Board एग्जाम से पहले स्टूडेंट्स के लिए राहत भरी खबर, अब इन स्कूलों के छात्र भी दे सकेंगे एग्जाम

Edited By Isha, Updated: 04 Jan, 2025 07:56 PM

relief news for students before board exams

हरियाणा में अस्थाई मान्यता प्राप्त स्कूलों के 20 हजार बच्चों के लिए एक अच्छी खबर है। अब अस्थाई मान्यता प्राप्त स्कूलों के 20 हजार छात्र-छात्राएं भी 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा में शामिल हो सकेंगे

चंडीगढ़(चंद्रशेखर धरणी) :  हरियाणा में अस्थाई मान्यता प्राप्त स्कूलों के 20 हजार बच्चों के लिए एक अच्छी खबर है। अब अस्थाई मान्यता प्राप्त स्कूलों के 20 हजार छात्र-छात्राएं भी 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा में शामिल हो सकेंगे। स्कूल शिक्षा निदेशालय ने 31 मार्च 2007 से पहले संचालित अस्थाई और अनुमति प्राप्त स्कूलों, जिन्हें पिछले सत्र में प्रोविजनल एफिलिएशन (अस्थाई संबद्धता) प्रदान की गई थी, उनकी सूची हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड को भेज दी है। साथ ही संबद्धता शुल्क भरवाने व दसवीं-बारहवीं के बच्चों के नामांकन के लिए पोर्टल खोलने का निर्देश दिया है।

इन बच्चों को होगा फायदा
इन स्कूलों को एफिलिएशन फॉर्म के साथ सत्र 2023-24 की प्रोविजनल एफिलिएशन व 31 मार्च 2007 से पहले की अस्थाई मान्यता या परमिशन लेटर की कॉपी भी देनी होगी। सरकार के फैसले से इन स्कूलों में पढ़ रहे करीब डेढ़ लाख बच्चों के भविष्य पर लटक रही तलवार हट गई है। बता दें कि हरियाणा बोर्ड की दसवीं और बारहवीं की परीक्षाएं फरवरी में शुरू होने वाली हैं।

6 दिसंबर को जारी किया गया था आदेश
शिक्षा निदेशालय ने छह दिसंबर को ही इन स्कूलों का सत्र 2024-25 का एक्सटेंशन लेटर जारी करते हुए जिला शिक्षा अधिकारियों को लिखित आदेश दिया था कि यह स्कूल आगामी सत्र 2025- 26 में स्थाई मान्यता लिए बिना बच्चों का दाखिला नहीं करेंगे। इन स्कूलों से शपथपत्र लेकर रिपोर्ट शिक्षा मुख्यालय पंचकूला में भेजी जाए।

कई जिलों के जिला शिक्षा अधिकारियों द्वारा रिपोर्ट भेजने में देरी के कारण शिक्षा निदेशालय ने अभी तक इन स्कूलों की सूची बोर्ड में नहीं भेजी थी। इससे इन स्कूलों को शिक्षा बोर्ड भिवानी से एफिलिएशन नहीं मिल पाई और यह स्कूल अभी तक बोर्ड कक्षाओं के फार्म नहीं भर पाए। इसके उलट सरकारी एवं स्थाई मान्यता प्राप्त स्कूलों के फार्म तीन दिसंबर तक भरे जा चुके हैं। इस समस्या को लेकर प्राइवेट स्कूल संघ ने सरकार से इन स्कूलों की एफिलिएशन भरवाकर पोर्टल खोलने की मांग उठाई थी। संघ का तर्क है कि नियमों में कुछ ढील देकर समस्या का स्थाई हल निकाला जाए।

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