पुलिस की थर्ड डिग्री से व्यक्ति की ईलाज के दौरान मौत, अस्पताल के बाहर धरने पर बैठे परिजन

Edited By Mohammad Kumail, Updated: 02 Sep, 2023 06:22 PM

person died during treatment due to third degree of police in rohtak pgi

31 अगस्त को रोहतक पीजीआई में उपचाराधीन फतेहाबाद के एक व्यक्ति ने दम तोड़ दिया। जो पिछले करीब दो माह से कोमा में था। वहीं मृतक के परिवार वालों ने आरोप लगाया कि हिसार नारकोटिक्स सेल टीम ने थर्ड डिग्री टॉर्चर किया है...

रोहतक (दीपक भारद्वाज) : 31 अगस्त को रोहतक पीजीआई में उपचाराधीन फतेहाबाद के एक व्यक्ति ने दम तोड़ दिया। जो पिछले करीब दो माह से कोमा में था। वहीं मृतक के परिवार वालों ने आरोप लगाया कि हिसार नारकोटिक्स सेल टीम ने थर्ड डिग्री टॉर्चर किया है। जिसके कारण उसकी मौत हो गई। इसके बाद परिवार वालों ने विरोध जताते हुए शव लेने से भी इनकार कर दिया। 

मृतक फतेहाबाद के गांव नांदौड़ी निवासी करीब 40 वर्षीय हरपाल सिंह  का पिछले करीब 11 जुलाई  से रोहतक पीजीआई में इलाज चल रहा था। मृतक अभी तक कोमा में था। परिवार वालों ने कहा कि दोषी पुलिस वालों पर हत्या का केस दर्ज करके सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए। 

वहीं मौत के तीन दिन में पुलिस कर्मियों के खिलाफ मामला दर्ज नहीं होने से नाराज परिजनों और आसपास के ग्रामीणों ने रोहतक पीजीआई के ट्रामा सेंटर के बाहर धरना दे दिया है और जब तक मामल दर्ज नहीं होता पोस्टमार्टम नहीं करवाने की चेतावनी दी है कल हजारों की संख्या में पहुंच कर धरना दिया जाएगा।

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इंस्पेक्टर पवन कुमार की नारकोटिक्स  टीम हिसार ने एक जुलाई को नए बस स्टैंड के पास से एक झारखंड के व्यक्ति को 5.8 किलो अफीम सहित हरपाल को गिरफ्तार किया था जो कि अर्बन थाना रोहतक में  मामला दर्ज कर दो जुलाई को रोहतक कोर्ट में पेश कर दोनों का पुलिस पुलिस रिमांड लिया था। इसी पुलिस रिमांड में हरपाल पर  थर्ड डिग्री टॉर्चर किया गया।

फतेहाबाद निवासी प्रमोद जीजा और उसके परिजन विपिन   ने कहा कि उसके चचेरे भाई हरपाल को हिसार नारकोटिक्स सेल ने एक जुलाई को घर से उठाया था। इसके बाद उसे रोहतक ले जाया गया। वहां शहर के एक इलाके में उसकी अफीम मामले में गिरफ्तारी दिखाते हुए उसके खिलाफ रोहतक के अर्बन एस्टेट थाना में केस दर्ज कराया गया। परिजनों ने आरोप लगाया कि रोहतक में केस दर्ज कराने के बाद हिसार नारकोटिक्स सेल उसे कोर्ट से रिमांड हासिल कर गैर कानूनी तरीके से हिसार ले गई। जहां पर थर्ड डिग्री देकर टार्चर किया गया। 

उन्होंने कहा कि हालात बिगड़ने पर हिसार पुलिस ने उसका एक झोलाछाप डॉक्टर से दो दिन तक इलाज कराया। लेकिन हरपाल की स्थिति में सुधार ना होने पर उसे हिसार नागरिक अस्पताल की बजाए राजगढ़ रोड के एक निजी अस्पताल में दाखिल करा दिया। इसकी सूचना मिलने पर परिजन हिसार के निजी अस्पताल में पहुंचे। इसके बाद कोर्ट में याचिका दायर कर हरपाल को 11 जुलाई के करीब रोहतक पीजीआई में दाखिल कराया। जहां पर 31 अगस्त शाम को हरपाल उसकी मौत हो गई। तीन दिन होने के बाद कोई भी कार्यवाही नहीं की। अब तक पुलिस के खिलाफ मामला दर्ज नहीं किया। ड्यूटी मजिस्ट्रेट  भी आई पुलिस ने उन्हें पहले पोस्टमार्टम करवाने को लिए कहा। हम चाहते हैं कि हिसार की नारकोटिक्स टीम और अर्बन थाना के दो पुलिस कर्मियों के खिलाफ 302 का मामला दर्ज कर गिरफ्तार किया जाए। अगर पुलिस उसे गिरफ्तार नहीं करती है तो हम शव नहीं लेंगे। हम यहीं धरने पर बैठे रहेंगे और पोस्टमार्टम भी नहीं करवाएंगे।

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