कांग्रेस में रहकर ही तगड़े तरीके से लडूंगी लड़ाई, शुभचिंतक सोच-सोचकर ना करें सेहत खराब : किरण चौधरी

Edited By Gourav Chouhan, Updated: 21 Nov, 2022 09:24 PM

kiran chaudhary opens on speculations of joining bjp after leaving congress

चौधरी ने कहा कि लंबे समय से प्रदेश में सरकार ना होने और संगठन में जगह न मिलने के कारण लोगों में काफी मायूसी है। इस कारण बहुत से कार्यकर्ता घरों में बैठ गए हैं।

चंडीगढ़(चंद्रशेखर धरणी): किरण चौधरी के भाजपा में शामिल होने की अटकलों और पार्टी के कुछ नेताओं द्वारा उनके ऊपर की गई टिप्पणियों पर कटाक्ष करते हुए चौधरी ने कहा है कि मेरी शब्दावली कभी ओछी नहीं होती और मेरे शुभचिंतक बार-बार तरह-तरह की सोच रखकर अपनी सेहत खराब न करें। मैं यही हूं और तगड़े तरीके से लड़ाई लड़ती रहूंगी और अपने कार्यकर्ताओं की आवाज उठाती रहूंगी। किरण चौधरी ने कहा कि लंबे समय से प्रदेश में सरकार ना होने और संगठन में जगह न मिलने के कारण लोगों में काफी मायूसी है। इस कारण बहुत से कार्यकर्ता घरों में बैठ गए हैं। पार्टी के लिए काम नहीं कर रहें। उन्हें संगठित करने के लिए "किरण आपके द्वार" कार्यक्रम शुरू किया है। पूरे प्रदेशभर में अपने इस कार्यक्रम के तहत जाकर ताकि पार्टी मजबूत हो, कार्यकर्ताओं तक उनकी आवाज बनने को लेकर जाऊंगी और पार्टी को मजबूत करने का काम करूंगी। किरण चौधरी ने कहा कि राजनीति में सभी की आशाएं और अभिलाषाएं होती हैं। किसी भी पार्टी की रीढ़ की हड्डी कार्यकर्ता ही होते हैं। पार्टी के इन कार्यकर्ताओं की आवाज बनने के लिए मैं इस कार्यक्रम के तहत निकली हूं। 

 

सरकार कोई ऐसा काम नहीं कर रही, जिससे किसानों का फायदा हो : किरण

 

किरण चौधरी ने कहा कि आज प्रदेश की आर्थिक स्थिति बेहद डगमग आई हुई है। 3,11,799 करोड़ के जबरदस्त कर्ज के नीचे प्रदेश डूबा हुआ है। हालात यह है कि कर्ज के भुगतान के लिए कर्ज लेना पड़ रहा है। लोन को सर्विस करने के लिए लोन लेना प्रदेश की स्थिति को बताने के लिए काफी है। बेशक प्रदेश सरकार लिमिट में होने की बात कह रही हो, लेकिन विकास कार्य प्रभावित हुए हैं। विकास की गति धीमी हुई है। हमने बजट सेशन में भी पिछली बार आवाज उठाई थी। केंद्र द्वारा जीएसटी कंपनसेशन देना भी बंद कर दिया है। इस मुद्दे को बजट सेशन में मैंने जोर शोर से उठाया था और इस शीतकालीन सत्र के दौरान दर्ज मुकदमों को वापिस लेने से वादाखिलाफी कर रही सरकार को कई मुद्दों पर घेरेंगे। सरकार द्वारा बाजरे की एमएसपी 2300 रुपए देने की बजाय 1600 में आज बाजरा बेचने को किसान मजबूर है। भावांतर योजना से भरपाई नहीं की जा रही। खाद वितरण में गलत व्यवस्था अपनाई जा रही है।

 

बेरोजगारी बढ़ने से ड्रग्स की चपेट में आ रहे प्रदेश के युवा

 

उन्होंने कहा कि आज हमारा प्रदेश किसानों के कारण ही अर्थव्यवस्था संभाले हुए हैं, लेकिन सरकार इसे बर्बाद करने में लगी है। सरकार कोई ऐसा काम नहीं कर रही, जिससे किसानों का फायदा हो। इसके साथ साथ बेरोजगारी के चरम सीमा पर होने के कारण प्रदेश के नौजवान ड्रग्स की चपेट में आते जा रहे हैं। पिछली बार सेशन के दौरान मुद्दा उठाने पर सरकार ने इस पर पूरी तरह से कार्यवाही करने की बेशक बात की थी, लेकिन आज भी हालात ज्यों के त्यों बने हुए हैं। जबकि युद्ध स्तर पर काम करने की बेहद जरूरत है। सामाजिक संगठनों के साथ-साथ सभी राजनीतिक दलों को हाथ मिलाकर काम करना होगा। पंजाब की तरह हरियाणा का युवा भी बर्बाद ना हो, उसके लिए हम सबको मिलकर काम करना होगा।

 

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