हरियाणा सरकार के गजट में प्रकाशित ही नहीं मास्क न पहनने पर जुर्माना लगाने की नोटिफिकेशन

Edited By Isha, Updated: 27 Sep, 2020 05:24 PM

notification published in haryana government s gazette

23 सितम्बर को  इलाहाबाद हाई कोर्ट के एक डिवीज़न बेंच ने बढ़ते  कोरोना-वायरस संक्रमण के कारण  पूरे उत्तर प्रदेश में अपने  घरो के बाहर निकलने वाले हर व्यक्ति के लिए अपने चेहरे पर न केवल  मास्क पहनना बल्कि उससे  मुहं  और नाक को ढकने की सख्त अनुपालना को...

चंडीगढ़(धरणी): 23 सितम्बर को  इलाहाबाद हाई कोर्ट के एक डिवीज़न बेंच ने बढ़ते  कोरोना-वायरस संक्रमण के कारण  पूरे उत्तर प्रदेश में अपने  घरो के बाहर निकलने वाले हर व्यक्ति के लिए अपने चेहरे पर न केवल  मास्क पहनना बल्कि उससे  मुहं  और नाक को ढकने की सख्त अनुपालना को सुनिश्चित करने के लिए हर जिला  पुलिस को विशेष टास्क फाॅर्स गठित करने एवं उलंघनकर्ताओ पर आवश्यक कानूनी कार्यवाही करने का निर्देश दिया है। बहरहाल, जहाँ तक हरियाणा का विषय  है,  चार माह  पूर्व  27 मई 2020  को प्रदेश स्वास्थ्य विभाग के महानिदेशक डॉ. सूरज भान कम्बोज के हस्ताक्षर से  महामारी (एपिडेमिक डिसीसेस ) कानून, 1897 के नियम संख्या 12.9 के अंतर्गत जारी एक नोटिफिकेशन में  यह  उल्लेख है कि कोरोना-वायरस संक्रमण  के दृष्टिगत प्रदेश  में   चेहरे पर मास्क या फेस कवर न पहनने एवं  सार्वजानिक स्थानों पर थूकने वाले व्यक्ति पर  500 रुपये का जुर्माना  लगाया जाएगा एवं  यह जुर्माना न भरने पर उस  के विरूद्ध  भारतीय दंड संहिता (आईपीसी ) की धारा 188 के अंतर्गत कानूनी कार्यवाही की जायेगी। इन आदेशों की अनुपालना के लिए  प्राधिकृत अधिकारियों का भी नामित  किया गया है।

बहरहाल उक्त  नोटिफिकेशन की कानूनी  वैधता पर प्रश्न उठाते हुए  पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के एडवोकेट हेमंत कुमार ने बताया कि सर्वप्रथम तो आज तक उक्त नोटिफिकेशन को हरियाणा सरकार के गजट में प्रकाशित कर अधिसूचित नहीं किया गया है जो कि आवश्यक है। उन्होंने बताया  हर  कानून के अंतर्गत कोई भी नोटिफिकेशन सम्बंधित विभागाध्यक्ष  द्वारा नहीं अपितु उस विभाग के प्रशासनिक प्रमुख अर्थात अतिरिक्त मुख्य सचिव या प्रधान सचिव  द्वारा  जारी कि जानी चाहिए। विभागाध्यक्ष  द्वारा समय समय पर उपयुक्त आदेश तो जारी किये जा सकते हैं परन्तु किसी कानूनी प्रावधान के अंतर्गत कोई नोटिफिकेशन नहीं, विशेष तौर पर अगर उसके द्वारा  किसी कृत्य को करने या न करने पर निश्चित जुर्मान राशि लगाने का उल्लेख हो, ऐसी परिस्थिति में यह केवल विभाग के प्रशासनिक सचिव द्वारा ही नोटिफिकेशन जारी कर उसे सरकारी गजट में नोटिफाई किया जाना चाहिए।

उन्होंने  आगे बताया कि 27 मई को स्वास्थ्य महानिदेशक द्वारा जारी नोटिफिकेशन के आरम्भ में महामारी अधिनियम, 1897 के नियम 12.9 का उल्लेख है परन्तु वास्तविक तौर पर इस कानून में न तो केंद्र सरकार और न ही  राज्य सरकार के द्वारा कोई भी नियम नहीं  बनाये गए हैं,  हालांकि साढ़े छः माह पूर्व  11 मार्च 2020 को हरियाणा के  स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव अरोड़ा  द्वारा एक गजट नोटिफिकेशन जारी कर उक्त अधिनियम की धाराओ 2 , 3 और 4 के अंतर्गत प्रदेश में हरियाणा महामारी (कोविड-19) विनियम, 2020 जारी कर उन्हें तत्काल प्रभाव से लागू किया गया जो उस नोटिफिकेशनसे जारी होने से  एक वर्ष तक  अर्थात 10 मार्च, 2021 तक लागू रहेंगे ।  उक्त रेगुलेशंस में क्रमांक 12 के नौवें स्थान  पर जिला प्रशासन द्वारा प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग द्वारा निर्देशित  उपायों की अनुपालना सुनिश्चित करने का  उल्लेख तो है परन्तु इसका अर्थ यह कतई नहीं है की प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग के महानिदेशक द्वारा ही नोटिफिकेशन जारी कर  किसी निश्चित जुर्माना राशि लगाने का निर्देश दे दिया  जाए।

उन्होंने  आगे बताया कि  वैसे भी कानूनन कोई भी टैक्स (कर ), पेनल्टी या जुर्माना और विशेष तौर पर अगर वो किसी  निश्चित राशि का हो तो ऐसा  किसी सरकारी नोटिफिकेशन द्वारा प्राधिकृत अथॉरिटी या उच्च अधिकारी  द्वारा उसी परिस्थिति  में लगाने का आदेश दिया जा सकता है जबकि सम्बंधित कानून में इसका स्पष्ट उल्लेख हो एवं इस सम्बन्ध में उस प्राधिकृत अथॉरिटी या अधिकारी को साफ़  तौर पर ऐसा जुर्माना लगाने की शक्ति प्रदान की गयी हो. हेमंत ने  बताया की न तो महामारी अधिनियम, 1897 में और न ही हरियाणा सरकार द्वारा मार्च 2020 में जारी उक्त कोविड-19 महामारी विनियम  में इस सम्बन्ध में कोई प्रावधान या  उल्लेख है. इस प्रकार 27 मई 2020 को स्वास्थ्य महानिदेशक द्वारा जारी  नोटिफिकेशन की कानूनी वैधता पर गंभीर प्रश्नचिह्न उत्पन्न होता है.

हेमंत के  अनुसार  उक्त  नोटिफिकेशन को प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव  द्वारा महामारी कानून, 1897  में   जारी किया जाना चाहिए   हालांकि  उसमें 500 रूपये जुर्माना राशि के उल्लेख की  बजाए चेहरे पर मास्क या  फेस कवर न पहनंने वालों पर  आईपीसी की  धारा 188 में कानूनी कार्यवाही करने का  उल्लेख होना चाहिए। अगर हरियाणा सरकार को  निश्चित राशि का जुर्माना लगाने  सम्बन्धी प्रावधान करना है  तो इस सम्बन्ध में   सरकार को उक्त  1897  कानून में उपयुक्त संशोधन करना  होगा जो कि राज्यपाल द्वारा तत्काल अध्यादेश जारी करवाकर किया जा सकता है जिसे बाद में विधानसभा में विधेयक के रूप में  पारित करवाया जा सकता है।

पडोसी राजस्थान सरकार द्वारा  कुछ माह पूर्व  राजस्थान महामारी अधिनियम, 2020  लागू कर ऐसा किया गया हैं  जिसकी धारा 11 में प्रदेश सरकार के पास  मास्क न पहनंने , सार्वजानिक स्थलों पर थूकने  सम्बन्धी आदि को अपराध अधिसूचित कर उनके लिए निश्चित जुर्माना राशि नियत करने और  उलंघनकर्ता द्वारा जुर्माना  अदा करने पर उपयुक्त अधिकारियों द्वारा उन अपराधों का  शमन (कंपाउंड ) करने का स्पष्ट प्रावधान है।  हेमंत ने बताया कि  प्रदेश के  मुख्य सचिव जो राज्य आपदा प्रबंधन अथॉरिटी की राज्य कार्यकारी कमेटी के चेयरपर्सन होते हैं, वह भी  आपदा प्रबंधन कानून, 2005 की उपयुक्त धारा में समस्त प्रदेश के लिए  ऐसा आदेश जारी कर सकते हैं हालांकि उनकी अवहेलना करने पर उपयुक्त कोर्ट में प्राधिकृत अधिकारी द्वारा लिखित शिकायत दायर कर ही कानूनी कार्यवाही की जा सकती है।    

 

 

 

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