Edited By Pawan Kumar Sethi, Updated: 07 Jun, 2024 05:42 PM
बिल्डरों द्वारा हरियाणा रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथोरिटी में दी जाने वाली रिपोर्ट की सत्यता जांचने के लिए आज रेरा चेयरमैन अरुण कुमार ने आधा दर्जन से अधिक बिल्डर साइटों का निरीक्षण किया।
गुड़गांव,(ब्यूरो): बिल्डरों द्वारा हरियाणा रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथोरिटी में दी जाने वाली रिपोर्ट की सत्यता जांचने के लिए आज रेरा चेयरमैन अरुण कुमार ने आधा दर्जन से अधिक बिल्डर साइटों का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने ग्राउंड पर चल रहे बिल्डर प्रोजेक्ट की सत्यता की जांच की। शुक्रवार को किए गए निरीक्षण के दौरान उन्होंने सिग्नेचर ग्लोबल प्राइम, मिकासा, वाटरफाल रेजिडेंसी, सिग्नेचर ग्लोबल प्रोक्सिमा-1, एसएस हाई पॉइंट, सिग्नेचर ग्लोबल सिटी, गोदरेज मेरिडियन फेज-2, और एमिनेंस किंब्रेली स्यूट्स के साथ-साथ एसपीआर रोड के साथ लगते कुछ अन्य प्रोजेक्ट की कार्य प्रगति रिपोर्ट ली।
गुड़गांव की खबरों के लिए इस लिंक https://www.facebook.com/KesariGurugram पर क्लिक करें।
रेरा चेयरमैन अरुण कुमार ने कहा कि रेरा एक्ट-2016 के सेक्टर-6 और 7(3) के तहत इन प्रोजेक्ट को अतिरिक्त समय दिया गया था ताकि बिल्डर इनका निर्माण कार्य पूरा कर निवेशकों को फ्लैट पर पजेशन दे सके। एक्ट के सेक्शन-6 के बिल्डरों द्वारा प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए समय सीमा बढ़ाने के लिए आवेदन किया था। उन्होंने कहा कि गुड़गांव हाइपर पोटेंशियल रियल एस्टेट जोन है। इसको देखते हुए ही गुड़गांव के लिए अलग अथोरिटी बनाई गई है ताकि निवेशकों ओर प्रमोटरों के बीच संतुलन बनाया जा सके और प्रमोटर्स निर्धारित समय पर प्रोजेक्ट को पूरा कर निवेशकों को उनके सपनों का आशियाना दे सके, लेकिन देखने में आया है कि प्रमोटर्स द्वारा प्रोजेक्ट को अनावश्यक रूप से डिले किया जा रहा है जिसके कारण निवेशकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। अरुण कुमार के मुताबिक, जब से उन्होंने रेरा के चेयरमैन का पद संभाला है तब से वह प्रयास कर रहें हैं कि निवेशकों को राहत मिले और बिल्डर प्रोजेक्ट को निर्धारित समय में ही पूरा करे ताकि प्रोजेक्ट को एक्टेंशन न देनी पड़े।
इससे पहले भी रेरा चेयरमैन द्वारा अप्रैल महीने में बिल्डरों के 35 प्रोजेक्ट का निरीक्षण किया था और मौके पर किए गए निर्माण कार्य की प्रगति रिपोर्ट जानी थी। जांच के दौरान पाया गया था कि बिल्डरों द्वारा थर्ड पार्टी राइट्स करीब तीन से चार साल पहले क्रिएट किए गए थे और निर्माण कार्य भी अधर में लटका हुआ था जबकि प्रोजेक्ट पूरा करने की डेड लाइन नजदीक पहुंच गई थी। जिसके बाद रेरा चेयरमैन द्वारा सख्ती दिखाते हुए बिल्डरों पर नकेल कसने के लिए यह कदम उठाया गया था।