उम्मीदों के साथ जी रही अनीशा: खुद के इलाज के लिए पिता के साथ बेच रही गोलगप्पे, बनना चाहती है CA

Edited By Manisha rana, Updated: 30 Mar, 2023 09:43 AM

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टोहाना शहर के भाटिया नगर की रहने वाली 16 वर्षीय अनीशा देर सांय के समय अपने पिता के साथ गोलगप्पे की रेहडी पर काम में हाथ बंटा रही ...

टोहाना (सुशील सिंगला) : टोहाना शहर के भाटिया नगर की रहने वाली 16 वर्षीय अनीशा देर सांय के समय अपने पिता के साथ गोलगप्पे की रेहडी पर काम में हाथ बंटा रही है। अनीशा के अनुसार उसके इलाज पर खर्चा अधिक होने से पिता को परेशान होता देख उसने मदद करनी शुरू की है। अनीशा की एक किडनी न होने के चलते उसका चंडीगढ पीजीआई से इलाज भी चल रहा है। अनीशा के परिवार ने सरकार से मदद की गुहार लगाई है ताकि उसका ईलाज हो सके। 

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इलाज का खर्चा अधिक होने से दिन में 17 घंटे काम कर रहा पिता 

अनीशा के पिता ओमप्रकाश ने बताया कि वह भाटिया नगर का रहने वाला है। उसकी दो बेटियां व एक लड़का है। अनीशा ग्याहरवीं कक्षा में कन्या स्कूल में पढती है। करीबन 4 साल पहले जब अनीशा के पेट में दर्द हुआ तो वह उसे अस्पताल में ले गया जहां इलाज करवाने पर पता चला कि अनीशा की किडनी नहीं है जिससे यह परेशान है। बेटी की परेशानी को बढ़ता देख उसने दिल्ली, चंडीगढ सहित अनेक जगहों पर इलाज के लिए गया, लेकिन हर जगह से जबाव मिलता रहा। इलाज खर्च अधिक है तो दिन में 17 घंटे काम कर रहा है। 


एक महीने में आता है करीबन 20 हजार का खर्चा


ओमप्रकाश ने बताया कि उसकी बेेटी का इलाज चंडीगढ पीजीआई से करवा रहा है, जहां एक महीने में करीबन बीस हजार का खर्च आता है। वह सुबह पांच बजे सब्जी मंडी से सब्जी लेकर आता है जिसके बाद दो बजे सब्जी बेचता है। जब घर का गुजारा चलना मुश्किल हुआ तो उसने सांय के समय गोलगप्पे की रहेडी लगाने का फैसला किया, जिसमें उसकी पत्नी, दोनों बेटियां व बेटा भी हाथ बंटाते है। लेकिन उसकी बेटी अनीशा बाजार में साथ जाकर गोलगप्पे बेचने में मदद करती है जिससे मुझे फक्र होता है कि मेरी बेटी मेरा कंधे से कंधा मिलाकर साथ दे रही है। 


पंचायत मंत्री देवेंद्र सिंह बबली की ओर से भी मिली मदद

पंचायत मंत्री देवेंद्र सिंह बबली की ओर से एक बार मदद मिली थी जिससे उसकी बेटी का इलाज करवाया लेकिन सरकार यदि उसकी बेटी का चंडीगढ पीजीआई में शीघ्र आप्रेशन करवा दें तो उसकी बेटी भी नार्मल लाइफ जी सकती है। उसने बताया कि चंडीगढ पीजीआई वाले उनके लगातार चक्कर लगा रहे है जिससे उसको आर्थिक नुकसान हो रहा है तथा उसकी बेटी को भी परेशानी होती है।  

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CA बनना चाहती है अनीशा

अनीशा ने बताया कि वह  सीए बनना चाहती है। उसने बताया कि उसकी बड़ी बहन बाहरवीं पास है तथा भाई कक्षा चार में पढता है तथा माता सिलाई का काम करती है। अनीशा ने बताया कि उसने राजकीय कन्या स्कूल से पढ़ाई करते हुए कक्षा दसवीं में 71 फीसदी अंक हासिल किए है, अब वह बड़ी होकर सीए बनना चाहती है ताकि अपने माता-पिता का नाम रोशन कर सके। इतना कहकर अनीशा की आंखों में आंसू आ गए। अनीशा ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हरियाणा के पानीपत से बेटी बचाओ बेटी पढा़ओ अभियान की शुरूआत की थी लेकिन वह भी एक बेटी है उसकी मदद के लिए सरकार कोई सहयोग नहीं कर रही है। उसने बताया कि सरकार को उसे भी अपनी बेटी मानते हुए इलाज में सहयोग करना चाहिए, क्योंकि उसके पिता पूरी तरह से परेशान हो चुके है।

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