सगे रिश्ते पर भारी पड़ी राजनीति, 2 सीटों पर चुनाव लड़ रहे समधी-समधन...नहीं कर सकते एक-दूसरे का प्रचार

Edited By Isha, Updated: 01 Oct, 2024 05:31 PM

politics took a toll on the family relationship

15वीं  हरियाणा विधानसभा  आम चुनाव के  लिए आगामी  शनिवार  5 अक्टूबर को प्रदेश की  सभी 90 वि.स. सीटों  पर निर्धारित मतदान में  भाजपा और कांग्रेस दोनों पार्टियों से प्रदेश के कई मौजूदा  सांसदों के पुत्र-पुत्री-पत्नी  और यहाँ तक

चंडीगढ़(चंद्र शेखर धरणी ):15वीं  हरियाणा विधानसभा  आम चुनाव के  लिए आगामी  शनिवार  5 अक्टूबर को प्रदेश की  सभी 90 वि.स. सीटों  पर निर्धारित मतदान में  भाजपा और कांग्रेस दोनों पार्टियों से प्रदेश के कई मौजूदा  सांसदों के पुत्र-पुत्री-पत्नी  और यहाँ तक कि एक-एक सांसद के  माता अथवा  पिता भी विधानसभा  चुनाव लड़ रहे हैं. वहीं  एक वर्तमान राज्यसभा सांसद स्वयं भी  विधायक का चुनाव लड़ रहे हैं.

गुडगाँव सीट से  भाजपा सांसद और केंद्रीय राज्यमंत्री राव इन्द्रजीत सिंह की पुत्री महेंद्रगढ़ जिले की अटेली वि.स. सीट से भाजपा प्रत्याशी हैं. इसी प्रकार कुछ   माह पूर्व   कांग्रेस छोड़ भाजपा से शामिल हुई एवं गत अगस्त में  हरियाणा से  राज्यसभा में निर्वाचित हुई किरण चौधरी की पुत्री श्रुति चौधरी भिवानी जिले की तोशाम सीट से भाजपा प्रत्याशी हैं. वहीं वर्तमान में हरियाणा से भाजपा के  राज्यसभा सांसद कृष्ण लाल पंवार स्वयं पानीपत जिले की इसराना सीट से भाजपा से  चुनाव लड़ रहे हैं. 

वहीं कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट से भाजपा  सांसद नवीन जिंदल की माता और प्रदेश की पूर्व मंत्री और दो बार विधायक रही  सावित्री जिंदल भाजपा से टिकट न मिलने कारण हिसार वि.सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनावी मैदान में है.

 वहीं अगर कांग्रेस की बात  की जाए, तो रोहतक लोकसभा सीट से पार्टी   सांसद दीपेन्द्र हुड्डा के पिता और  पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा रोहतक जिले की गढ़ी-संपला किलोई वि.स. सीट से, अम्बाला लोकसभा से कांग्रेस सांसद वरुण चौधरी की पत्नी पूजा चौधरी अम्बाला जिले की मुलाना (आरक्षित)  सीट से और हिसार लोकसभा   से कांग्रेस सांसद  जय प्रकाश के पुत्र विकास सहारण कैथल  जिले की कलायत  सीट से विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं

 इसी बीच एक रोचक मामला दो ऐसे नजदीकी सगे संबंधियों का भी है जो इस बार के हरियाणा  विधानसभा चुनाव में  अलग अलग राजनीतिक दल से चुनावी मैदान में हैं. पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट के एडवोकेट और चुनावी विश्लेषक  हेमंत कुमार, जो अम्बाला शहर विधानसभा हलके में रजिस्टर्ड  मतदाता भी हैं, ने बताया कि अम्बाला नगर निगम की मौजूदा मेयर शक्ति रानी शर्मा, जो  दिसम्बर,2020 में हरियाणा जनचेतना पार्टी - हजपा (वी) के टिकट और चुनाव-चिन्ह (गैस सिलेंडर)  पर चुनाव लड़कर अम्बाला मेयर के पद पर सीधी निर्वाचित हुई थी,  गत  माह 1 सितम्बर को  भाजपा में शामिल हो गई थी  जिसके कुछ दिन बाद ही उन्हें पंचकूला जिले की  कालका विधानसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार घोषित कर दिया गया. हालांकि रोचक बात यह है कि उनके पति एवं हजपा (वी) सुप्रीमो विनोद शर्मा ने अपनी पार्टी का आज तक  भाजपा में  विलय नहीं किया है. अत: एक प्रकार से कहा जा  सकता है कि अम्बाला न.नि. मेयर शक्ति रानी ने हजपा(वी) से भाजपा में अकेले ही  दल-बदल किया है. आज भी हजपा(व़ी) हरियाणा में गैर-मान्यता प्राप्त रजिस्टर्ड राजनीतिक दल है हालांकि मौजूदा विधानसभा चुनाव में हजपा(वी) ने अपना कोई उम्मीदवार चुनाव मैदान में नहीं उतारा है.

बहरहाल, हेमंत ने आगे  बताया कि   दस वर्ष पूर्व 2014 में  13वीं हरियाणा विधानसभा चुनाव से कुछ माह पूर्व विनोद  शर्मा, जो अम्बाला शहर वि.स. सीट से लगातार दो बार कांग्रेस से विधायक रहे और इस दौरान वह  भूपेंद्र हुड्डा सरकार में डेढ़ वर्ष तक कैबिनेट मंत्री भी रहे, ने   कांग्रेस छोड़कर अगस्त, 2014  में हजपा(वी) नाम से अलग राजनीतिक पार्टी बनाई थी. अक्टूबर, 2014 में विनोद की पत्नी  शक्ति रानी शर्मा ने हजपा(वी) के टिकट पर भी  कालका वि.स. सीट से ही चुनाव लड़ा था परन्तु उन्हें तब केवल साढ़े सात हज़ार  वोट जो  6.15 फीसद बनते  थे प्राप्त हुए  जिससे उनकी ज़मानत राशि जब्त हो गई थी.  

वहीं  शक्ति रानी के छोटे सुपुत्र कार्तिकेय (कार्तिक) शर्मा, वर्तमान में हरियाणा से राज्यसभा में निर्दलीय तौर पर निर्वाचित सांसद हैं, जो  सवा दो वर्ष पूर्व जून, 2022 में प्रदेश में तत्कालीन भाजपा-जजपा के विधायकों के समर्थन से राज्यसभा में निर्वाचित हुए थे. 

बहरहाल, हेमंत ने बताया कि बहुत कम लोगों को  यह जानकारी होगी कि मौजूदा विधानसभा चुनावो में सोनीपत जिले की गन्नौर विधानसभा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार कुलदीप शर्मा रिश्ते में 
कालका से भाजपा प्रत्याशी शक्तिरानी शर्मा  के समधी हैं. कुलदीप की सुपुत्री ऐश्वर्या पंडित का विवाह विनोद शर्मा और शक्ति रानी शर्मा के छोटे सुपुत्र और  निर्दलीय राज्यसभा सांसद कार्तिकेय शर्मा से हो रखा है. कुलदीप शर्मा 12वी और 13वी हरियाणा  विधानसभा में लगातार दो बार गन्नौर सीट से ही  कांग्रेस पार्टी के विधायक निर्वाचित हुए थे  एवं इसी बीच वह 12वी. लोकसभा के दौरान साढ़े तीन वर्ष तक हरियाणा विधानसभा के अध्यक्ष (स्पीकर) भी रहे  थे हालांकि वर्ष 2019 में कुलदीप भाजपा से चुनाव लड़ी निर्मल रानी से चुनाव हार गये थे. इस बार कुलदीप चौथी बार गन्नौर वि.स. सीट से ही वि.स. चुनाव लड़ रहे हैं. 

अब क्या अबकी बार समधी-समधन दोनों अर्थात गन्नौर  सीट से कांग्रेस उम्मीदवार कुलदीप शर्मा और 
 कालका सीट से भाजपा प्रत्याशी शक्ति रानी शर्मा दोनों अपनी अपनी पार्टी से  विधायक के तौर पर  निर्वाचित होकर 15वी हरियाणा विधानसभा में पहुंचते हैं अथवा दोनों में से कोई एक या संभवत: कोई भी नहीं, यह आगामी 8 अक्टूबर मतगणना के दिन ही स्पष्ट हो पायेगा. 

जैसा भी हो, हेमंत का कहना है कि एक बार फिर  सगे करीबी रिश्तों पर राजनीति भारी पड़ गई है जिसके चलते  न  तो  कालका वि.स. सीट से  भाजपा प्रत्याशी  शक्ति रानी शर्मा अपने छोटे  पुत्र कार्तिकेय  के ससुर अर्थात रिश्ते में अपने सगे  समधी लगे  गन्नौर वि.स.  से कांग्रेस उम्मीदवार  कुलदीप शर्मा  के प्रचार के लिए जा सकती  हैं  और न ही कुलदीप अपनी बेटी ऐश्वर्या  की सास अर्थात रिश्ते में अपनी  सगी   समधन लगी शक्ति रानी के लिए कालका वि.स. सेट पर उनके चुनावी प्रचार के  जा सकते हैं. यहाँ तक कि कुलदीप शर्मा की   सुपुत्री ऐश्वर्या  जो गत कई दिनों  से अपनी सास शक्ति रानी के लिए कालका वि.स. सीट पर भाजपा के लिए प्रचार कर रही हैं, वह भी अपने पिता कुलदीप  के लिए गन्नौर में कांग्रेस के  चुनाव प्रचार नहीं जा सकती  हैं. इसी प्रकार कुलदीप के दामाद और हरियाणा से निर्दलीय राज्यसभा सांसद कार्तिकेय शर्मा भी अपने ससुर कुलदीप के लिए गन्नौर सीट पर कांग्रेस पार्टी के  प्रचार के लिए नहीं जा रहे क्योंकि उन्होंने केंद्र में मोदी सरकार को समर्थन दे रखा है.

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