सर्वाधिक कैंसर प्रभावित जिले सिरसा और फतेहाबाद में रोगियों के उपचार का हो विशेष प्रबंध: सैलजा

Edited By Yakeen Kumar, Updated: 14 Jan, 2025 02:15 PM

made for the treatment of patients in most cancer affected districts selja

सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि हरियाणा के सर्वाधिक कैंसर प्रभावित जिले सिरसा और फतेहाबाद में रोगियों के उपचार का कोई विशेष प्रबंध नहीं है। इन जिलों में मरीजों कैंसर जांच के लिए नमूने लेकर जांच के लिए अन्य स्थानों पर स्थित प्रयोगशालाओं में भेजे जाते हैं

चंडीगढ़ : पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सिरसा से सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि हरियाणा के सर्वाधिक कैंसर प्रभावित जिले सिरसा और फतेहाबाद में रोगियों के उपचार का कोई विशेष प्रबंध नहीं है। इन जिलों में मरीजों कैंसर जांच के लिए नमूने लेकर जांच के लिए अन्य स्थानों पर स्थित प्रयोगशालाओं में भेजे जाते हैं, जबकि जिला मुख्यालय पर कम से कम उपचार की व्यवस्था करानी चाहिए। कैंसर रोगियों को आज भी उपचार के लिए दिल्ली, बीकानेर, चंडीगढ़ की ओर से रूख करना होता है।

सांसद कुमारी सैलजा ने मुख्यमंत्री नायब सैनी को पत्र लिखकर अनुरोध किया था कि कैंसर रोगियों के उपचार के लिए सिविल अस्पतालों में समुचित व्यवस्था कराई जाए क्योंकि हरियाणा में कैंसर रोगियों की संख्या तेजी से बढ रही है। विशेष रूप से घग्गर नदी के किनारे पड़ने वाले जिलों जैसे सिरसा, फतेहाबाद, कैथल और अंबाला में। प्रदेश के सिविल अस्पतालों में विशेषज्ञ डॉक्टरों की अनुपलब्धता के साथ-साथ समुचित उपचार के अभाव में रोगी अपनी बहुमूल्य जान गंवा रहे हैं। 

बताया गया है कि हरियाणा में हर महीने लगभग 1500 कैंसर रोगी कैंसर से मर रहे हैं, जो गंभीर चिंता का विषय है।  कैंसर रोगियों को या तो पीजीआई रोहतक/चंडीगढ़/राष्ट्रीय कैंसर संस्थान, झज्जर में इलाज के लिए जाना पड़ता है, जहां रोगियों की संख्या बहुत अधिक होने के कारण उन्हें अपनी बारी और भर्ती होने आदि के लिए काफी लंबा इंतजार करना पड़ता है या फिर उनके पास हरियाणा और हरियाणा से बाहर के निजी अस्पतालों जैसे बीकानेर, जयपुर, दिल्ली में जाने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचता, जो आम आदमी के लिए काफी महंगा और वहनीय नहीं है।

स्वास्थ्य विभाग के डॉ. कुलदीप सिंह एमडी ने मुख्यमंत्री की ओर से जवाब देते हुए कहा है कि राष्ट्रीय गैर संचारी रोगों की रोकथाम और नियंत्रण कार्यक्रम (एनपी-एनसीडी) राज्य के सभी जिलों में लागू किया जा रहा है, जिसमें विभिन्न स्वास्थ्य संवर्धन गतिविधियों का आयोजन करके कैंसर सहित एनसीडी के नियंत्रण के लिए जोखिम कारकों और निवारक उपायों के बारे में जनता के बीच जागरूकता पैदा की जा रही है। सभी जिलों में सामान्य कैंसर सहित एनसीडी के लिए 30 वर्ष और उससे अधिक आयु की जनसंख्या आधारित स्क्रीनिंग (पीबीएस) की जा रही है ताकि शुरुआती पता लगाया जा सके यानी मौखिक कैंसर के लिए मौखिक दृश्य परीक्षा, स्तन कैंसर के लिए दिसंबर 2024 तक 62,15,072 व्यक्तियों की जांच की जा चुकी है। 

गर्भाशय ग्रीवा की विस्तृत जांच के लिए कोलपोस्कोपी सुविधाएं सीएच अंबाला, गुरुग्राम, हिसार, झज्जर, सिरसा और सोनीपत में उपलब्ध हैं। स्वास्थ्य विभाग, हरियाणा द्वारा किए जा रहे उपरोक्त उपायों के अलावा, चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान विभाग (डीएमईआर) क्षेत्रीय कैंसर केंद्र, पीजीआईएमएस रोहतक और अन्य सरकारी में व्यापक सेवाएं प्रदान कर रहा है। जिला हिसार, करनाल, नूह, सोनीपत में मेडिकल कॉलेज अपने-अपने स्तर पर। राष्ट्रीय कैंसर संस्थान, भादसा झज्जर कैंसर रोगियों के इलाज के लिए राज्य का एक प्रमुख संस्थान है। व्यापक कैंसर उपचार में प्रारंभिक पहचान, विस्तृत निदान, मल्टी मॉडल उपचार (सर्जरी, कीमोथेरेपी और रेडियोथेरेपी और सहायक सेवाएं) शामिल हैं।

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सिरसा-फतेहााबाद में कैंसर रोगियों के उपचार की हो व्यवस्था

कुमारी सैलजा ने कहा कि सिरसा और फतेहाबाद जिला में दूसरे राज्यों की अपेक्षा कैंसर रोगियों की संख्या ज्यादा है, घग्घर नदी क्षेत्र में लोग कैंसर से ज्यादा पीड़ित है, इन जिलों में कैंसर रोगियों के उपचार का विशेष प्रबंध किया जाना चाहिए अभी तक इन जिलों में कैंसर जांच के लिए नमूने लेकर जांच के लिए रोहतक, दिल्ली या झज्जर प्रयोगशालाओं में भेजे जाते है जबकि जांच की सुविधा भी जिला मुख्यालय पर होनी चाहिए। हर जिला अस्पताल में कैंसर रोग विशेषज्ञों की नियुक्ति होनी चाहिए।
 

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