संघ लोक सेवा आयोग ने लेटरल एंट्री पर पीछे खींचे कदम, कुमारी सैलजा ने कहा- कांग्रेस के 'न्याय' की जीत

Edited By Saurabh Pal, Updated: 20 Aug, 2024 06:06 PM

kumari selja s reaction on withdrawal of lateral entry decision

संघ लोकसेवा आयोग ने लेटरल एंट्री के 45 पदों पर होने वाली भर्ती से पीछे हट गई है। इसे सिरसा सांसद कुमारी सैलजा ने कांग्रेस के न्याय की अवधारणा की विजय बताई है। उन्होंने सोशल मीडिया एक्स पर पर लिखा कि ...

हरियाणा डेस्कः संघ लोक सेवा आयोग ने लेटरल एंट्री के 45 पदों पर होने वाली भर्ती से पीछे हट गई है। इसे सिरसा सांसद कुमारी सैलजा ने कांग्रेस के न्याय की अवधारणा की विजय बताई है। उन्होंने सोशल मीडिया एक्स पर पर लिखा कि "Lateral Entry पर मोदी सरकार की नीति में बदलाव श्री मल्लिकार्जुन खड़गे जी व श्री राहुल गांधी जी के नेतृत्व में कांग्रेस के 'न्याय' की अवधारणा व विचार की विजय है। अब इन भर्तियां में बिना आरक्षण के नियुक्ति नहीं की जा सकेगी। इतिहास व वर्तमान साक्षी है कि कांग्रेस ने सदैव वंचित, पिछड़े व हर जरूरतमंद वर्ग के न्याय की लड़ाई लड़ी है और जीती है। संविधान की यह जीत सामाजिक न्याय, जातिगत जनगणना व उचित भागीदारी की लड़ाई को और मजबूती देगी।"

गौरतलब है कि UPSC ने 17 अगस्त को लेटरल एंट्री के जरिए 45 पोस्ट के लिए वैकेंसी निकाली थी। जिस पर विपक्ष ने हंगामा खड़ा कर दिया। इस भर्ती को लेकर राहुल गांधी ने कहा कि लेटरल एंट्री के जरिए सरकार खुलेआम SC, ST और OBC समुदाय का हक छीन रही है। हंगामे के बाद केंद्रीय कार्मिक मंत्री जितेंद्र सिंह ने मंगलवार 20 अगस्त को UPSC चेयरमैन से नोटिफिकेशन रद्द करने को कहा। उन्होंने कहा कि PM मोदी के कहने पर यह फैसला लिया गया है। संघ लोकसेवा आयोग द्वारा 17 अगस्त को निकाले गए भर्ती विज्ञापन में जॉइंट सेक्रेटरी, डिप्टी सेक्रेटरी और डायरेक्टर जैसे बड़े सरकारी पदों पर भर्ती की जानी थी।

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