मनोहर लाल ने कायम की नई 'मिसाल'! पूरे देश में हो रही सराहना

Edited By Manisha rana, Updated: 21 Mar, 2025 08:27 AM

manohar lal set a new  example

देश की आजादी के बाद संभवतः वर्तमान केंद्रीय ऊर्जा एवं शहरी विकास मंत्री मनोहर लाल खट्टर पहले ऐसे राजनेता हैं जिन्होंने अपने हिस्से का पुश्तैनी मकान व संपूर्ण संपत्ति दान करके एक नई मिसाल कायम की है।

चंडीगढ़ (संजय अरोड़ा) : देश की आजादी के बाद संभवतः वर्तमान केंद्रीय ऊर्जा एवं शहरी विकास मंत्री मनोहर लाल खट्टर पहले ऐसे राजनेता हैं जिन्होंने अपने हिस्से का पुश्तैनी मकान व संपूर्ण संपत्ति दान करके एक नई मिसाल कायम की है। मनोहर लाल खट्टर ने रोहतक जिले के गांव बनियानी में स्थित अपनी संपूर्ण संपत्ति को प्रधानमंत्री राहत कोष में दान कर दिया है और इससे पहले वह मुख्यमंत्री रहते हुए अपना पुश्तैनी मकान गांव में ही पुस्तकालय बनाने के लिए दान कर चुके हैं।। उनके इस कदम की पूरे देश में सराहना हो रही है। गांव बनियानी में मनोहर लाल के नाम 12 कनाल जमीन के अलावा 1350 वर्ग गज में एक मकान बना हुआ है।

गौरतलब है कि विभाजन के बाद मनोहर लाल खट्टर का परिवार पाकिस्तान से आकर रोहतक जिले के गांव निदाना में बस गया। इसके कुछ समय बाद उनके परिवार को रोहतक जिले के गांव बनियानी में कुछ जमीन अलॉट हुई। उनके पिता हरबंस लाल ने गांव में एक छोटी सी दुकान कर ली और खेतीबाड़ी करने लगे। मनोहर लाल ने अपना पूरा जीवन संघ को समर्पित कर दिया और विवाह नहीं किया। ऐसे में उनके हिस्से गांव में करीब 12 कनाल जमीन आई। इसकी कीमत करीब 35 लाख रुपए है। चुनाव आयोग को दिए हलफनामे के अनुसार स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में उनकी 1 करोड़ 30 लाख रुपए की एफ.डी. है। इसी तरह से पंजाब नैशनल बैंक में 1554 रुपए, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में 25 हजार रुपए जमा हैं। अब उन्होंने अपनी यह संपूर्ण संपत्ति ही प्रधानमंत्री राहत कोष में दान कर दी है। उनके इस कदम के बाद सोशल मीडिया पर एक संदेश खूब वायरल हो रहा है।

वायरल संदेश यह है कि 'हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री व वर्तमान कैबिनेट मंत्री भारत सरकार मनोहर लाल ने अपनी सम्पूर्ण संपत्ति प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष में और अपना निजी आवास सार्वजनिक पुस्तकालय के लिए दान करके आजादी के बाद रच दिया इतिहास। विधानसभा की सदस्यता से त्यागपत्र दिया, संगठन का काम करने के लिए केंद्रीय नेतृत्व के सामने अपने को समर्पित किया। भौतिकवादी घोर कलियुग में याद नहीं आ रहा कि इस प्रकार का आदर्श किसी दूसरे राजनेता ने प्रस्तुत किया हो। दास कबीर जतन करि ओढी, ज्यों की त्यों धर दीनी चदरिया।'

सादगीपूर्ण जीवन जीते हैं मनोहर लाल

मनोहर लाल खट्टर सार्वजनिक जीवन में हमेशा ही बिना घर के रहे हैं। उनका मानना है कि पूरा प्रदेश उनका परिवार है और उनका जीवन पूरी तरह से राष्ट्रहित को समर्पित है। वह बेहद सादगीपूर्ण जीवन जीते हैं। साल 1975 में दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक करने के बाद वह पूरी तरह से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रति समर्पित हो गए। 1977 में संघ से जुड़ने के बाद 1994 तक लगातार 17 वर्षों तक उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में विभिन्न पदों पर काम किया। 1994 में भाजपा के संगठन मंत्री बनाए गए और तब भी वह अक्सर रोहतक के भाजपा कार्यालय में ही रहते थे। हमेशा साधारण भोजन करते हैं। यहां तक कि मुख्यमंत्री बनने के बाद भी वह काफी समय तक मुख्यमंत्री आवास स्थित रसोई में खुद ही अपनी चाय व खाना बनाते रहे, मगर धीरे-धीरे व्यस्तताओं के बढ़ते उनकी यह आदत छूट गई।

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