आतंकवादियों से लोहा लेते हुए शहीद हुए थे इंस्पेक्टर बलजीत सिंह, परिजनों को किया गया सम्मानित

Edited By Shivam, Updated: 24 Oct, 2020 02:58 PM

inspector baljit singh was martyred while fighting against terrorists

प्रदेश के रहने वाले और विभिन्न राज्यों में देश के दुश्मनों से लोहा लड़ते हुए शहीद हुए पुलिस कर्मचारियों एवं अधिकारियों के परिजनों को पुलिस द्वारा विशेष रूप से सम्मानित किए जाने का निर्णय लिया है। यमुनानगर में ऐसे 7 पुलिस अधिकारी, कर्मचारी हैं,...

यमुनानगर (सुरेंद्र मेहता): प्रदेश के रहने वाले और विभिन्न राज्यों में देश के दुश्मनों से लोहा लड़ते हुए शहीद हुए पुलिस कर्मचारियों एवं अधिकारियों के परिजनों को पुलिस द्वारा विशेष रूप से सम्मानित किए जाने का निर्णय लिया है। यमुनानगर में ऐसे 7 पुलिस अधिकारी, कर्मचारी हैं, जिन्होंने देश की सेवा करते हुए अपने प्राण न्योछावर कर दिए। यमुनानगर पुलिस अधीक्षक कमलदीप गोयल शेरगढ़ गांव में पहुंचे। यहां पर शहीद इंस्पेक्टर बलजीत सिंह को श्रद्धांजलि दी गई, जिसमें एसपी ने शहीद के परिजनों को श्रद्धांजलि पत्र व उपहार देकर सम्मानित किया। 

पुलिस अधीक्षक कमलदीप गोयल ने बताया कि इंस्पेक्टर बलजीत सिंह जिला करनाल में तैनात थे। 31 मई 1992 को पाला राम नाम के आतंकी की तलाश में पुलिस टीमें दबिश दे रही थी। उसके गांव में छापेमारी की गई। वह नहीं मिला था। इस दौरान एक अन्य आतंकी जरनैल सिंह ने पुलिस पार्टी पर फायरिंग की, जिसमें इंस्पेक्टर बलजीत सिंह समेत कई अन्य पुलिसकर्मियों को गोली लगी थी। जिसमें बलजीत सिंह शहीद हो गए थे। पुलिस स्मृति दिवस इन शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए मनाया जा रहा है। गांव में समारोह का आयोजन कर शहीदों के स्वजनों को सम्मानित किया जा रहा है। 

PunjabKesari, Haryana

पुलिस अधीक्षक ने कहा कि शहीदों ने देश के लिए जान दी। यह एक प्रयास है। जिससे इन शहीदों के परिवारों को भी याद किया जा सके। साथ ही ग्राम पंचायतों में जब इन शहीदों की याद में आयोजन होंगे, तो निश्चित रूप से इससे नौजवान युवा देश सेवा व सेना में जाने के प्रति प्रेरित होंगे।

शहीद इंस्पेक्टर बलजीत सिंह के बेटे सुरेंद्र पाल को भी अपने पिता की शहादत पर गर्व है। उन्होंने कहा कि यह अच्छी बात है कि शहीदों के सम्मान में उनके परिजनों को सम्मानित करने के लिए इस तरह के प्रयास किए जा रहे हैं। वहीं शहीद के भाई का कहना है कि उन्हें अपने बाई की शहादत पर गर्व है। शहीदों की याद में उनके गांव में जाकर पुलिस द्वारा कार्यक्रम किया जाना सराहनीय कदम है, जहां शहीदों के परिजन एवं ग्रामवासी इसका स्वागत कर रहे हैं, वहीं इससे आने वाली पीढ़ी को भी देशभक्ति की भावना जागृत होगी।

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