Edited By Yakeen Kumar, Updated: 24 Dec, 2025 04:46 PM

पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा पावर यूटिलिटी में सहायक अभियंताओं (AE) की भर्ती को लेकर अहम फैसला सुनाया है। अदालत ने वर्ष 2020 में की गई 201 सहायक अभियंताओं की भर्ती प्रक्रिया को असंवैधानिक करार देते हुए रद्द कर दिया है।
चंडीगढ़ : पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा पावर यूटिलिटी में सहायक अभियंताओं (AE) की भर्ती को लेकर अहम फैसला सुनाया है। अदालत ने वर्ष 2020 में की गई 201 सहायक अभियंताओं की भर्ती प्रक्रिया को असंवैधानिक करार देते हुए रद्द कर दिया है। कोर्ट ने निर्देश दिए हैं कि पूरी भर्ती प्रक्रिया को केवल गेट (GATE) परीक्षा की मेरिट के आधार पर नए सिरे से पूरा किया जाए।
यह फैसला जस्टिस हरप्रीत सिंह बरार ने सुनाया। कोर्ट ने कहा कि गेट मेरिट के बाद सोशियो-इकोनॉमिक क्राइटेरिया के तहत 20 अतिरिक्त अंक देना संविधान के अनुरूप नहीं है। इससे उन अभ्यर्थियों को अनुचित लाभ मिला, जो मेरिट सूची में पीछे थे, जबकि उच्च मेरिट वाले उम्मीदवार चयन से वंचित रह गए।
गौरतलब है कि हरियाणा पावर यूटिलिटी ने 4 दिसंबर 2020 को HVPN, HPGCL, UHBVN और DHBVN के लिए सहायक अभियंताओं की सीधी भर्ती का विज्ञापन जारी किया था। इसमें इलेक्ट्रिकल कैडर के 168, मैकेनिकल के 15 और सिविल कैडर के 18 पद शामिल थे। चयन के लिए गेट परीक्षा आयोजित की गई थी।
इस भर्ती प्रक्रिया को सिरसा निवासी सुनील गोदारा ने वर्ष 2021 में हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता संचित पूनिया ने दलील दी कि उनके मुवक्किल ने गेट परीक्षा में 84.28 अंक प्राप्त किए थे, जो अंतिम चयनित उम्मीदवार के बराबर थे। इसके बावजूद सोशियो-इकोनॉमिक आधार पर कम मेरिट वालों को अतिरिक्त 20 अंक देकर चयन सूची में ऊपर कर दिया गया, जो समानता के अधिकार का उल्लंघन है।
हाईकोर्ट ने इस तर्क को स्वीकार करते हुए पूरी चयन प्रक्रिया को रद्द कर दिया और बिजली निगम को निर्देश दिए कि भर्ती केवल गेट मेरिट के आधार पर पारदर्शी तरीके से दोबारा की जाए। अदालत का आदेश संबंधित विभाग को भेज दिया गया है।
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