स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता का बयान, बोले- अभी तक नहीं मिला किरण चौधरी का इस्तीफा

Edited By Isha, Updated: 19 Jun, 2024 03:17 PM

kiran chaudhary s resignation has not been received yet

हरियाणा में लोकसभा चुनावों के बाद अब विधानसभा चुनावों की सरगर्मियां तेज हो गई है। कांग्रेस को आज बड़ा झटका दिग्गज नेता और तोशाम से विधायक किरण चौधरी ने देते हुए बीजेपी का दामन थाम लिया है।

चंडीगढ़(चंद्र शेखर धरणी) : हरियाणा में लोकसभा चुनावों के बाद अब विधानसभा चुनावों की सरगर्मियां तेज हो गई है। कांग्रेस को आज बड़ा झटका दिग्गज नेता और तोशाम से विधायक किरण चौधरी ने देते हुए बीजेपी का दामन थाम लिया है।

हालांकि हरियाणा के स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता का साफ तौर पर कहना है कि उन्हें अभी तक किरण चौधरी का इस्तीफा नहीं मिला है।  किरण चौधरी को दल बदल कानून के तहत कार्यवाही के लिए कांग्रेस ने तैयारी कर दी है।कांग्रेस के चीफ प्रवक्ता केवल ढींगड़ा ने कहा है की कांग्रेस कानूनी पहलुओं का अध्यन कर रही है।

 

किरण या श्रुति कौन जाएगी राज्यसभा ?

किरण और उनकी बेटी श्रुति को दिल्ली में हरियाणा के सीएम नायब सैनी के साथ हरियाणा के पूर्व सीएम मनोहर लाल और मौजूदा केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल ने पार्टी में शामिल करवाया है। वहीं आने वाले दिनों में बीजेपी में मां और बेटी की क्या भूमिका होगी इसका तो आने वाले समय में पता लगेगा लेकिन विधानसभा चुनावों से पहले हरियाणा सरकार की एक परीक्षा राज्यसभा चुनाव को लेकर भी होगी, क्योंकि विपक्ष लगातार हरियाणा सरकार के अल्पमत में होने का दावा कर रहा है। आपको बता दें कि हरियाणा की रोहतक लोकसभा सीट के दीपेंद्र हुड्डा के जीतने से ये सीट खाली हुई है, जिस पर जल्द चुनावों की घोषणा होने वाली है। बड़ा सवाल ये है कि क्या बीजेपी किरण चौधरी या उनकी बेटी श्रुति चौधरी या फिर किसी और को राज्यसभा भेजती है? ऐसे में सवाल उठता है कि क्या बीजेपी के पास विधानसभा में राज्यसभा चुनाव जीतने के  लिए पर्याप्त नंबर भी है। 

 

दलबदल कानून के लिए कौन कर सकता है अपील ?

 

संविधान  के जानकार हरियाणा विधानसभा से सेवानिवृत स्पेशल सेक्रट्री रामनारायण यादव ने दलबदल कानून को बारे में बताते हुए कहा है कि अगर विधायक इस्तीफा नहीं देता है तो इस पर कोई भी अपील कर सकता है, ओडिशा के एक विधायक के मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि अगर किसी विधायक ने पार्टी बदल ली है तो उसे इस्तीफा देना जरूरी होता है।

 

क्या बहुमत में है सैनी सरकार ?

हरियाणा के स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता का बहुमत के सवाल पर कहना है कि सैनी सरकार अभी बहुमत में है, लेकिन संविधान विशेषज्ञ रामनारायण यादव का कहना है कि सरकार के पास फ्लोर टेस्ट में बहुमत नहीं है क्योंकि हरियाणा में बीजेपी को सरकार बचाने के लिए 44 विधायक होना जरूरी है। क्योंकि किरण चौधरी के पाला बदलने और इस्तीफा मंजूर होने के बाद विधायकों की संख्या 86 हो जाएगी और अगर विपक्ष एकजुट रहता है तो भी बीजेपी के समर्थन में 44 विधायक सदन में होने जरूरी है।

 

हरियाणा विधानसभा में क्या है मौजूदा स्थिति ?

आपको बता दें कि इस वक्त बीजेपी के पास 41 विधायक है, इसके साथ बीजेपी को हलोपा के गोपाल कांडा के साथ एक निर्दलीय विधायक का समर्थन है। वहीं विपक्ष में कांग्रेस के पास इस वक्त 29 विधायकों के साथ 3 निर्दलीय विधायकों का समर्थन है, जेजेपी के 10 विधायक, इनेलो के एक विधायक अभय सिंह चौटाला और एक निर्दलीय विधायक बलराज कुंडु ने किसी को समर्थन नहीं किया है। दरअसल हरियाणा विधानसभा में दो विधायकों के इस्तीफे और एक विधायक के निधन के बाद कुल 87 विधायक मौजूद है।

 

 

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