Edited By Isha, Updated: 09 Feb, 2025 10:50 AM
हरियाणा के फरीदाबाद में चल रहे सूरजकुंड मेले में अफ्रीकी भैंस की हडि्डयों से बनी ज्वेलरी सभी को आकर्षित कर रही है। जानकारी के मुताबिक, इसमें अंगूठी से लेकर गले का हार, ब्रेसलेट और कानों के झुमके तक शामिल
फरीदाबाद: हरियाणा के फरीदाबाद में चल रहे सूरजकुंड मेले में अफ्रीकी भैंस की हडि्डयों से बनी ज्वेलरी सभी को आकर्षित कर रही है। जानकारी के मुताबिक, इसमें अंगूठी से लेकर गले का हार, ब्रेसलेट और कानों के झुमके तक शामिल हैं जिनकी खूब बिक्री चल रही है। इसके अलावा सींग से बना बीयर मग और ड्रिंक शॉट भी उपलब्ध हैं।
उत्तर प्रदेश के संभल से आए शिल्पकार ऐसे ही कई प्रोडक्ट साथ लेकर आए और साथ ही उनका कहना है कि ये सारे आइटम्स अफ्रीकी भैंस की हड्डियों और सींग से बनते हैं। इसके अलावा अमेरिका समेत कई देशों में इसकी सप्लाई भी होती है।मेले में स्टॉल लगा बैठे संभल के शिल्पकार मोहम्मद शोएब बताते हैं कि उनके दादा यह काम करते थे। असल में उनकी दादी को कंघी की जरूरत थी। उनके दादा ने इसी तरह हड्डियों से कंघी बनाकर उन्हें दी। इसके बाद और भी प्रोडक्ट तैयार करने शुरू कर दिए। धीरे-धीरे यह उनका पुश्तैनी काम बन गया।
कहां मिलती हडि्डयां
शोएब बताते हैं कि भारत सरकार के अफ्रीका से अफ्रीकी भैंस का सींग और उसकी हड्डियों को मंगाती है। इन्हें आगे शिल्पकारों को बेच दिया जाता है।वह बताते हैं कि ऐसा नहीं है कि हड्डियां और सींग मिलते ही उसके प्रोडक्ट बना देते हैं। हड्डी की पहले कई दिन तक प्रोसेसिंग की जाती है। इसमें उसे गर्म कर मांस को पूरी तरह साफ किया जाता है। फिर उसे केमिकल से भी साफ किया जाता है, ताकि उसमें कोई बदबू न रहे। इस सब काम में एक हफ्ते का टाइम लग जाता है। इसके बाद मशीन के जरिए अलग-अलग तरह के प्रोडक्ट बनाए जाते हैं। मोहम्मद शोएब बताते हैं कि उनके प्रोडक्ट्स की डिमांड विदेश में ज्यादा है। जर्मनी, अमेरिका, इटली, फ्रांस और ऑस्ट्रेलिया में उनके प्रोडक्ट्स जाते हैं। यूरोपीय देशों में कई प्रोडक्ट्स की ज्यादा डिमांड है।