Edited By Vivek Rai, Updated: 09 Jun, 2022 07:57 PM

सोनीपत नगर परिषद को भंग कर नगर निगम बनाया गया ताकि सोनीपत शहर को हरा भरा और विकसित किया जा सके लेकिन नगर निगम बनने के बाद विकास तो दूर की बात शहर की सफाई साफ-सफाई तक नहीं हो पा रही है।
सोनीपत(सन्नी): सोनीपत नगर परिषद को भंग कर नगर निगम बनाया गया ताकि सोनीपत शहर को हरा भरा और विकसित किया जा सके लेकिन नगर निगम बनने के बाद विकास तो दूर की बात शहर की सफाई साफ-सफाई तक नहीं हो पा रही है। वही मानसून से पहले हर बार अधिकारी बैठक करते हैं और पानी निकासी की व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम की बात कहते है, लेकिन सोनीपत नगर निगम के हालात बद से बदतर हैं। यहां ना तो नालों की सफाई की गई है और ना ही शहर के गंदे पानी के लिए बनाई गई ड्रेन पूरी हुई है।
सोनीपत निगम वासियों का कहना है कि नालों की सफाई कभी नहीं की जाती है। कई -कई महीनों तक नाले ऐसे ही पड़े रहते हैं और जब बारिश आती है तो सोनीपत निगम एरिया जलमग्न हो जाता है। कई महीना से ओवरफ्लो होने के कारण उन्हें आने-जाने में परेशानी होती है और गंदगी से बीमारियां भी फैलती हैं लेकिन अधिकारियों का इस पर कोई ध्यान नहीं है।
इस बात को लेकर सोनीपत नगर निगम कमिश्नर धर्मेंद्र सिंह ने बताया कि जून के लास्ट वीक तक मानसून आने से पहले सभी नाले और सिविर की सफाई कर दी जाएगी। जिसके लिए लगभग 2 करोड़ का टेंडर छोड़ दिया गया है। हर महीने 1 किलोमीटर तक की सफाई का टेंडर पहले छोड़ा गया है।इसके अलावा नालों की सफाई का एक अलग टेंडर 17 किलोमीटर का भी छोड़ दिया गया है। सोनीपत ड्रेन के कार्य दो कंपनियों को दिया गया है। जो 50% से ज्यादा पूरा हो चुका है। अब फिलहाल बारिश आने का सीजन है तो उसके काम को रोक दिया जाएगा और जहां पानी पहले जाता था वहीं से जाएगा।
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