बीजेपी सरकार की अनदेखी से हरियाणा के लोग जहरीली हवा में सांस लेने को मजबूर : अनुराग ढांडा

Edited By Mohammad Kumail, Updated: 30 Oct, 2023 04:58 PM

people of haryana are forced to breathe poisonous air said dhanda

आम आदमी पार्टी के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट अनुराग ढांडा ने सोमवार को हरियाणा में बढ़ते प्रदूषण को लेकर खट्टर सरकार से सवाल किए...

चंडीगढ़ : आम आदमी पार्टी के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट अनुराग ढांडा ने सोमवार को हरियाणा में बढ़ते प्रदूषण को लेकर खट्टर सरकार से सवाल किए। उन्होंने कहा कि खट्टर सरकार की नाकामी की वजह से हरियाणा के लोग जहरीली आबोहवा में सांस लेने को मजबूर हैं। देश के सबसे ज्यादा प्रदूषित शहरों में हरियाणा के 6 शहर हैं। वहीं खट्टर सरकार बढ़ते हुए प्रदूषण का दोष किसानों पर मढ़ रही है। उन्होंने कहा की पराली के प्रबंधन के प्रदेश सरकार दोषी है। किसानों के पास इतने संसाधन नहीं हैं कि वे पराली का प्रबंधन कर सकें। खट्टर सरकार में पराली के प्रबंधन के लिए मशीनों पर सब्सिडी घोटाला किया गया। किसानों तक मशीनें नहीं पहुंची। ऐसे में प्रदेश के लोग जहरीली हवा में सांस लेने को मजबूर हैं।

अनुराग ढांडा ने खट्टर सरकार की 9 साल की फेल सरकार से 9 सवालों में से चौथा सवाल प्रदूषण और पराली के मुद्दे पर पूछा। उन्होंने कहा कि आज देश के 12 सबसे प्रदूषित शहरों में 6 हरियाणा के शहर हैं, भाजपा सरकार की अनदेखी के कारण हरियाणा के लोग जहरीली हवा में सांस लेने को मजबूर हैं। भाजपा सरकार में हरियाणा में लगातार प्रदूषण क्यों बढ़ रहा है? खट्टर सरकार ने प्रदूषण से संबंधित प्रबंधन का कोई भी इंतजाम क्यों नहीं किया?

उन्होंने कहा कि दिल्ली में पिछले 8 सालों में 30% तक प्रदूषण में कमी आई है। क्योंकि दिल्ली सरकार ने उसके लिए लगातार अहम कदम उठाए, सीएनजी की बसें चलती थी अब इलेक्ट्रिक बसें चलाई गई। जबकि हरियाणा में डीजल की बसें चलती थी लेकिन खट्टर सरकार ने सीएनजी और बिजली की बसों की तरफ जाने का कभी नहीं सोचा। दिल्ली में कूड़ा जलाने पर पाबंदी है, उसके लिए 600-700 टीमें बनाई गई और कचरा प्रबंधन की व्यवस्था की गई। जिससे कूड़ा जलाने में कमी आई। वहीं हरियाणा में कचरा प्रबंधन की कोई व्यवस्था नहीं है। हर शहर में कूड़े के ढेर लगे हैं और हर जगह कूड़े को जलाया जाता है। इसके अलावा खट्टर सरकार ने हरियाणा में ग्रीन कवर बढ़ाने के लिए कुछ नहीं किया। 

उन्होंने कहा कि जब पराली की समस्या हर साल हरियाणा के सामने आती है तो पीड़ित किसानों को दोषी बताकर सीएम खट्टर पल्ला झाड़ लेते हैं। जोकि गलत है, क्योंकि पराली प्रबंधन करने में भाजपा सरकार फेल रही है। पराली का प्रबंधन सरकार की जिम्मेदारी है, किसानों के पास इतने संसाधन नहीं होते कि वो पराली का प्रबंधन कर सके। उन्होंने कहा कि हरियाणा में इस बार भी पराली धड़ले से जल रही है, क्योंकि भाजपा सरकार का इस समस्या से निपटने का तरीका सही नहीं है। खट्टर सरकार ने तरीका अपनाया कि 550 से ज्यादा किसानों पर एफआईआर कर दी और भारी भरकम जुर्माना लगा दिया। किसान ये जुर्माना कहां से भरेगा, उसके पास तो अपने जीवनयापन के लिए ही पैसे नहीं हैं। सीएम खट्टर फसलों का एमएसपी दिला नहीं पा रहे हैं। इसका मतलब पराली की समस्या से निपटने के लिए खट्टर सरकार ने जो योजनाएं बनाई, उनपर काम नहीं किया।

उन्होंने कहा कि खट्टर सरकार ने मशीनों पर सब्सिडी देने की बात कही, लेकिन सब्सिडी पर सैकड़ों करोड़ रुपए का घोटाला हो गया। वो मशीनें जमीन पर कहीं नहीं है। खट्टर सरकार ने कहा कि पांच लाख एकड़ में घोल का इस्तेमाल किया जाएगा, लेकिन अभी तक नहीं पता कि वो घोल कहां पर है। किसान के पास पहुंचा या नहीं पहुंचा। इस प्रकार के कुप्रबंधन की वजह से हरियाणा में प्रदूषण की समस्या साल दर साल विक्राल रुप लेती जा रही है। क्या सीएम खट्टर ने हरियाणा में चाइनीज पटाखों पर बैन करने या कंट्रोल करने की कोई योजना बनाई? क्या सीएम खट्टर ने ग्रीन पटाखों पर किसी तरीके का ध्यान दिया। डॉक्टर्स कह रहे हैं इतना ज्यादा प्रदूषण है दवाइयों ने भी असर करना बंद कर दिया है। उन्होंने कहा कि ये चौथी समस्या खट्टर सरकार का सबसे बड़ा फेलियर रहा है, भाजपा सरकार के 9 सालों में लगातार प्रदूषण बढ़ता जा रहा है।

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