Edited By Isha, Updated: 09 Oct, 2024 07:36 PM
हरियाणा की राजनीति में कई किस्से काफी रोचक है। इनमें जहां इस बार बीजेपी ने दो नए रिकॉर्ड कायम करते हुए पुरानी परंपरा को तोड़ने का काम किया। वहीं, एक परंपरा इस बार भी नहीं टूट पाई। जी हां, हरियाणा में पिछले 3 दशक में वित्त मं
चंडीगढ़)चंद्रशेखर धरणी): हरियाणा की राजनीति में कई किस्से काफी रोचक है। इनमें जहां इस बार बीजेपी ने दो नए रिकॉर्ड कायम करते हुए पुरानी परंपरा को तोड़ने का काम किया। वहीं, एक परंपरा इस बार भी नहीं टूट पाई। जी हां, हरियाणा में पिछले 3 दशक में वित्त मंत्री बना कोई भी नेता लगातार दूसरी बार चुनकर विधानसभा में नहीं पहुंच पाया है। मौजूदा समय में वित्त विभाग देखने वाले जय प्रकाश दलाल भी इस परंपरा को नहीं तोड़ पाए। वह भी लोहारू में कांग्रेस उम्मीदवार से हार गए।
यह मंत्री नहीं जीते लगातार दूसरा चुनाव
साल 1991 में भजन लाल सरकार में मांगेराम गुप्ता वित्त मंत्री थे, लेकिन 1996 में वे चुनाव हार गए। 1996 में सेठ श्रीकिशन दास वित्त मंत्री बने, लेकिन 2000 में वे विधानसभा नहीं पहुंच सके। 2000 में ओमप्रकाश चौटाला सरकार में संपत्त सिंह वित्त मंत्री रहे, लेकिन 2005 में लोगों ने उन्हें विधानसभा नहीं पहुंचने दिया।
2005 में भूपेंद्र हुड्डा के नेतृत्व में बनी कांग्रेस सरकार में चौधरी बीरेंद्र सिंह वित्त मंत्री रहे और 2009 में चुनाव हार गए। हुड्डा की दूसरी पारी में कैप्टन अजय यादव वित्त मंत्री बने। 2014 में लोगों ने उन्हें घर बैठा दिया। इसी तरह 2014 से 2019 तक वित्त मंत्री रहे कैप्टन अभिमन्यु भी अगला चुनाव नहीं जीत सके। 2019 से 12 मार्च, 3 2024 तक मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने वित्त विभाग अपने पास रखा, लेकिन लोकसभा चुनाव से ठीक पहले उन्होंने टर्म पूरी होने से पहले ही विधानसभा से इस्तीफा दे दिया। उनके बाद लोहारू से विधायक जेपी से दलाल नए वित्त मंत्री बने, जो अब कि चुनाव हार गए हैं।