Edited By Manisha rana, Updated: 01 Jun, 2024 08:59 AM
कैथल जिला परिषद में हुए 7 करोड़ रुपए के घोटाले की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है। वैसे-वैसे ही इसकी परतें खुलने भी शुरू हो गई हैं। विजिलेंस टीम द्वारा दिन प्रतिदिन बड़े-बड़े खुलासे किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में आज घोटाले में संलिप्त बचे हुए आठ अन्य...
कैथल (जयपाल रसूलपुर) : कैथल जिला परिषद में हुए 7 करोड़ रुपए के घोटाले की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है। वैसे-वैसे ही इसकी परतें खुलने भी शुरू हो गई हैं। विजिलेंस टीम द्वारा दिन प्रतिदिन बड़े-बड़े खुलासे किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में आज घोटाले में संलिप्त बचे हुए आठ अन्य आरोपियों के नाम भी उजागर हुए हैं। इनमें दो जे.ई व 6 फर्म के मालिकों के नाम शामिल है। जिनमें एक भाजपा के बड़े नेता का नाम सामने आया है। सफाई घोटाले की राशि में सबसे ज्यादा इनकी फर्म के ही बिल हैं। घोटाले में भाजपा नेता का नाम सामने आने के बाद शहर में चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है। वही पूछताछ के लिए दो दिन के रिमांड खत्म होने के बाद विजिलेंस द्वारा सभी आरोपियों को जेल भेज दिया है। पूछताछ में विजिलेंस टीम आरोपियों से लगभग 50 लाख रुपए ही बरामद कर पाई है। इसके अलावा आरोपियों द्वारा भ्रष्टाचार की कमाई से अर्जित की गई पांच बेनामी संपत्तियों के बारे में भी पता चला है। जिनका रिकॉर्ड चेक करने के लिए रेवेन्यू विभाग की मदद ली जाएगी।
भारत प्रोजेक्ट के नाम से बनाई थी फर्म
विजिलेंस की एफ.आई.आर के 8वें नंबर पर भाजपा के नेता प्रवीण सरदाना का नाम दर्ज है। जिसके अनुसार प्रवीण सरदाना भारत प्रोजेक्ट के प्रोप्राइटर हैं। वे अपने आप को पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल के करीबियों में से बताते हैं। जिनके सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पूर्व सी.एम व भाजपा के कई बड़े नेताओं के साथ काफी फोटो उपलब्ध हैं। इसके साथ कांग्रेस नेता सुरेंद्र ढुल के बेटे विशेष ढुल की भी इस फर्म में हिस्सेदार है। सुरेंद्र ढुल ने कुछ दिन पहले ही बांगर नेता बीरेंद्र सिंह के साथ कांग्रेस पार्टी जॉइन की थी। गौर करने वाली बात ये है कि घोटाले की राशि में सबसे ज्यादा बिल भी इसी फर्म के नाम के हैं। विजिलेंस टीम द्वारा आरोपी प्रवीन सरदाना को पकड़ने के लिए उसके घर रेड की गई थी। शायद उसको इस कार्रवाई की पहले ही भनक लग गई और वह भाग निकला। अब उसका मोबाइल भी बंद आ रहा है।
सफाई घोटाले में शामिल हैं 15 आरोपी, अभी तक 7 ही हुए गिरफ्तार
जिला परिषद के सफाई घोटाले में 15 आरोपी शामिल हैं, लेकिन इसमें से अभी तक केवल सात आरोपियों की ही गिरफ्तारी हो पाई है। जबकि अन्य आठ आरोपी अभी ए.सी.बी की गिरफ्तार से बाहर है। अभी तक कैथल में पंचायती राज के एसडीओ रहे रोहतक के एक्सईएन नवीन, कैथल में पंचायती राज के जेई जसबीर सिंह, अकाउंटेंट कुलवंत के साथ पंचायती राज के ठेकेदार गांव फरियाबाद निवासी दिलबाग सिंह, गांव फतेहपुर निवासी अभय संधू, ठेकेदार राजेश व पूंडरी निवासी अनिल को गिरफ्तार किया जा चुका है। इनका रिमांड शुक्रवार को खत्म हो चुका है और न्यायालय ने उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। इस मामले में दर्ज एफआईआर के मुताबिक जेई जयवीर और साहिल व ठेकेदार भाजपा नेता प्रवीण सरदाना, रोहताश, कमल, प्रवीन, तिलक राज व सुमित को आरोपी बनाया गया है। गिरफ्तारी के लिए इन आरोपियों के अलग-अलग ठिकानों पर दबिश दी जा रही है।
आरोपियों ने घोटाले के पैसों से खरीदी थी 2 करोड़ के करीब की अवैध संपत्ति
दो दिन के पुलिस रिमांड में पूछताछ में पता चला कि घोटाले की आरोपियों ने घोटाले की राशि से बेनामी प्रॉपर्टी खरीदी थी। इनमे प्लॉट, दुकान व मकान सहित अन्य पांच तरह की संपत्ति शामिल है। विजिलेंस टीम इसकी जांच करवाने के लिए अब रेवेन्यू विभाग की मदद लेगी। इसके बाद यदि बताई गई प्रॉपर्टी सच में बेनामी पाई जाती हैं तो उसको सरकारी रिवेन्यु के अटैक करने की कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
आरोपियों की धरपकड़ के लिए 5 टाइम दे रही दबिश
पकड़े गए सातों आरोपियों को कोर्ट के आदेश अनुसार शुक्रवार को 14 दिन के लिए न्याय की हिरासत भेज दिया है। मामले में बचे हुए आठ आरोपी गिरफ्तारी के डर से भाग रहे हैं। जिनकी घर पकड़ करने के लिए विजिलेंस ने पांच टीमें गठित की है। जो लगातार आरोपियों के घर व रिश्तेदारों के ठिकानों पर रेड कर रहे हैं। इसके साथ ही आरोपियों को जल्द पकड़ने के लिए साइबर सेल की भी मदद ली जा रही है। विजिलेंस पुलिस का दावा है कि एक-दो दिन के अंदर ही सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
गिरफ्तारी के डर से आरोपी लगा रहे कोर्ट में जमानत
सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी अनुसार घोटाले में संलिप्त डिप्टी सी.ई.ओ सहित कई ठेकेदार व कर्मचारी गिरफ्तारी के डर से कोर्ट में अपनी जमानत लगाने की तैयारी कर रहे हैं। फिलहाल अभी तक किसी भी आरोपी की जमानत होने की सूचना नहीं मिली है। वहीं कानून के जानकारों का कहना है कि ऐसे मामले में सेशन कोर्ट व हाई कोर्ट से जमानत मिलने के चांस बहुत काम होते हैं। यह अलग-अलग केस व आरोपी की भूमिका पर निर्भर होता है। सेशन कोर्ट से बेल एप्लीकेशन रिजेक्ट होने के बाद ही जमानत के लिए हाई कोर्ट से राहत मिलने की उम्मीद रहती है।
सफाई घोटाला मामले में 15 आरोपी शामिल है। इसमें से सात आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। इसमें एक भाजपा नेता का नाम भी सामने आया है। उसे, घोटाला के मास्टरमाइंड सहित अन्य आरोपियों को हिरासत में लेने के लिए दबिश दी जा रही है। जल्द ही इस मामले में सफलता प्राप्त होगी।
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