Edited By vinod kumar, Updated: 18 May, 2020 05:38 PM
दो राज्यों के बीच में फंसे प्रवासी मजदूरों का यूपी के सीएम पर गुस्सा फूटा। मजदूरों ने कहा देश मे वीआईपी कल्चर है, कोरोना जनक चीन के वुहान से तो लोगों को लाया जा सकता है, लेकिन हमें अपने ही घरों में जाने से सरकार रोक रही है। ये देश की विडम्बना ही है...
राेहतक (दीपक): दो राज्यों के बीच में फंसे प्रवासी मजदूरों का यूपी के सीएम पर गुस्सा फूटा। मजदूरों ने कहा देश मे वीआईपी कल्चर है, कोरोना जनक चीन के वुहान से तो लोगों को लाया जा सकता है, लेकिन हमें अपने ही घरों में जाने से सरकार रोक रही है। ये देश की विडम्बना ही है कि सत्ता की कुर्सी पर बैठे संत के होते हुए भी मर रहे है, क्या मजदूरों से सरकार की कोई दुश्मनी है।
वहीं यूपी के बॉर्डर तक जाकर वापस लौटी गर्भवती महिला की आंखों से आंसू ही नहीं रुक पा रहे थे। सैकड़ों किलोमीटर जाकर वापस लौटी महिला को दर्द हुआ तो पुलिस कर्मियों ने पीने की सिरप और थोड़े से नींबू दिला दिए, लेकिन महिला का आरोप है कि समय पर खाना नहीं मिल रहा, इसलिए भूखे पेट कैसे दवाई ले।
घर जाने की चाह में उदास महिला को देखते हुए प्रवासी मजदूरों ने ताली बजाकर उसका का हौसला बढ़ाया। इसके साथ एक ओर प्रवासी मजदूर ने शेल्टर होम पर आरोप लगाया है कि खाने के लिए लाइन में लगने पर भी यहां पिटाई होती है, यहां के लोगों का व्यवहार सही नही है। गाैरतलब है कि रोहतक से कल शाम को 1500 प्रवासी मजदूर यूपी के लिए भेजे थे, लेकिन यूपी प्रसाशन ने उन्हें लेने से इनकार कर दिया।