाई मुहिम
सुमेर सिंह ने हरियाणा में लिंगानुपात को देखते हुए बेटी बचाने के लिए भी मुहिम चलाई। इसके लिए उन्होंने अपने गांव में लड़की जन्म पर 5100 रुपये की एफडी करवाई हैं। इसके अलावा लड़की के विवाह अवसर पर भी उन्होंने प्रोत्साहन राशि कन्यादान के रूप में दी।
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