Edited By Isha, Updated: 10 Dec, 2024 08:19 AM
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम से सोमवार को रोडवेज की परिवहन व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई। रोहतक डिपो से 90 बसें कार्यक्रम में जाने के बाद यात्री किलोमीटर स्कीम की शेष बसें और कुल 57 बसों के भरोसे ही रहे।
रोहतक: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम से सोमवार को रोडवेज की परिवहन व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई। रोहतक डिपो से 90 बसें कार्यक्रम में जाने के बाद यात्री किलोमीटर स्कीम की शेष बसें और कुल 57 बसों के भरोसे ही रहे।
बसों की कमी के चलते ग्रामीण रूट किलोई, रुड़की, समचाना, मदीना, सांघी, खिड़वाली, गिरावड, मोखरा, मदीना, और महम पर बसें नहीं चल सकीं। ऐसे में ग्रामीणों को अपने निजी वाहनों या अन्य किसी माध्यम से ही अपने गंत्वय स्थान तक पहुंचना पड़ा। लेकिन इसमें बुजुर्गों को समस्या ज्यादा झेलनी पड़ी। विश्वविद्धालय व कॉलेज के छात्र छात्राओं को प्रेक्टिकल देने आने के लिए बसें न मिलने से उन्हें भी परेशान रहना पड़ा।
ग्रामीण इलाकों में परिवहन व्यवस्था प्रभावित रही। साथ ही बड़े रूटों पर बसों की कमी बनी रही। हालात ये रहे कि लोगों को अपने गंतव्यों पर पहुंचने के लिए बसों की छत पर बैठ कर सफर करना पड़ा। बस अड्डा परिसर में भी यात्री अपना सामान लेकर बसों के लिए भटकते रहे। बसों की कमी के चलते डिपो से नैनिताल, दिल्ली, कोटा, अजमेर, बालाजी, हरिद्वार, देहरादून, गुरुग्राम, हिसार, सिरसा रामनगर, कोसली, पानीपत, सोनीपत, जींद और भिवानी समेत अन्य रूटों पर बस सेवा प्रभावित रही। सभी रूटों पर तीन से चार बसें ही चलीं। इस कारण यात्रियों को भीड़ और अव्यवस्था का सामना करना पड़ा।