आरोप- कार्रवाई करने के बजाए अपराधियों को बचाने में जुटी है सिरसा पुलिस

Edited By Shivam, Updated: 13 Jan, 2020 01:31 AM

instead of taking action sirsa police is trying to save the criminals

रतिया व टोहाना के तत्कालीन एसएमओ द्वारा की वर्ष 2016 में की गई रेड के बाद दोनों अधिकारियों के खिलाफ जुटाए गए दस्तावेजों के आधार पर पुलिस कार्रवाई करने की बजाए आरोपियों को बचाने में जुटी है और मामले में ढिलाई बरती जा रही है। सिरसा पुलिस पोलिग्राफी...

सिरसा (सतनाम सिंह): रतिया व टोहाना के तत्कालीन एसएमओ द्वारा की वर्ष 2016 में की गई रेड के बाद दोनों अधिकारियों के खिलाफ जुटाए गए दस्तावेजों के आधार पर पुलिस कार्रवाई करने की बजाए आरोपियों को बचाने में जुटी है और मामले में ढिलाई बरती जा रही है। सिरसा पुलिस पोलिग्राफी टेस्ट का तर्क देकर आरोपियों को बचाने में जुटी है। उक्त आरोप शिकायतकर्ता 67 वर्षीय कांता गर्ग के पुत्र डॉ. गगनदीप ने आज एक निजी रेेस्तरां में पत्रकारोंं से रू-ब-रू होते हुए लगाए।

डॉ. गगनदीप ने कहा कि रतिया के तत्कालीन एसएमओ डॉ. वीके जैन व टोहाना के तत्कालीन एसएमओ ने वर्ष 2016 में उनके टोहाना में स्थित गर्ग मैटरनिटी सैंटर व कल्याणी नर्सिंग होम मेंं रेड कर ओपीडी का रजिस्टर जब्त कर लिया। इस रजिस्टर को न तो पुलिस प्रशासन को दिया गया और न ही स्वास्थ्य विभाग को दिया गया।

फर्जी मामला दर्ज करवाने का दबाव
आरोप है कि मामले की टीम ने उनसे 15 लाख रुपये की मांग की और यह रकम न देने की एवज में फर्जी मामला दर्ज करने का भी दबाव बनाया। लंबी लड़ाई लडऩे के बाद आखिरकार टोहाना सिटी पुलिस में मामला दर्ज तो हुआ लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। तत्कालीन आईजी को मामले से अवगत करवाने के बाद उन्होंने मामले में एसआईटी का गठन किया और डीएसपी आर्यन चौधरी को मामले की जांच सौंपी।

कष्ट निवारण समिति की बैठक में दर्ज करवाया मामला
डॉ. गगनदीप ने यह भी कहा कि डीएसपी आर्यन चौधरी को उन्होंंने सभी तथ्य दे दिए हैं, लेकिन वे पोलिग्राफी पर अड़े हैं, जिससे ऐसा प्रतीत होता है कि पुलिस आरोपियों को बचाने में जुटी है। इसी के साथ फतेहाबाद के सिविल सर्जन की मामले में भूमिका की जांच नहीं की जा रही। मामले के आरोपी स्वतंत्र घूम रहे है और जांच प्रभावित कर रहे हैं। इसलिए उन्होंने मामले को कष्ट निवारण समिति की बैठक में दर्ज करवाया है और बैठक में वे गृह मंत्री अनिल विज के समक्ष तथ्यों के साथ अपनी बात रखेंगे।

डीएसपी ने आरोपों को सिरे से नकारा
वहीं इस मामले में डीएसपी आर्यन चौधरी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि शिकायतकर्ता डॉ. गगनदीप के आरोप बिलकुल गलत है। पोलियोग्राफी टेस्ट की मांग पहले शिकायतकर्ता ने ही थी। अगर हमें लगेगा तो हम करवाएंगे अन्यथा नहीं। मामले की निष्पक्ष जांच की जा रही है।

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