Edited By Saurabh Pal, Updated: 12 Jul, 2024 05:35 PM
शहर की दिल्ली टेक्निकल केंपस कॉलेज की मान्यता रद्द कर दी गई है। महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी रोहतक ने डीटीसी कॉलेज को नो एडमिशन श्रेणी में डाल दिया है। इतना ही नहीं मौजूदा विद्यार्थियों को भी दूसरे कॉलेजों में शिफ्ट करने के आदेश जारी किए गए हैं...
बहादुरगढ़(प्रवीन कुमार धनखड़): शहर की दिल्ली टेक्निकल केंपस कॉलेज की मान्यता रद्द कर दी गई है। महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी रोहतक ने डीटीसी कॉलेज को नो एडमिशन श्रेणी में डाल दिया है। इतना ही नहीं मौजूदा विद्यार्थियों को भी दूसरे कॉलेजों में शिफ्ट करने के आदेश जारी किए गए हैं। एमडीयू ने डीटीसी कॉलेज के निदेशक को पत्र लिखकर चालू सत्र में किसी भी विद्यार्थी का एडमिशन नहीं करने के आदेश जारी किए हैं।
महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय रोहतक की ओर से बहादुरगढ़ के नया गांव के पास स्थित डीटीसी कालेज यानी दिल्ली टेक्निकल कैंपस को लगातार दूसरे साल चालू शैक्षणिक सत्र के लिए नो एडमिशन श्रेणी में डाला है। इस बारे में एमडीयू की ओर से आदेश जारी किए गए हैं। यूनिवर्सिटी के कुलपति की ओर से गठित की गई जांच कमेटी की रिपोर्ट पर भारी अनियमितताओं के चलते विश्वविद्यालय की शैक्षणिक और कार्यकारी परिषद की ओर से पारित किए गए प्रस्ताव के आधार पर यह निर्णय लिया गया है। आदेशों में साफ किया गया है कि डीटीसी वर्ष 2024-25 के शैक्षणिक सत्र में किसी भी बच्चे का एडमिशन नहीं करेगा और ना ही किसी विद्यार्थी से किसी भी तरह की फीस लेगा। साथ ही डीटीसी में पढ़ रहे मौजूदा विद्यार्थियों को भी आसपास के दूसरे कालेजों में शिफ्ट करने के आदेश दिए गए हैं। आदेशों पर आगामी कार्रवाई के लिए एमडीयू की शैक्षणिक शाखा के सहायक रजिस्ट्रार की जिम्मेदारी लगाई गई है।
इससे पहले वर्ष 2023-24 के लिए भी अखिल भारतीय तकनीकी परिषद और उच्चतर शिक्षा विभाग ने इस कालेज को नो एडमिशन कैटिगरी में डाला था। विभाग के महानिदेशक ने एमडीयू के रजिस्ट्रार को भी इस तरह के आदेश दिए थे। डीटीसी के पास कई तरह की जरूरी अनुमति व अन्य एनओसी न होने की वजह से विभाग के महानिदेशक ने कालेज में पढ़ रहे विद्यार्थियों के भविष्य को देखते हुए उन्हें किसी दूसरे संस्थान में जल्द से जल्द शिफ्ट करने के आदेश दिए थे। इन्हीं पर अमल करते हुए एमडीयू ने नए सिरे से आदेश जारी किए हैं।
नया गांव के पास स्थित डीटीसी कालेज में बरती जा रही अनियमितताओं की शिकायत करने वाले स्वयं कालेज चलाने वाली संस्था के प्रधान नरेंद्र छिकारा हैं। उनका कहना है कि इस कॉलेज के भवन को बनाने के लिए चेंज आफ लैंड यूज नहीं ली गई। न फायर एनओसी न आक्यूपेशन सर्टिफिकेट न प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से एनओसी ली गई। इसकी शिकायत की गई। अब इसे एमडीयू ने नो एडमिशन श्रेणी में डाला है। विद्यार्थियों से अपील की है कि वे किसी के बहकावे में आकर कालेज में किसी तरह की फीस न जमा करवाएं। इतना ही नहीं उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों से भी आदेशों की जल्द से जल्द अनुपालना करवाने की मांग की है। ताकि विद्यार्थियों के भविष्य के साथ किसी भी तरह का कोई खिलवाड़ ना हो।
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