हाईकोर्ट का ऐतिहासिक फैसला, हरियाणा में अब सार्वजनिक स्थलों पर देर-सवेर नहीं बजेंगे लाउड स्पीकर

Edited By Gourav Chouhan, Updated: 25 Feb, 2023 05:52 PM

loud speaker will not play in public places in haryana

देर-सवेर ऊंची आवाज से ध्वनि प्रदूषण करने वालों के खिलाफ सरकार 22 जुलाई 2019 में पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय द्वारा महेंद्र सिंह बनाम स्टेट आफ पंजाब वाद में लिए गए निर्णय के अनुसार कार्रवाई करेगी।

चंडीगढ़(चंद्रशेखर धरणी) : प्रदेश में अब सार्वजनिक तौर से ऊंची आवाज से लाउड स्पीकर नहीं बज पाएंगे। कैथल जिला के कलायत इलाके के गांव कुराड़ के 80 वर्षीय वरिष्ठ नागरिक उजागर सिंह की याचिका पर सुनवाई करते हुए पंजाब-हरियाणा उच्च न्यायालय के चीफ जस्टिस रवि शंकर झा और न्यायाधीश अरुण पाली ने इस मामले में संज्ञान लेते हुए ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। याचिकाकर्ता उजागर सिंह मामले की पैरवी कर रहे एडवोकेट वंश मल्होत्रा ने विस्तार से पक्ष रखा। 12 फरवरी 2023 को सुनाए गए निर्णय की प्रति जब शुक्रवार को उजागर सिंह के पास पहुंची तो वह वेटर्न जैवलिन थ्रो के राष्ट्रीय खिलाड़ी शमशेर सिंह जैलदार के साथ लघु सचिवालय पहुंचे और एसडीएम से न्यायालय के आदेशों को सुनिश्चित करवाने की अपील की।

 

मैरिज पैलेस, डीजे पार्टी और साउंड सिस्टम से जुड़े कार्यक्रमों पर लागू होंगे नियम

देर-सवेर ऊंची आवाज से ध्वनि प्रदूषण करने वालों के खिलाफ सरकार 22 जुलाई 2019 में पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय द्वारा महेंद्र सिंह बनाम स्टेट आफ पंजाब वाद में लिए गए निर्णय के अनुसार कार्रवाई करेगी। यह उस दौरान न्यायाधीश राजीव शर्मा और हरिंद्र सिंह सिद्धू की खंडपीठ ने सुनाया था। इसमें रात्रि 10 बजे से सुबह छह बजे के बीच लाउडस्पीकर बजाने पर प्रतिबंध रहेगा। ये नियम मैरिज पैलेस, डीजे पार्टी और इस प्रकार के साउंड सिस्टम से जुड़े कार्यक्रमों में भी लागू रहेंगे। ध्वनि प्रदूषण के सभी मानदंडों की नियम के अनुसार पालना करनी अनिवार्य है। किन्हीं विशेष कारणों के चलते इसकी अनुमति जिला प्रशासन से लेनी होगी। उच्च न्यायालय के इन आदेशों की पालना में चूक करने वाले प्रशासनिक अमले के खिलाफ न्यायालय अवमानना की कार्रवाई होगी। न्यायालय में दायर याचिका के दौरान सरकार की तरफ से एडिशनल एडवोकेट जनरल दीपक बाल्यान ने सरकार का पक्ष रखा। मामले में हाईकोर्ट के वकील वंश मल्होत्रा ने बताया कि डीसी और एसपी को इस फैसले के संदर्भ में पत्र भेज चुके हैं, लेकिन इसे लागू नहीं किया जा रहा। इसके लिए अवमानना का मामला भी डाला जा सकता है।

 

बुजुर्ग ने खटखटाया था न्यायालय का दरवाजा

वरिष्ठ नागरिक उजागर सिंह का कहना है कि धार्मिक स्थल पर निर्धारित समय की पालना न करते हुए ऊंची आवाज से लाउड स्पीकर बजाया जाता है। इससे वरिष्ठ नागरिकों, रोगियों और विद्यार्थियों को समस्या का सामना करना पड़ता रहा है। जिला प्रशासन द्वारा समस्या का समाधान न किए जाने पर उसने अंतिम विकल्प के तौर पर  पंजाब-हरियाणा उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया।

 

कलायत थाना प्रभारी दलबीर सिंह ने बताया कि उप मंडल डीएसपी सज्जन कुमार के संज्ञान में पहुंचे मामले पर कार्रवाई करते हुए वरिष्ठ नागरिक उजागर सिंह की शिकायत निवारण करते हुए नियमों की पालना की हिदायत धार्मिक स्थल प्रबंधकों को दी थी। न्यायालय के आदेशों की पालना के लिए प्रशासन गंभीर है। जिला कैथल के गांव कुराड़ में ध्वनि प्रदूषण के मामले पर सुनवाई कर रही दो सदस्यीय खंडपीठ में पंजाब-हरियाणा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश रवि शंकर झा और न्यायाधीश अरुण पाली शामिल रहे। न्यायाधीशों का रवैया ध्वनि प्रदूषण को लेकर कड़ा था। याचिकाकर्ता उजागर सिंह मामले की पैरवी कर रहे एडवोकेट वंश मल्होत्रा का कहना था कि पूर्व में जो फैसला ध्वनि प्रदूषण को लेकर पंजाब-हरियाणा उच्च न्यायालय द्वारा दिया गया था, उस पर प्रशासनिक स्तर पर पालना नहीं हो रही।

 

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