Edited By Gourav Chouhan, Updated: 20 Oct, 2022 03:44 PM

इसी के साथ चुनावी माहौल में डेरा प्रमुख को पैरोल देने को लेकर धनखड़ ने कहा कि किसी भी कैदी को पैरोल देना या न देना कोर्ट का विषय। धनखड़ के बयान पर शिक्षा मंत्री ने भी सहमति जताई।
सोनीपत(सन्नी): पैरोल पर जेल से बाहर आकर यूपी के बागपत के आश्रम में रह रहे राम रहीम की ऑनलाइन सत्संग में करनाल से भाजपा नेताओं के नतमस्तक होने का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है। इसे लेकर मचे बवाल पर प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ ने कहा कि राम रहीम के लाखों श्रद्धालु हैं। उनकी सत्संग में शामिल होना व्यक्तिगत विषय है। इसी के साथ चुनावी माहौल में डेरा प्रमुख को पैरोल देने को लेकर धनखड़ ने कहा कि किसी भी कैदी को पैरोल देना या न देना कोर्ट का विषय। ओमप्रकाश धनखड़ के बयान पर शिक्षा मंत्री ने भी सहमति जताई।
धनखड़ बोले, सत्संग में शामिल होना है व्यक्तिगत विषय
दरअसल ओपी धनखड़ गुरुवार को खरखोदा स्तिथ कन्या गुरुकुल के वार्षिक महोत्सव में शिरकत करने पहुंचे थे। इस दौरान धनखड़ ने राम रहीम की जमकर तारीफ की और कहा कि जेल में बंद हर कैदी का अधिकार होता है कि उसे पैरोल मिले। इसी अधिकार के चलते राम रहीम को भी कोर्ट ने पैरोल दी है। वहीं बीते दिन करनाल की मेयर रेणु बाला गुप्ता के राम रहीम की ऑनलाइन सत्संग में शिरकत करने पर बोलते हुए धनखड़ ने कहा कि अभी भी बाबा के लाखों की संख्या श्रद्धालु हैं। उन्होंने कहा कि श्रद्धा व्यक्तिगत विषय है। वहीं उन्होंने आदमपुर चुनाव पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि आदमपुर बीजेपी उम्मीदवार भव्य बिश्नोई ही उप चुनाव जीत रहे हैं। उन्होंने कहा कि पार्टी कार्यकर्ता, मंत्री और नेता प्रचार-प्रसार में वहां जुटेंगे। कांग्रेस पर निशाना साधते हुए धनखड़ ने कहा कि आज के दिन कांग्रेस के सामने सबसे बड़ा मुद्दा यह है कि बिखरती हुई पार्टी को कैसे संभाला जाए।
गुर्जर ने हरियाणा की शिक्षा नीति को बताया दिल्ली से बेहतर
राम रहीम को पैरोल देने के सवाल पर शिक्षा मंत्री कंवर पाल गुर्जर ने कहा कि जिस कैदी को जेल हुई हुई है, उस का मौलिक अधिकार होता है कि वह पैरोल पर जेल से बाहर आ सके। आम आदमी पार्टी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी और केजरीवाल हमेशा अपनी शिक्षा नीति को सबसे बेहतर बताते हैं, लेकिन दिल्ली की शिक्षा नीति किसी भी नंबर पर भी नहीं है। उन्होंने कहा कि हरियाणा की मौजूदा शिक्षा नीति के तहत अभी तक 5 लाख छात्र-छात्राओं को टैबलेट वितरित किए जा चुके हैं, जबकि ढाई लाख बच्चों को भी टेबलेट देने का प्लान सरकार ने बना रखा है।
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