Edited By Yakeen Kumar, Updated: 20 Dec, 2024 03:05 PM
प्रदेश में नगर पालिकाओं में आय-व्यय का लेखा-जोखा अब राष्ट्रीय स्तर के मानकों के अनुसार तय होगा। जिससे नगर पालिकाओं के बजट पर सरकार भी निगरानी रख सकेगी।
चंड़ीगढ़ : प्रदेश में नगर पालिकाओं में आय-व्यय का लेखा-जोखा अब राष्ट्रीय स्तर के मानकों के अनुसार तय होगा। जिससे नगर पालिकाओं के बजट पर सरकार भी निगरानी रख सकेगी। सरकार की ओर से हरियाणा नगर पालिका लेखा संहिता बनाई जा रही है। जिसका ड्राफ्ट तैयार हो गया है।
इसी अनुसार यदि पालिका में एक हजार रुपए का भी किसी कर्मचारी या अधिकारी ने गड़बड़ की गई तो उसे जेल होगी। अब पहले की तरह रिकवरी करके या जुर्माना लगाकर नहीं छोड़ा जाएगा। इसमें स्पष्ट लिखा गया है कि गबन का कोई भी मामला आएगा तो उसकी जांच करके मुख्य नगर पालिका अधिकारी इसकी रिपोर्ट जिला नगर आयुक्त के जरिए महकमे के निदेशक को भेजेंगे। निदेशक एक हजार के गबन पर भी पुलिस को सूचना दे सकेंगे।
प्रतिदिन की ऑडिट भी हो सकेगी
वहीं, अब हर आय-व्यय के ब्यौरे के लिए प्रफोर्मा निर्धारित होगा। जहां भी पैसा खर्च होगा या जहां से भी पैसा आएगा, उसका एक अलग मद होगा, जिसका कोड भी बनाया जाएगा। यह भी तय किया है कि किस प्रकार बजट तय होगा यानी बजट तैयार करते वक्त किन चीजों का ध्यान रखा जाएगा। इसके साथ ही अब सालाना ही नहीं बल्कि प्रतिदिन की ऑडिट भी की जाएगी। जिससे पूरे बजट पर सरकार की निगरानी रहेगी।
लोगों से मांगे जाएंगे सुझाव
सरकार की ओर से अब इस पर लोगों से 30 दिनों में सुझाव और आपत्तियां भी मांगी गई है। खास बात यह है कि नगर पालिका लेखा संहिता का ड्राफ्ट जारी कर एक माह में लोगों से सुझाव और आपत्तियां भी मांगी है। इसके बाद यह संहिता लागू की जा सकती है।
तीन वर्ष में देना करना होगा सत्यापन
नगपालिकाओं को 3 वर्ष में चल-अचल संपति का सत्यापन करना होगा। इसके लिए पालिका कमेटी नियुक्त करेगी, जो इसकी जांच करेगी। एक सदस्य दो बार अधिक से सत्यापन करने वाली कमेटी में नहीं हो सकेंगे। जिला नगर आयुक्त चाहें तो वे सत्यापन के लिए लेखा परीक्षक की भी नियुक्ति कर सकते हैं।
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