Edited By vinod kumar, Updated: 23 May, 2020 06:13 PM
लॉकडाउन के दौरान शेल्टर होम में रखे गए प्रवासी मजदूरों के सब्र का बांध लागातर टूटता नजर आ रहा है। आज रादौर में भी प्रशासन द्वारा सरकारी स्कूल में ठहराए गए 670 प्रवासी मजदूर घर जाने की जिद पर अड़ गए और जमकर हंगामा किया। जिन्हें शांत करने के लिए पुलिस...
रादाैर (कुलदीप सैनी): लॉकडाउन के दौरान शेल्टर होम में रखे गए प्रवासी मजदूरों के सब्र का बांध लागातर टूटता नजर आ रहा है। आज रादौर में भी प्रशासन द्वारा सरकारी स्कूल में ठहराए गए 670 प्रवासी मजदूर घर जाने की जिद पर अड़ गए और जमकर हंगामा किया। जिन्हें शांत करने के लिए पुलिस प्रशासन को भी कड़ी मेहनत करनी पड़ी। कई घंटे की मशक्क्त के बाद प्रशासन द्वारा 48 घंटे में घर भेजने के आश्वाशन पर प्रवासी मजदुर शांत हुए।
शेल्टर होम में हंगामा कर रहे एक प्रवासी मजदूर आकाश कुमार ने बताया कि उनकी प्रशासन से एक ही मांग है कि उन्हें यहां से घर जाने दिया जाए। वहीं इन मजदूरों ने प्रशासन द्वारा किए गए प्रबन्धों पर भी सवाल उठाए। उन्हाेंने कहा कि यहां पर पेयजल व खाने की भी सही व्यवस्था नहीं है।
वहीं इस बारे डीएसपी रादौर कुशलपाल राणा ने कहा कि रादौर में तीन जगह प्रवासी मजदूरों को ठहराया गया है। आज सरकारी स्कूल में ठहराए गए प्रवासी मजदूर घर जाने की जिद पर अड़े है। जिसके जानकारी उच्चाधिकारियों के समक्ष पहुंचा दी गई है, वहां से जैसे भी आदेश प्राप्त होंगे कार्यवाही की जाएगी।
बता दें की वीरवार देर शाम प्रशासन द्वारा रादौर में तीन जगह बनाए गए शेल्टर होम में 1069 प्रवासी मजदूरों को ठहराया गया था, जहां पर इन प्रवासी मजदूरों के खाने की व्यवस्था समाजिक संस्थाओं द्वारा की जा रही है, लेकिन अब लगातार इन प्रवासी मजदूरों के सब्र का बांध टूटता नजर आ रहा है। खैर आज प्रशासन 48 घंटे में प्रवासी मजदूरों को उनके गृह राज्यों में भेजने के आश्वाशन पर यह शांत हो गए।